Swarn mudra aur Businessman book and story is written by Shakti Singh Negi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Swarn mudra aur Businessman is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
स्वर्ण मुद्रा और बिजनेसमैन - उपन्यास
Shakti Singh Negi
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
बहुत समय पहले की बात है. मेरी नई - नई शादी हुई थी. कुछ समय बाद हमें पैसे की कमी पडने बैठ गई. मेरी पत्नी ने एक छोटी सी कंपनी ज्वाइन कर ली और मैं कमाने के लिए बाहर चला गया. वहां मैंने अपनी जान - पहचान वाले से कुछ राशन उधार लिया. चार - पांच कर्मचारी रखे और एक छोटा सा होटल किराए पर ले लिया. कुछ समय बाद मेरे पास बहुत सा धन हो गया. मेरा होटल बहुत बढ़िया चलने बैठ गया. धीरे-धीरे मैंने वह होटल का मकान भी खरीद लिया और अगल-बगल के अन्य मकान भी खरीद लिए.
बहुत समय पहले की बात है. मेरी नई - नई शादी हुई थी. कुछ समय बाद हमें पैसे की कमी पडने बैठ गई. मेरी पत्नी ने एक छोटी सी कंपनी ज्वाइन कर ली और मैं कमाने के लिए बाहर ...और पढ़ेगया. वहां मैंने अपनी जान - पहचान वाले से कुछ राशन उधार लिया. चार - पांच कर्मचारी रखे और एक छोटा सा होटल किराए पर ले लिया. कुछ समय बाद मेरे पास बहुत सा धन हो गया. मेरा होटल बहुत बढ़िया चलने बैठ गया. धीरे-धीरे मैंने वह होटल का मकान भी खरीद लिया और अगल-बगल के अन्य मकान भी खरीद
मैं एक बार अपनी ननिहाल घूमने गया. मेरा ननिहाल चंबल नदी के किनारे था. मेरा अपने ननिहाल में बहुत स्वागत हुआ. एक बार मैं अकेले शौच के लिये नदी किनारे गया. अचानक 20 - 25 ...और पढ़ेसी दस्यु सुंदरियों ने मेरा अपहरण कर दिया और मुझे जबरदस्ती पकड़कर अपने अड्डे पर ले गई. उनका अड्डा एक पुराने से मकान में था. मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि उनका सारा गैंग सुंदर-सुंदर लड़कियों से भरा पड़ा था. पूरे गैंग में कम से कम 40 - 50 लड़कियां थी. यह लड़कियां मुझसे पति जैसा व्यवहार करने लगी. मैं भी कामोन्माद में बह
मैं एक बहुत दयालु व्यक्ति हूं. एक बार में प्रयागराज कुंभ के मेले में गया. वहां मुझे एक बहुत ही बुरी अवस्था में एक वृद्ध व्यक्ति मिला. वृद्ध व्यक्ति फटे हुए कपड़े पहने हुए था. उसकी दाढ़ी बढ़ी हुई ...और पढ़ेऔर सर के बाल भी बढ़े हुए थे. वह बहुत गंदा दिख रहा था. वह बहुत बीमार था और एक सड़क के किनारे पड़ा हुआ था. मुझे उस पर दया आ गई. मैं एक गाड़ी बुक करके उसे उस में बिठा कर अपने घर ले आया. मैंने उसके बाल, दाढ़ी आदि कटवा कर उसे स्नान आदि करवाया और उसे अच्छे
एक दिन सब काम निपटा के मैं जरा किसी काम से थोड़ी दूर स्थित एक मार्केट की तरफ चला. उस दिन ड्राइवर की छुट्टी थी अतः मैं खुद ही अपनी मर्सिडीज़ कार ड्राइव कर रहा था. हालांकि ड्राइविंग में ...और पढ़ेहाथ पूरा सेट है. मैं अच्छी ड्राइविंग जानता हूं. लेकिन अचानक उस दिन ड्राइविंग करते - करते बार-बार मेरी आंखों के सामने अंधेरा सा छाने लगा. अचानक सामने से आते एक बड़े से ट्रक से मेरी कार की भिड़ंत हो गई. उसके बाद मुझे कुछ याद ना रहा. कुछ देर बाद मेरी आंखें खुली तो मैंने देखा की सब कुछ
मैं एक वैज्ञानिक भी हूं. मैंने एक ऐसी धातु की खोज की जो बहुत मजबूत और टिकाऊ थी. साथ ही मनुष्य के मांस से मिलती जुलती थी. मैंने इस धातु से अपने शरीर के लिए एक खोल का निर्माण ...और पढ़ेइस खोल की खासियत यह थी कि यह कुछ समय में ही मनुष्य के शरीर में जज्ब हो जाता है. इससे शरीर लगभग अमर जैसा हो जाता है. मुझे 5000 साल हो गए हैं, इस ड्रैस को पहने हुए. तब से मैं जीवित ही हूं. लेकिन 5000 साल में मेरा शरीर का मॉडल जरा पुराना हो गया है. इसलिए मैंने