Yatna book and story is written by Bindu _Maiyad in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Yatna is also popular in महिला विशेष in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
यातना - उपन्यास
Bindu _Maiyad
द्वारा
हिंदी महिला विशेष
नया ही मूवी रिलीज हुआ था थिएटर में खूब धूम मचा रहा था और मूवी के स्टार कास्ट थे माधुरी दीक्षित और अनिल कपूर और उस समय उनकी जोड़ी हिट हो रही थी और माधुरी के एक के बाद एक सुपरहिट गाने लोगों को दीवाना बना रहे थे थिएटर में मूवी शुरू हो चुकी थी और बीच में ही गीत शुरू होता है धक धक करने लगा... और इस तरफ दिनेश नशे की हालत में गीत के शब्दों पर नहीं पर हीरोइन के बॉडी पर ही ध्यान केंद्रित करते हुए खड़े हो जाता है और नृत्य करती स्त्री को निहारता रहता है और उस पर उसी समय वासना का भूत सवार हो जाता है उसने उस दिन इतना नशा किया था कि वह ठीक से खड़े भी नहीं रह पाता था उसके कुछ दोस्तों ने उसे संभाल कर जैसे-तैसे घर पहुंचाया।
नया ही मूवी रिलीज हुआ था थिएटर में खूब धूम मचा रहा था और मूवी के स्टार कास्ट थे माधुरी दीक्षित और अनिल कपूर और उस समय उनकी जोड़ी हिट हो रही थी और माधुरी के एक के बाद ...और पढ़ेसुपरहिट गाने लोगों को दीवाना बना रहे थे थिएटर में मूवी शुरू हो चुकी थी और बीच में ही गीत शुरू होता है धक धक करने लगा... और इस तरफ दिनेश नशे की हालत में गीत के शब्दों पर नहीं पर हीरोइन के बॉडी पर ही ध्यान केंद्रित करते हुए खड़े हो जाता है और नृत्य करती स्त्री को निहारता
रंभा कभी-कभी जब दिनेश नहीं होता था तो मान्या के घर जाती थी और उसे अपनी ह्रदय की करुणा की बातें बताती थी मान्या भी कभी-कभी तो रो पड़ती थी रंभा की बात को सुनकर वह रंभा के प्रति ...और पढ़ेजताती थी और रंभा को कभी-कभी कहती थी कि तुम कमजोर मत पड़ना सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन रंभा कहती थी मैं भी दिन में यही सोचती हूं कि आज रात को कुछ नहीं होगा लेकिन रात होते ही जैसे दिनेश एक हैवान बन जाता है कई कई बार तो में बेहोश हो जाती हूं पर वह मुझे छोड़ता
कभी-कभी तो रंभा सोचती थी कि दो-तीन साल में ही यह सब बंद हो जाएगा और शायद ज्यादातर काम की वजह से और व्यस्त रहने की वजह से दिनेश उस पर जो अत्याचार करता है उस पर सहज रूकावट ...और पढ़ेजाएगी लेकिन दिन-ब-दिन दिनेश की हरकतें और हैवानी हो गई कभी-कभी तो रंभा इतना थक जाती थी कि उठने की कोशिश के बावजूद भी वह उठ नहीं पाती थी सारा बदन मानो दर्द से कांप रहा हो और कभी-कभी तो वह बुखार से तपती रहती थी और जहां जैसे पड़ी होती थी सुबह तक वहीं वैसे ही पड़ी रहती थी