Raaj ka Pyar book and story is written by Miss Chhoti in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Raaj ka Pyar is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
राज का प्यार - उपन्यास
Miss Chhoti
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
राज के लिये वो शाम बहुत हसीन थी। जिस दिन उसने निया को पहली बार देखा था। वैसे तो राज बड़ा ही शरीफ लड़का है उसने आज तक किसी लड़की को गलत नजर से नही देखा। प्यार मोहब्बत से दूर रहने वाला लड़का है। पर निया में उसने ऐसा क्या देखा की वो उसका हो गया?
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राज ने एंजिनर की पढाई की है और वो सूरत एक बड़ी कंपनी मे मैनेजर की पोस्ट पर जॉब करता है। वो बहुत कम या यू कहु की सिर्फ काम की बाते करता है। वो हर किसीसे बात तक नहीं करता। मौज, मस्ती, मजाक करना उसे अच्छा लगता है। पर हर किसके साथ नहीं। कभी कभी ऐसा लगता है वो खुलके जीता नहीं है। ज्यादा तर खुदको काम और अपनी पढाई मे व्यस्त रखता है।
मन में क्या है, क्या चल रहा है किसीको नहीं बताता।
उसके दोस्त! काले, गोरे, भूरे, सभी एक से बढ़कर एक है। उसके साथ गाँव में क्रिकेट खेलने अक्सर जाता। पर जबसे शहर मे नौकरी करने लगा है तब से गाँव के दोस्तो से मुलाकात कम होने लगी। और उसका मस्ती मिजाज भी कम हो गया। शहर मे कही दोस्त है पर उससे उतना लगाव नहीं जितना गाँव के दोस्तो के साथ है।
राज के लिये वो शाम बहुत हसीन थी। जिस दिन उसने निया को पहली बार देखा था। वैसे तो राज बड़ा ही शरीफ लड़का है उसने आज तक किसी लड़की को गलत नजर से नही देखा। प्यार मोहब्बत से ...और पढ़ेरहने वाला लड़का है। पर निया में उसने ऐसा क्या देखा की वो उसका हो गया? ............................................................राज ने एंजिनर की पढाई की है और वो सूरत एक बड़ी कंपनी मे मैनेजर की पोस्ट पर जॉब करता है। वो बहुत कम या यू कहु की सिर्फ काम की बाते करता है। वो हर किसीसे बात तक नहीं करता। मौज, मस्ती, मजाक
आगे....... राज मन ही मन बहोत परेशान रहने लगा। ठीक से खाना तक नहीं खाता था। सबके सामने मुस्कुराता पर अंदर से वो बिल्कुल अकेला महसूस करता। एक तरफ निया और एक तरफ उसका परिवार, एक तूफांन चल रहा ...और पढ़ेमन मे।वो गलत तो नहीं था उसे परिवार और प्यार दोनों ही चाहिये था। इसी नादानी मे उसने अपने भाई - भाभी दोनों को दुःखी कर दिया था। भाभी के लिये जैसे राज उसका छोटा भाई था। वो यही चाहती थी की राज हमेंशा खुश रहे। उसीने अपने सास ससुर से बात की। उनको राज और निया के, रिश्ते के