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माता-पिता-बच्चो का व्यवहार - उपन्यास
Disha Jain
द्वारा
हिंदी कुछ भी
किस जन्म में बच्चे नहीं हुए? माता-पिता के बगैर किसका अस्तित्व संभव है? सभी भगवान माँ के पेट से ही जन्मे थे! इस प्रकार माता-पिता और बच्चों का व्यवहार अनादि अनंत है। यह व्यवहार आदर्श किस प्रकार बने, इसके लिए सब दिन-रात प्रयत्न करते दिखते हैं। उसमें भी इस कलियुग में तो हर बात पर माता-पिता और बच्चों के बीच जो मतभेद देखने में आते हैं, उन्हें देखकर लोग घबरा जाते हैं। सत्युग में भी भगवान राम और लव-कुश का व्यवहार कैसा था? ऋषभदेव भगवान से अलग संप्रदाय चलाने वाले मरीचि भी तो थे। धृतराष्ट्र की ममता और दुर्योधन की स्वच्छंदता क्या अनजानी है? भगवान महावीर के समय में श्रेणिक राजा और पुत्र कोणिक मुगलों की याद नहीं दिलाते क्या? मुगल बादशाह जगप्रसिद्ध हुए, उनमें एक ओर बाबर था, जिसने हुमायूँ के जीवन की खातिर, अपना जीवन बदले में देने की अल्लाह से दुआ की थी, तब दूसरी ओर शाहजहाँ को कैद में डालकर औरंगजेब गद्दीशीन हुआ था। भगवान राम पिता के कारण ही बनवास गए थे। श्रवण ने माता-पिता को कावड़ में बिठाकर यात्रा करवाई थी (मुखपृष्ठ)। ऐसे राग-द्वेष के बीच झूलता हुआ माता-पिता और बच्चों का व्यवहार प्रत्येक काल में होता है। वर्तमान में द्वेष का व्यवहार विशेष रूप से देखने में आता है।
संपादकीयकिस जन्म में बच्चे नहीं हुए? माता-पिता के बगैर किसका अस्तित्व संभव है? सभी भगवान माँ के पेट से ही जन्मे थे! इस प्रकार माता-पिता और बच्चों का व्यवहार अनादि अनंत है। यह व्यवहार आदर्श किस प्रकार बने, इसके ...और पढ़ेसब दिन-रात प्रयत्न करते दिखते हैं। उसमें भी इस कलियुग में तो हर बात पर माता-पिता और बच्चों के बीच जो मतभेद देखने में आते हैं, उन्हें देखकर लोग घबरा जाते हैं। सत्युग में भी भगवान राम और लव-कुश का व्यवहार कैसा था? ऋषभदेव भगवान से अलग संप्रदाय चलाने वाले मरीचि भी तो थे। धृतराष्ट्र की ममता और दुर्योधन की
माता-पिता का बच्चों के प्रति व्यवहार — (पूर्वार्ध)1. सिंचन, संस्कार के...प्रश्नकर्ता : यहाँ अमरीका में पैसा है, लेकिन संस्कार नहीं हैं और यहाँ आसपास का वातावरण ही ऐसा है, तो इसके लिए क्या करें?दादाश्री : पहले तो माता-पिता को ...और पढ़ेबनना चाहिए। फिर बच्चे बाहर जाएँगे ही नहीं। माता-पिता ऐसे हों कि उनका प्रेम देखकर बच्चे वहाँ से दूर जाएँ ही नहीं। माता-ि पता को ऐसा प्रेममय बनना चाहिए। बच्चों को अगर सुधारना हो तो आप ज़िम्मेदार होो। बच्चों के साथ आप फर्ज़ से बँधे हुए हो। आपको समझ में नहीं आया?अपने लोगों के बच्चों को बहुत उच्च स्तर