Ulte Pair book and story is written by Tarkeshwer Kumar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ulte Pair is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
उल्टे पैर - उपन्यास
Tarkeshwer Kumar
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
यह कहानी मेरी कल्पना हैं और काल्पनिक हैं पूरी तरह से। इसका किसी सच्चाई से कोई वास्ता नहीं।
बचपन में अक्सर हम जिद्द करते थे की हमें कहानियां सुनाइए और हमारे बड़े बूढ़े या यूं कहे दादा,दादी, नाना,नानी हमें कहानियां सुनाया करते थे। और हमें ज्यादा रोमांच भूत प्रेत और पिशाच की कहानियों में आता था जब हम डरते डरते उन्हीं के गोदी में सो जाया करते थे कहानी सुनते सुनते।
बहुत साल पहले ऐसे ही भोलू और तारक ने जिद्द की कहानी सुनने की और वो तब बच्चे थे और बहुत शरारती थे। तब कहानी का सिलसिला शुरु हुआ। एक के बाद एक कई कहानियां सुनने के बाद दोनों को डर लगा और वो रजाई में छुप कर सो गए। बच्चे थे तो डर तो लगना ही था। रात हो गई और भोलू को पेशाब लग गई पर डर के मारे किसी को बता नहीं रहा था और गांव का माहौल था सब सो गए थे और चारों और सन्नाटा छाया हुआ था।
यह कहानी मेरी कल्पना हैं और काल्पनिक हैं पूरी तरह से। इसका किसी सच्चाई से कोई वास्ता नहीं।बचपन में अक्सर हम जिद्द करते थे की हमें कहानियां सुनाइए और हमारे बड़े बूढ़े या यूं कहे दादा,दादी, नाना,नानी हमें कहानियां ...और पढ़ेकरते थे। और हमें ज्यादा रोमांच भूत प्रेत और पिशाच की कहानियों में आता था जब हम डरते डरते उन्हीं के गोदी में सो जाया करते थे कहानी सुनते सुनते।बहुत साल पहले ऐसे ही भोलू और तारक ने जिद्द की कहानी सुनने की और वो तब बच्चे थे और बहुत शरारती थे। तब कहानी का सिलसिला शुरु हुआ। एक के
तारक खिड़की पर देखता हैं की गोलू डरी हुई निगाहों से लगातार तारक के पीछे देख रहा था। डर के मारे तारक की आवाज़ मानो चली गई थी। तारक पीछे पलटने को जैसे ही कोशिश करता हैं वैसे ही ...और पढ़ेआवाज में गोलू चिल्लाता हैं।नहीं, तारक पीछे नहीं तुझे कहानी याद हैं ना जिसमें क्या कहां था नाना जी ने की कभी पीछे नहीं पलटना चाहिए। तारक और डर जाता हैं और बेहोश हो जाता हैं, आखिर छोटा बच्चा जो था। गोलू देखता हैं की वो औरत जो गोलू के पीछे थी वो टॉयलेट से ही बड़ी भयानक आवाज़ में
गोलू बेहोश होकर अपने कमरे में गिर पड़ा था।यहां नाना जी ने पाया की तारक के पीठ पर चुड़ैल के नाखून के निशान थे जो नीले हो गए थे और यह एक चिंता की बात थी क्योंकि तारक का ...और पढ़ेनाखून से खरोच कर चुड़ैल चख चुकी होगी और अगर ऐसा हुआ तो वो अपने शिकार का पीछा करते हुए हर जगह पहुंचने की कोशिश करेगी।जैसा के गांव वालों ने कहां ही था के वो आएगी।नाना जी के माथे पर पसीना साफ झलक रहा था और हाथ पैर कांपने लगे थे। वो अचानक चिल्ला कर बोले में अपने बच्चे को
कटे हुए सर से लदे पेड़ से जैसे ही थोड़ी आगे जाते हैं तो वहां।एक नदी मिलती हैं जिसमे और भी सर पड़े हुए थे।उनमें से एक सर टकटकी लगाए देख रा था और एक दम से बोल पड़ा ...और पढ़ेआओ मेरे पास आओ। घबराओ नहीं, ऐसे डर के दूर भागने की कोशिश ना करना वरना उस पेड़ के बाकी लटके सर भी जिंदा हो जाएंगे। ये दृश्य देख के सबके हलक सुख गए। नाना जी दबी आवाज में बोले की तुम बोल सकते हों।कटा सर बोला के इस जंगल की हर एक चीज बोल सकती हैं, पेड़, पौधे, जानवर।
मशाल धीरे धीरे बुझती जा रही थी और वो शख्स नींद के अघोष में धीरे धीरे को रहा था। उतने में बुजुर्ग चिल्लाए के सोना नहीं तेरे पीछे परछाई हैं।मशाल बूझते ही तुझे कहीं दूर लेके चली जाएगी। उस ...और पढ़ेने संभाला खुद को और सब एक दूसरे का हाथ पकड़ के चलने लगे। वो बीच जंगल में पहुंच चुके थे और उनकी नजर पड़ी सामने एक पुराने से टूटे महल में। और वहां से साफ देखा जा सकता था की चुड़ेल हाथ से इशारा कर के इन्हें बुला रहीं हैं।पर नाना जी के हाथ में पवित्र पानी देख के