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लेडी किलर - उपन्यास
Kishanlal Sharma
द्वारा
हिंदी रोमांचक कहानियाँ
शुक्र गुजार था वह सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा का जिसने उसे ऐसी सूरत बख्सी थी।लम्बा कद,गोरा रंग, आकर्षक नैन नक्स और व्यक्तित्व।कुल मिलाकर ऐसी सीरत पायी थी कि उसके आगे हीरो भी फीके लगे।
उसकी इस कामदेव रूपी सुंदरता पर औरते जान छिड़कती थी।औरतो को उस पर इस कदर फिदा होते देखकर दोस्तो ने उसका नाम लेडी किलर रख दिया था।
यह नाम उसके लिए पूर्ण रूप से उपयुक्त था।जवान होने के बाद उसने जिस भी औरत को चाहा उसे पाकर ही रहा था।औरते उसकी तरफ ऐसे खिंची हुई चली आती मानो वह कोई चुम्बक हो।
जब वह कालेज में पढ़ता था तब लड़कियां उसे ऐसे घेरे रहती थी जैसे कृष्ण को गोपियां।सर्विस में आया तब उसके साथ काम करने वाली औरते उसके इर्द गिर्द मंडराने में गर्व महसूस करती।जिन लोगो को औरते घास नही डालती थी।वे लोग उससे जलते थे।ईर्ष्या करते थे।
शुक्र गुजार था वह सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा का जिसने उसे ऐसी सूरत बख्सी थी।लम्बा कद,गोरा रंग, आकर्षक नैन नक्स और व्यक्तित्व।कुल मिलाकर ऐसी सीरत पायी थी कि उसके आगे हीरो भी फीके लगे।उसकी इस कामदेव रूपी सुंदरता पर ...और पढ़ेजान छिड़कती थी।औरतो को उस पर इस कदर फिदा होते देखकर दोस्तो ने उसका नाम लेडी किलर रख दिया था।यह नाम उसके लिए पूर्ण रूप से उपयुक्त था।जवान होने के बाद उसने जिस भी औरत को चाहा उसे पाकर ही रहा था।औरते उसकी तरफ ऐसे खिंची हुई चली आती मानो वह कोई चुम्बक हो।जब वह कालेज में पढ़ता था तब
ऐसा होने पर माधुरी शर्मा जाती ।और वह रोमांचित हो जाता।एक दिन वह अपने कमरे मे बैठा फिल्मी पत्रिका के पन्ने पलट रहा था।उस दिन माधुरी के कॉलेज की छुट्टी थी।वह उसके कमरे में आते हुए बोली,"बिजी हो'?"नही तो," ...और पढ़ेमैगजीन से नजरे हटाकर माधुरी को देखा थ।नील रंग के सलवार कुर्ते में वह शोख चंचल और सेक्सी लग रही थी।"आज फ़िल्म देखने का मूड है""कौनसी?""रंगीला"और माधुरी के कहने पर वह उसके साथ फ़िल्म देखने के लिए गया था।फ़िल्म रोमांटिक प्रेम कहानी थी।फ़िल्म का एक दृश्य देखकर वह इतना रोमांचित हो गया था कि उसने अपना हाथ माधुरी के हाथ
माधुरी का गुस्सा कुछ देर के बाद शांत हो गया।तब उसे अपने किये पर अफसोस हुआ।उसने सोचा राजन को भी उसकी गलती का एहसास हुआ होगा।और वह उससे माफी मांगेगा।यही सोचकर माधुरी ने राजन से बात नही की।लेकिन माधुरी ...और पढ़ेजो सोचा था।वो सही नही निकला।न राजन ने उससे माफी मांगी न ही बोलने का प्रयास किया।इस तरह कई दिन बीत जाने पर भी राजन ने उससे बात नही की तो वह उसके। पास जा पहुंची।"क्या मुझसे नाराज हो?"माधुरी की बात सुनकर राजन कुछ नही बोला तब वह फिर बोली थी,"आखिर मैने ऐसा कौनसा अपराध कर दिया जो तुम मुझसे
माधुरी म स्वप्न में भी नही सोचा था।रएक दिन यह सिथति भी उसके सामने आ सकती है।यह सच था कि वह राजन को प्यार करती थी।पर राजन प्यार का यह अर्थ निकाल सकता है।यह तो उसने सोचा भी नही ...और पढ़ेराजन से पहले वह कई युवकों के सम्पर्क में आ चुकी थी।या।आजकल के मर्द प्यार को औरत के जिस्म से ही तोलते है।उनकी नजर में औरत की जिस्म को नोचना ही प्यार है।राजन भी उन्हीं में से था।माधुरी सोच में पड़ गयी।क्या करे वह क्या नही कर।एक तरफ कुआ दूसरी तरफ खायी थी।।कई दिन तक उसके मन मे विचार उमड़ते