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प्रिया वापस आई है - उपन्यास
srikanta ray
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
आज प्रिया का जन्म दिन है,प्रिया यानिकि मेरी धर्मपत्नी।उसे अपना जन्मदिन मनाने में बोहोत खुशी होती थी।चकाचोंद लाइट्स,दोस्त,मेहमान,पहले ये सब कुछ ठीक चल रहा था।पर अब ये सब कुछ नही होता न दोस्त,न मेहमान, ओर नाही चकाचोंद लाइट्स।हा कुछ दोस्त आते हैं पर पता नही सब मुझे कियों पागल पागल कहते हैं।पता है कियों?तो कहानी को पूरा पढ़ो।
मेरा नाम आकाश है आकाश राव, मेरी पत्नी प्रिया राव हम दोनों के शादी को 2 साल हो चुके थे।
यह कहानी सम्पूर्ण रूप से काल्पनिक है||आज प्रिया का जन्म दिन है,प्रिया यानिकि मेरी धर्मपत्नी।उसे अपना जन्मदिन मनाने में बोहोत खुशी होती थी।चकाचोंद लाइट्स,दोस्त,मेहमान,पहले ये सब कुछ ठीक चल रहा था।पर अब ये सब कुछ नही होता न दोस्त,न ...और पढ़ेओर नाही चकाचोंद लाइट्स।हा कुछ दोस्त आते हैं पर पता नही सब मुझे कियों पागल पागल कहते हैं।पता है कियों?तो कहानी को पूरा पढ़ो।मेरा नाम आकाश है आकाश राव, मेरी पत्नी प्रिया राव हम दोनों के शादी को 2 साल हो चुके थे।मेरे घर मे मेरे बाबूजी मेरी माँ ओर मेरी छोटी बहन पूनम,हम लोग मिडिलक्लास फैमली थे।जब मेरा कॉलेज
प्रिया वापस आई है (भाग 2)फिर में रेलवे स्टेशन पर गया वहाँ जांच करने पर पता चला की प्रिया रॉब w/o आकाश रॉब नाम का कोई टिकिट बुक नही हुआ है।अब मेरा दिमाग काम करना बंद कर दिया,में स्टेशन ...और पढ़ेएक जगह हताश होकर बैठ गया।मुझे अब प्रिया की चिंता होने लगी,मन ही मन सोचने लगा कि काश में अभी प्रिया से मिल पाता एक बार उसे देख पाता तो उसे कसकर गले लगा लेता।उसे कभी दूर जाने नही देता उसे में अपनी जिस्म के रोम रोम में बसा लेता,काश ये अभी मुमकिन होता।मेरे आँखों से बारिश उतर आया है,दिल
प्रिया वापस आई है (भाग 3)इधर आकाश के घर पर प्रिया को लेकर मातम का माहौल छाया हुआ था,लेकिन आकाश की छोटी बहन पूनम के आंखों पर एक अजीब सी दहशत थी,ये बात शायद किसी ने नोटिस नही किया।पूनम ...और पढ़ेकुछ बोल नही सकती कियौकी वो बोल नही पाती थी।राजन सिंह=देखिए आकाश इस रास्ते पर तो ऐसा कोई घर या खंडर नही दिखा की जिसमे किसीको किडनैप करके रखा जा सके।और आपका घर से स्टेशन का रास्ता ज्यादा दूर भी नही है,तो अब हमें आपका घर जाना होगा पूछताछ के लिए।आकाश=ठीक है इंसपेक्टर साहब चलिएअब इंसपेक्टर ओर आकाश दो कांस्टेबल