Karm ka Vigyaan book and story is written by Disha Jain in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Karm ka Vigyaan is also popular in विज्ञान in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. कर्म का विज्ञान - उपन्यास Disha Jain द्वारा हिंदी विज्ञान 6.7k Downloads 14.8k Views 2 Likes Writen by Disha Jain पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उपन्यास विवरण जून 1958 की एक संध्या का करीब छः बजे का समय, भीड़ से भरा सूरत शहर का रेल्वे स्टेशन, प्लेटफार्म नं. 3 की बेंच पर बैठे श्री अंबालाल मूलजी भाई पटेल रूपी देह मंदिर में कुदरती रूप से, अक्रम रूप में, कई जन्मों से व्यक्त होने के लिए आतुर 'दादा भगवान' पूर्ण रूप से प्रकट हुए और कुदरत ने सर्जित किया। अध्यात्म का अद्भुत आश्चर्य एक घंटे में उन्हें विश्वदर्शन हुआ। मैं कौन? भगवान कौन? जगत् कौन चलाता है? कर्म क्या? मुक्ति क्या? इत्यादि जगत् के सारे आध्यात्मिक प्रश्नों के संपूर्ण रहस्य प्रकट हुए। इस तरह कुदरत ने विश्व के सम्मुख एक अद्वितीय पूर्ण दर्शन प्रस्तुत किया और उसके माध्यम बने श्री अंबालाल मूलजी भाई पटेल, गुजरात के चरोतर क्षेत्र के भादरण गाँव के पाटीदार, कॉन्ट्रैक्ट का व्यवसाय करने वाले, फिर भी पूर्णतया वीतराग पुरुष! ‘व्यापार में धर्म होना चाहिए, धर्म में व्यापार नहीं’, इस सिद्धांत से उन्होंने पूरा जीवन बिताया। जीवन में कभी भी उन्होंने किसी के पास से पैसा नहीं लिया बल्कि अपनी कमाई से भक्तों को यात्रा करवाते थे। जैसे उन्हें प्राप्ति हुई, उसी प्रकार केवल दो ही घंटों में अन्य मुमुक्षुजनों को भी वे आत्मज्ञान की प्राप्ति करवाते थे, उनके अद्भुत सिद्ध हुए ज्ञानप्रयोग से। उसे अक्रम मार्ग कहा। अक्रम, अर्थात् बिना क्रम के, और क्रम अर्थात् सीढ़ी दर सीढ़ी, क्रमानुसार ऊपर चढ़ना। अक्रम अर्थात् लिफ्ट मार्ग, शॉर्ट कट। वे स्वयं प्रत्येक को ‘दादा भगवान कौन ?’ का रहस्य बताते हुए कहते थे कि “यह जो आपको दिखते हैं वे दादा भगवान नहीं हैं, वे तो ‘अंबालाल मूलजी भाई पटेल’ हैं। हम ज्ञानीपुरुष हैं और भीतर प्रकट हुए हैं, वे ‘दादा भगवान’ हैं। दादा भगवान तो चौदह लोक के नाथ हैं। वे आप में भी हैं, सभी में हैं। आपमें अव्यक्त रूप में रह रहें हैं। और ‘यहाँ’ हमारे भीतर संपूर्ण रूप से व्यक्त हुए हैं। दादा भगवान को मैं भी नमस्कार करता हूँ।” More Interesting Options लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी Load More Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of December 2024 Best Novels of 2023 Best Novels of 2023 Best Novels of January 2023 Best Novels of February 2023 Best Novels of March 2023 Best Novels of April 2023 Best Novels of May 2023 Best Novels of June 2023 Best Novels of July 2023 Best Novels of August 2023 Best Novels of September 2023 Best Novels of October 2023 Best Novels of November 2023 Best Novels of December 2023 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> पूर्ण उपन्यास Episodes Novels कर्म का विज्ञान - 1 New जो कुछ भी हमारे साथ अच्छा या बुरा हो रहा हैं, इसके ज़िम्मेदार हम खुद ही है। इस जीवन के कर्मो के बीज तो हमारे पिछले जन्मो... Read Free Novels कर्म का विज्ञान - 2 New “जब भी हमारे साथ कुछ भी अच्छा या बुरा होता है तो हम हमेशा यही कहते हैं कि यह सब हमारे कर्मो का ही नतीजा है। दादाश्री कहत... Read Free Novels कर्म का विज्ञान - 3 New “जब भी हमारे साथ कुछ भी अच्छा या बुरा होता है तो हम हमेशा यही कहते हैं कि यह सब हमारे कर्मो का ही नतीजा है। दादाश्री कहत... Read Free //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>