Ameer Garib book and story is written by S Sinha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ameer Garib is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अमीर गरीब - उपन्यास
S Sinha
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
बरसात की शुरुआत थी, पर आसमान बिल्कुल साफ़ और नीला दिख रहा था. बारिश की कोई उम्मीद न थी. फिर भी कॉलेज जाने समय सुरेखा ने यह सोच कर छाता ले लिया कि धूप से बच सके. उसके हॉस्टल से कॉलेज एक किलोमीटर की दूरी पर था. दोपहर के बाद जब वह कॉलेज से निकली चार बज रहे थे, आकाश में घने बादल छाये थे. उसने सोचा 10 मिनट से भी कम समय में वह अपने हॉस्टल पहुँच जाएगी शायद इस बीच बारिश न हो. वह तेज क़दमों से हॉस्टल की ओर बढ़ रह रही थी.
( एक अमीर लड़की सुरेखा ने रघु को उसकी गरीबी के चलतेअपने योग्य नहीं समझा और उसके प्यार कोठुकरा दिया… ) भाग-1 बरसात की शुरुआत थी,पर आसमान बिल्कुल साफ़ और नीला दिखरहा था.बारिश की कोई उम्मीद न थी.फिर भी ...और पढ़ेजाने समय सुरेखा ने यह सोच करछाता ले लिया कि धूप सेबच सके.उसके हॉस्टल से कॉलेज एक किलोमीटर कीदूरी पर था.दोपहर के बाद जब वह कॉलेज से निकली चार बज रहे थे,आकाश में घने बादल छाये थे.उसने सोचा 10 मिनट से भी कम समय में वह अपने हॉस्टल पहुँच जाएगी शायद इस बीच बारिश न हो.वह तेज क़दमों से हॉस्टल
(पिछले अंक में आपने पढ़ा कि सुरेखा को रघु में कोई दिलचस्पी नहीं थी. अब आगे पढ़ें रघु ने कैसे उसकी सहेली रागिनी के पिता की जान बचायी…. ) भाग 2 सुरेखा और रागिनी दोनों बी ए कर चुकीं ...और पढ़ेही दिनों बाद सुरेखाशहर छोड़ कर अपने पिता के पास जा रही थी, रागिनी तो इसी शहर में रहती थी.रागिनी ने कहा “ सुरेखा, अब तो नाराजगी छोड़ो, पता नहीं तुम कहाँ होगी और मैं कहाँ.चलो एक बार रघु की दुकान पर चलते हैं.“ दोनों सहेलियां दुकान पर पहुंची.दोनों ने महसूस किया किउन्हें देखते ही रघु की आँखें ख़ुशी से
(पिछले अंक में आपने पढ़ा कि रघु ने कैसेसुरेखा की सहेली रागिनी के पिता की जान बचायी.आगे पढ़ें रागिनी ने रघु से सहर्ष शादी कीऔर अत्यंत कठिन समय में रघु और रागिनी ने कैसे सुरेखा की मदद की…. ) ...और पढ़े“ क्या मतलब,तुम्हारी छंटनी भी हो सकती है ? “ “ यह असंभव तो नहीं है.पर सुना है कि 25 प्रतिशत लोगों का ले ऑफ होगा.तुम अगर रागिनी से मेरी पैरवी करो तो बचना निश्चित है.इतना ही नहीं तुम उनसे कहो कि मैं फिलहाल मैनेजर हूँ,मुझे सीनियर मैनेजर का पद मिलना चाहिए.“ “ नहीं बाबा मैं यह पैरवी नहीं कर