Wo Koun tha book and story is written by Saroj Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Wo Koun tha is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
वो कौन था. - उपन्यास
Saroj Verma
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
कुदरत जब सितम-ज़रीफ़ी (अत्याचार करने) पर उतर आए तो हज़रत इंसान का तमाशा बना देती है। ठाकुर साहब हरनाम सिंह ने कभी ख्वाब में भी न सोचा था कि उन्हें इतने बड़े इम्तिहान से दो-चार होना पड़ेगा। या तो औलाद देने ही में ख़ुदा ने गफ़लत की और जब दिए तो एकदम दो बेटे! बेटा तो उनके यहाँ एक ही पैदा हुआ लेकिन एक से दो कैसे हो गए? ये भी एक अजीबो-गरीब किस्सा है।ठकुराइन जब ब्याह कर आई थीं तो मुश्किल से पंद्रह साल की होंगी। राजस्थानी हुस्नो-जमाल का अछूता मुजस्समा (साकार रूप), ठाकुर साहब उनसे बारह साल बड़े
कुदरत जब सितम-ज़रीफ़ी (अत्याचार करने) पर उतर आए तो हज़रत इंसान का तमाशा बना देती है। ठाकुर साहब हरनाम सिंह ने कभी ख्वाब में भी न सोचा था कि उन्हें इतने बड़े इम्तिहान से दो-चार होना पड़ेगा। या तो ...और पढ़ेदेने ही में ख़ुदा ने गफ़लत की और जब दिए तो एकदम दो बेटे! बेटा तो उनके यहाँ एक ही पैदा हुआ लेकिन एक से दो कैसे हो गए? ये भी एक अजीबो-गरीब किस्सा है।ठकुराइन जब ब्याह कर आई थीं तो मुश्किल से पंद्रह साल की होंगी। राजस्थानी हुस्नो-जमाल का अछूता मुजस्समा (साकार रूप), ठाकुर साहब उनसे बारह साल बड़े
इधर कभी लोग रहमत माई को भड़काते और वो ख़ुदा का कहर बन जाती। न अच्छी तरह सुन न देख पाए, न हाथ-पैरों पर काबू। एकदम गाली-गलौच पर उतर आई कि बौखला कर ठाकुर साहब उसे एक के बजाय ...और पढ़ेबच्चे दे देने पर राजी हो जाते।लेकिन जब वो भी मुतमइन (आश्वस्त) न हो पाती कि अपना नवासा ही मिल रहा है तो गुस्से और झुंझलाहट में आकर चौखट पर माथा फोड़ने लगती, "अल्लाह रसूल का वास्ता मेरा नवासा मुझे दे दो!” वो घिघियाती तो सबके कलेजे मोम हो जाते।ऐसा भी होता कि लोगों का ध्यान किसी दूसरे गर्मागर्म हादिसे