Bolti Gudiya book and story is written by Asha Saraswat in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bolti Gudiya is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
बोलती गुड़िया - उपन्यास
Asha Saraswat
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
जिस दिन मैंने पहली पहली बार शीतल को देखा, उसे देख कर मन वात्सल्य भाव से भर गया। वह पहला दिन, मेरी शादी के बादससुराल का था ।मैंने जैसे ही अपनी ससुराल में उसे देखा तो प्यार करने के लिए अपनी गोद में ले लिया और वह भी ऐसे लिपट गई जैसेउसका मेरा पुराना कोई रिश्ता हो।
वह चार वर्ष की बच्ची शीतल मेरे पास ही बैठी रही । अपनी बाल सुलभ बोली में सब का मन मोह रही थी ।
ससुराल में मैं दुल्हन के रूप में बैठी थी,महिलाएँ मेरी मुँह दिखाई करने के लिए आ रहीं थीं । वह मेरे पास बैठी हर आने वाली महिला कोबता रही थी, यह मेरी चाची जी हैं और मेरे मुँह से पर्दा हटा देती। जैसे ही वह पर्दे (घूँघट)को हटाती शर्म से मेरी ऑंखें झुक जाती और वहकहती “चाची जी को नींद आ रही है, जाओ अपने घर कल आना ।” उसकी बातें सुनकर सभी हँस रहे थे ।
भाग (1) जिस दिन मैंने पहली पहली बार शीतल को देखा, उसे देख कर मन वात्सल्य भाव से भर गया। वह पहला दिन, मेरी शादी के बादससुराल का था ।मैंने जैसे ही अपनी ससुराल में उसे देखा तो प्यार ...और पढ़ेके लिए अपनी गोद में ले लिया और वह भी ऐसे लिपट गई जैसेउसका मेरा पुराना कोई रिश्ता हो। वह चार वर्ष की बच्ची शीतल मेरे पास ही बैठी रही । अपनी बाल सुलभ बोली में सब का मन मोह रही थी । ससुराल में मैं दुल्हन के रूप में बैठी थी,महिलाएँ मेरी मुँह दिखाई करने के लिए आ रहीं
भाग (2) परेशान मन से जैसे-तैसे कार से मैं घर पर पहुँच गई । वहाँ जल्दी से बच्चों को तैयार किया और अपनी मनपसंद सिल्क की बनारसीसाड़ी को उतार कर दूसरी साड़ी बदली । यह सब करते हुए थोड़ा ...और पढ़ेसमय लगा था कि मूसलाधार वर्षा अब नन्ही बूँदों में परिवर्तित होगई । तभी घर की बुजुर्ग, बच्चों की बूआ जी ने आकर बताया कि मैंने छत पर उल्टा तवा रख दिया है, अब बारिश रुक जायेगी ।मुझेभीउनकी बात कुछ अटपटी लगी लेकिन उनकी बात का विश्वास करने के अलावा अन्य कोई चारा भी नहीं था । कुछ समय में
भाग (3) शीतल अपने घर चली गई कभी-कभी लैंडलाइन नंबर पर उससे बात हो जाती । वह अपनी ससुराल में बड़ी बहू होने के कारण सभी की लाड़ली थी। वह अपनी गृहस्थी में बहुत ख़ुश थी । उसके पति ...और पढ़ेथे, बहुत ही अच्छे वेतन पर वह नौकरी करते । सभी सुख सुविधाओं को उन्होंने जुटा लिया था । जब भी वहकहीं जाती उसके लिए कार तैयार थी। एक बार जब मिलना हुआ तो उसने बताया कि मैंने सभी टेस्ट करा लिए हैं, कोई कमी नहीं । मैं चाहती हूँ कि कोई बच्चा हो जाये । मैंने उसे समझाने के