BLACK CODEX - उपन्यास
Rajveer Kotadiya । रावण ।
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
भानगढ़ किला जहां सूरज ढलते ही जाग जाती हैं आत्माएं
पुराने किले, मौत, हादसों, अतीत और रूहों का अपना एक अलग ही सबंध और संयोग होता है। ऐसी कोई जगह जहां मौत का साया बनकर रूहें घुमती हो उन जगहों पर इंसान अपने डर पर काबू नहीं कर पाता है और एक अजीब दुनिया के सामने जिसके बारें में उसे कोई अंदाजा नहीं होता है, अपने घुटने टेक देता है। दुनिया भर में कई ऐसे पुराने किले है जिनका अपना एक अलग ही काला अतीत है
और वहां आज भी रूहों का वास है। दुनिया में ऐसी जगहों के बारें में लोग जानते
है, लेकिन बहुत कम ही लोग होते हैं, जो इनसे रूबरू होने की हिम्मत रखतें हैं। जैसे हम दुनिया में अपने होने या ना होने की बात पर विश्वास करतें हैं वैसे ही हमारे दिमाग के एक कोने में इन रूहों की दुनिया के होने का भी आभास होता है। ये दीगर बात है कि कई लोग दुनिया के सामने इस मानने से इनकार करते हों, लेकिन अपने तर्कों से आप सिर्फ अपने दिल को तसल्ली दे सकते हैं, दुनिया की हकीकत को नहीं बदल सकते है। कुछ ऐसा ही एक किलें के बारे में आपको बताउंगा जो कि अपने सीने में एक शानदार बनावट के साथ-साथ एक बेहतरीन अतीत भी छुपाए हुए है। अभी तक आपने इस सीरीज के लेखों में केवल विदेश के भयानक और डरावनी जगहों के बारें में पढ़ा है, लेकिन आज आपको अपने ही देश यानी की भारत के एक ऐसे डरावने किले के बारे में बताया जायेगा, जहां सूरज डूबते ही रूहों का कब्जा हो जाता है और शुरू हो जाता है मौत का तांडव । राजस्थान के दिल जयपुर में स्थित इस किले को भानगड़ के किले के नाम से जाना जाता है। तो आइये इस लेख के माध्यम से भानगड़ किले की रोमांचकारी सैर पर
भानगढ़ किला जहां सूरज ढलते ही जाग जाती हैं आत्माएंपुराने किले, मौत, हादसों, अतीत और रूहों का अपना एक अलग ही सबंध और संयोग होता है। ऐसी कोई जगह जहां मौत का साया बनकर रूहें घुमती हो उन जगहों ...और पढ़ेइंसान अपने डर पर काबू नहीं कर पाता है और एक अजीब दुनिया के सामने जिसके बारें में उसे कोई अंदाजा नहीं होता है, अपने घुटने टेक देता है। दुनिया भर में कई ऐसे पुराने किले है जिनका अपना एक अलग ही काला अतीत हैऔर वहां आज भी रूहों का वास है। दुनिया में ऐसी जगहों के बारें में लोग
रत्नावती जो कि नाम के ही अनुरूप बेहद खुबसुरत थी। उस समय उनके रूप की चर्चा पूरे राज्य में थी और साथ देश कोने कोने के राजकुमार उनसे विवाह करने इच्छुक थे। उस समय उनकी उम्र महज 18 वर्ष ...और पढ़ेथी और उनका यौवन उनके रूप में और निखार ला चुका था। उस समय कई राज्यो से उनके लिए विवाह के प्रस्ताव आ रहे थे। उसी दौरान वो एक बार किले से अपनी सखियों के साथ बाजार में निकती थीं। राजकुमारी रत्नावती एक इत्र की दुकान पर पहुंची और वो इत्रों को हाथों में लेकर उसकी खुशबू ले रही थी।
मसूरी। पहाड़ों की रानी मसूरी में शाम जैसे-जैसे ढ़लती जाती है अंधेरा दूरदूर तक फैली पहाडियों को अपने आगोश में ले लेता है। और इसी अंधेरे में एक विरान होटल गुमनाम साए के रूप में करवट लेता है। जी ...और पढ़ेहम बात कर रहे हैं मसूरी के प्रसिद्ध होटले में से एक रहे होटल सवॉय की। सवा सौ साल पुरानी यह इमारत आज मसूरी की तारीख का हिस्सा है। रात में यह होटल अपने खास अंदाज में गुलजार हो जाता है। ठीक उसी तरह जैसे कोई कब्रिस्तान नयी कब्र खुदने के बाद या फिर कोई शमशान नयी चिता सुलगने के
समीर और उसका छोटा भाई वीरू अपने मामा के घरसे.छुट्टिया बिता के घर लौट रहे थे. घर जल्दी पहुंचे इस वज़ह समीर ने जंगल वाले शोर्ट कट से जाने का निर्णय लिया. मगर वीरू उस रस्ते से आने के ...और पढ़ेतय्यार न था.क्योंकि बड़े-बुढो से उसने जंगले में चुडैल और भूत प्रेत की कहानिया सुन रखी थी. वह बोला भय्या मैं जंगले के रस्ते नहीं आऊंगा. क्योंकि वहा चुडैल का साया है. समीर बोला क्यों तू बेकार मे डर रहा है. तेरा बड़ा भाई है ना तेरे साथ. और ये भूत प्रेत चुडैल कुछ नहीं होता. सिर्फ मन घडन कहनियाँ
नई दिल्ली । भारत में मुगलकाल लंबा और महत्वपूर्ण रहा। मुगलों ने भारत के जीवन में अपनी गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने ताज महल से लेकर लाल किला और दिल्ली की जामा मस्जिद से लेकर दूसरी सैकड़ों बुलंद इमारतें बनाई। ...और पढ़ेमें से एक हवेली है, जीनत महल की हवेली जिसे बहुत कम लोग ही जानते हैं। लेकिन इतिहास के पन्नों को पलटने पर आप पायेंगे कि यह हवेली खास तौर से एक खूबसूरत मल्लिका के लिये बनवायी गई थी, लेकिन वर्तमान में आस-पास रहने वाले लोगों से पूछेंगे, तो इस हवेली में आपको प्रेतों का वास मिलेगा। इस लेख को
दुनिया में बहुत सी ऐसी जगहें हैं जहां रूहों का वास होता है। रूहें, आत्माएं या फिर बुरी शक्तियां शुरू से ही इंसानी दिमाग के लिए एक क्वीदंती ही बनी रही हैं। कभी-कभी कुछ लोगों ने इन्हे महसूस किया ...और पढ़ेऔर अपने राय दूसरो को दिए हैं, लेकिन इंसानी स्वभाव या तो बहुत जल्दी ही किसी बात को मान लेता है या तो किसी डर की वजह से जिंदगी भर एक हकीकत से मूंह मोड़े रहता है। रूहों के बारे में एक बात बहुत से लोग जानना चाहतें है कि, आखिर ये रूहें या फिर आत्माएं कहां से आती हैं?
30 नवम्बर 2008 को हॉन्ग कॉन्ग के अखबार ओरियंटल डेली ने एकखबर छापी कि हाईस्कूल की आठ छात्राएं, जो ऐतिहासिक इमारत नामटेरेस में रुकी थीं, बेहद डरी हुई हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है मानसिक चिकित्सक उनका ...और पढ़ेकर रहे हैं। खबर के बाद अस्पताल के बाहर मीडिया का तांता लग गया। जब लड़कियां एक-एक कर होश संभा पायीं तब उनसे सवाल किये गये। सभी के जवाब हैरान कर देने वाले थे। एक ने कहा कि रात को जब हम नाम कू टेरेस के एक कमरे में रुके तो चीखें सुनायी दीं। ऐसा लग रहा था कि कोई
फैलता हुआ ब्रह्मांडबीसवीसदी के प्रारम्भ में कोई भी वैज्ञानिक नहीं जानता था कि तारों से परे ब्रह्मांड का विस्तार कहाँ तक है। वर्ष 1920 में खगोलविदों द्वारा एक अन्तर्राष्ट्रीय विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें ब्रह्मांड के विस्तार एवं ...और पढ़ेपर चर्चा होनी थी। हार्लो शेप्ली Harlow Shapley तथा बहुसंख्य खगोलविद इस मत के पक्ष में थे कि सम्पूर्ण ब्रह्मांड का विस्तार हमारी आकाशगंगा तक ही सीमित है। दूसरी तरफ हेबर क्यूर्टिस Haber Curtis तथा कुछ थोड़े से लोगों का मानना था कि हमारी आकाशगंगा की ही तरह ब्रह्मांड में दूसरी भी आकाशगंगाएं हैं, जो हमारी आकाशगंगा से अलग अस्तित्व