Rajsinhasan book and story is written by Harshit Ranjan in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Rajsinhasan is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
राजसिंहासन - उपन्यास
Harshit Ranjan
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
प्राचीन काल की बात है,भारत के एक राज्य में एक महान प्रातापी राजा राज करता था । उसके नाम था जयसिंह ।वह बहुत ही समपन्न राजा था । पड़ोसी राज्यों के सभी राजा उससे डरते थे और प्रत्येक महीने भेंट स्वरूप सोने और चाँदी के आभूषण तथा हीरे ज़वारात उसे भेंंट किया करते थे ताकि राजा हमेशा उनसे प्रसन्न रहे और उनके राज्य पर आक्रमण करने के बारे में विचार भी न करें । जयसिंह के तीन पुत्र थे - रविसिंह, केशवसिंह और माधोसिंह । एक दिन राजा ने अपने तीनों पुत्रों को अपने पास बुलाया और उनसे कहा कि हमारे सभी
प्राचीन काल की बात है,भारत के एक राज्य में एक महान प्रातापी राजा राज करता था । उसके नाम था जयसिंह ।वह बहुत ही समपन्न राजा था । पड़ोसी राज्यों के सभी राजा उससे डरते थे और प्रत्येक महीने ...और पढ़ेस्वरूप सोने और चाँदी के आभूषण तथा हीरे ज़वारात उसे भेंंट किया करते थे ताकि राजा हमेशा उनसे प्रसन्न रहे और उनके राज्य पर आक्रमण करने के बारे में विचार भी न करें । जयसिंह के तीन पुत्र थे - रविसिंह, केशवसिंह और माधोसिंह । एक दिन राजा ने अपने तीनों पुत्रों को अपने पास बुलाया और उनसे कहा कि हमारे सभी
अबतक के सफ़र में हमने जाना कि राजा की आज्ञा मानकर तीनों राजकुमार राज्य से रवाना हो गए । राजकुमार रविसिंह और राजकुमार केशवसिंह ने सिंहगढ़ नरेश चित्ररसेन के साथ मिलकर अपने चाचा शरणनाथ के राज्य पर आक्रमण करने ...और पढ़ेयोजना बनाा और उसे अंजाम दिया किंतु शरणनाथ के सैन्य बल को देखकर राजा चित्रसेन युद्धभूमि से भाग घड़े हुए । और अंंतत: दोनों राजकुमारों की पराजय हो गई और शरणनाथ ने उन्हें अपमानित करके भगा दिया । जब राजकुमारों ने महल लौटकर महाराज जयसिंह को सारा वृृतांत सुनाया तब महाराज ने कुछ नहीं कहा और अपने कक्ष में लौट गए ।
बंधन से आज़ाद होजाने के बाद उस राजा ने मेरा शुक्रिया अदा किया । मुझे क्या पता था कि वो राजा और कोई नहीं ब्लकि खुद चाचाश्री शरणनाथ हैं । मैंने उनसे पूछा कि आप इस बीरान जंगल में ...और पढ़ेक्या कर रहे थे ? तब उन्होंने बताया कि वो यहाँ पर अपने कुछ मंत्रियों के साथ शिकार खेलने आए थे । रात्रि में अपने मंत्रियों तथा सैनिकों के सो जाने के बाद वे अपनी छावनी के बाहर भ्रमण कर रहे थे तभी उन लुटेरों ने उन्हें बंदी बना लिया । हमारे बीच बातचीत हो ही रही थी तब तक उनके
कहानी अब तक :-राजकुमार माधोसिंह अपने चाचा शरणनाथ के राज्य में रहकर उनके राज्य की प्रशासनिक वयवस्था को सुधार देते हैं । उनके कार्य से प्रसन्न होकर शरणनाथ एक दिन उन्हें अपने कक्ष में बुलाये हैं और उन्हें अपना ...और पढ़ेघोषित करने की बात वे उनसे कहते हैं । शरणनाथ माधोसिंह से यह भी कहते हैं कि उन्हें अफपना उत्तराधिकारी घोषित करने से पहले वे उनके माता-पिता से मिलना चाहते हैं जिन्होंने इतनी प्रतापी संतान को जन्म दिया । तब माधोसिंह शरणनाथ को यह बताते हैं कि वो और कोई नहीं ब्लकि उनके बड़े भाई महाराज जयसिंह के सबसे छोटे