Allah Dekh raha he ? book and story is written by Altaf Raja in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Allah Dekh raha he ? is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अल्लाह देख रहा है ? - उपन्यास
Altaf Raja
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
शाम का वक़्त हो गया था आयशा अपनी दोस्त सकीना के साथ छत पर बाते कर रही थी तभी अज़ान होने लगती है दोनों सर पे दुपट्टा लेती है फिर आयशा बोलती है अच्छा सकीना अब मैं नीचे जा रही हूँ नमाज़ पढ़ने तुम भी जाओ अपने घर और हाँ तुम भी नमाज़ पढ़ना सुरू कर दो इतना ख़ाली समय रहता है सिर्फ़ 5 मिनट तो लगते है नमाज़ पढ़ने में क्यों नहीं पढ़ती हो सकीना बोली हाँ बाबा कल से पढ़ूँगी पक्का ये बोल कर सकीना अपने घर चली गयी और आयशा वजू करके नमाज़ पढ़ना सुरू कर देती है , नमाज़ पढ़ने के बाद आयशा आँगन में आती है और अपनी अम्मी से पूछती है अम्मी आज खाने में क्या बनाऊ उसकी अम्मी बोलती है एक काम कर तेरे अब्बा आज दावत पे जाएँगे पास वाले गाव में आज बारात आने वाली है तो उनका ख़ाना तो बनाना नहीं है तो रोटी बना लो और साथ में आलू मटर की सब्ज़ी बना लो , जी अम्मी बोल के आयशा चूल्हे के पास बैठ जाती है और रोटी बनाने लगती है ।
आयशा के अब्बा ( अमीर साहेब )और मौलवी साहेब नमाज़ पढ़ कर आ रहे थे तभी उन्होंने देखा गाव के चबूतरे पर गाँव के 8 , 10 लड़के बैठ कर बाते कर रहे थे तभी अमीर साहेब ने कहा अरे नालायकों दिन भर आवारा गर्दी करते हो थोड़ा समय निकाल के नमाज़ भी पढ़ लिया करो , सभी लड़के नजरे नीची करके बोले जी चाचा कल से नमाज़ पढ़ने आयेंगे इंशाल्लाह , फिर मौलवी साहेब ने कहा अल्लाह तुम लोगो को हिदायत दे और यह कह कर अमीर साहेब और मौलवी साहेब वहाँ से चले गए ।
आयशा जिसको अपने घर से बाहर जाने के लिए भी सोचना पड़ता है । अपने माँ बाप के ख़िलाफ़ एक काम नहीं करती है ।
दूसरी तरफ़ दानिश जो निहायती आवारा और रंगीन मिज़ाज लड़का ।
आयशा को पहली ...और पढ़ेदेखते ही दानिश को उससे प्यार हो जाता है और वो उसको पाने के लिये उल्टी सीधी हरकते करने लगता है , जिसको देख आयशा उससे और चिढ़ने लगती है ।
मुलाक़ात आयशा घर पर बैठी अपनी अम्मी से बाते कर रही थी तभी दरवाज़े पर किसी ने दस्तक दी आयशा ने दरवाज़ा खोला तो पड़ोस वाली खाला थी उसने ख़ुशी से उनसे बोला अस्सलाम वालैकुम खाला कैसी है आप ...और पढ़ेने बोला वालैकुम सलाम बेटा मैं ठीक हूँ तुम कैसी हो माशाल्लाह बहुत प्यारी लग रही हो , मैं ठीक हूँ अंदर आइए ना खाला आप बैठिए अम्मी के पास मैं आपके लिए चाय लाती हूँ फिर वो रसोई में चली गई ।आयशा की खाला : अरे बाज़ी आप को पता है क्या हुआ है मोहल्ले में ?आयशा की अम्मी
मुलाक़ात ️दानिश वहाँ से उठ कर बाहर चला गया ।साहिल : अरे तू पारा पढ़ने बैठा था ना इतनी जल्दी ख़त्म कर दिया ? रेहान : हस्ते हुए , इतनी जल्दी और ये शर्त लगा लो इसने आधा भी ...और पढ़ेपढ़ा होगा ।दानिश : अबे नहीं बे वो मैंने आयशा को दे दिया वो पढ़ रही है मेरा पारा । रेहान : आयशा और तेरा पारा पढ़ रही है ?? मैं मान ही नहीं सकता ज़रूर तो झूट बोल रहा है ।दानिश : अरे सच में मैंने अपनी बहन को बोला की पढ़ दो तो उसने आयशा का नाम ले