रहस्य क्या था - उपन्यास
Kishanlal Sharma
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
सुबह दुकान आते समय रामबाबू पत्नी से बोलकर आया था कि वह रात को घर नही आएगा।पत्नी ने न आने का कारण पूछा तो उसने पास के गांव में शादी में जाने का बहाना बना दिया था।लेकिन ...और पढ़ेमे उसे शादी में नही आजबकी रात उन लोगो के साथ जाना था।जिनसे उसने कल रात ही वादा कर लिया था।ये लोग उसके नए ग्राहक थे।वे कौन है?कहाँ से आते है?क्या करते है?उनके बारे में वह कुछ नही जानता था।इतनी मिठाई का रोज क्या करते है?
सुबह दुकान आते समय रामबाबू पत्नी से बोलकर आया था कि वह रात को घर नही आएगा।पत्नी ने न आने का कारण पूछा तो उसने पास के गांव में शादी में जाने का बहाना बना दिया था।लेकिन ...और पढ़ेमे उसे शादी में नही आजबकी रात उन लोगो के साथ जाना था।जिनसे उसने कल रात ही वादा कर लिया था।ये लोग उसके नए ग्राहक थे।वे कौन है?कहाँ से आते है?क्या करते है?उनके बारे में वह कुछ नही जानता था।इतनी मिठाई का रोज क्या करते है?उसके मन मे घुमड़ रहे थे।यूं तो उसे खुश होना चाहिए था।उसकी रोज इतनी मिठाई बिक रही
वे रोज इतनी मिठाई का करते क्या है?कहां से आते है?और इतनी मिठायीं कहां ले जाते है"अनेक प्रश्न थे।और राम बाबू उत्सुकता रोक नही पाया और एक दिन पूछ ही बैठा,"रोज आप लोग इतनी मिठाई का क्या करते ...और पढ़े चाहते हो?"उनमे से एक आदमी बोला थ।"हां"राम बाबू ने उत्तर दिया था।"ठीक है।कल तुम हमारे साथ चलना।तुम्हे खुद ही सब कुछ पता चल जायेगा"।यह कहकर वे मिठाई लेकर चले गए।और अगले दिन राम बाबू उन लोगो के साथ जाने के लिए तैयार होकर आया था।रोज दोपहर को उसका बेटा खाना लेकर दुकान पर आता था।आज वह आया तो राम बाबू बोला,"तुम्हारी