Swarn mudra aur Businessman - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

स्वर्ण मुद्रा और बिजनेसमैन - भाग 5

मैं एक वैज्ञानिक भी हूं. मैंने एक ऐसी धातु की खोज की जो बहुत मजबूत और टिकाऊ थी. साथ ही मनुष्य के मांस से मिलती जुलती थी. मैंने इस धातु से अपने शरीर के लिए एक खोल का निर्माण किया. इस खोल की खासियत यह थी कि यह कुछ समय में ही मनुष्य के शरीर में जज्ब हो जाता है. इससे शरीर लगभग अमर जैसा हो जाता है.


मुझे 5000 साल हो गए हैं, इस ड्रैस को पहने हुए. तब से मैं जीवित ही हूं. लेकिन 5000 साल में मेरा शरीर का मॉडल जरा पुराना हो गया है. इसलिए मैंने थोड़ा इस बार नए ढंग का खोल बनाया. जिससे मैं नींदरथल मानव जैसे अपने शरीर को अपडेट कर आधुनिक मानव होमो सेफियंस जैसे शरीर को धारण कर सकूं. इसमें मैं सफल हुआ. इस धातु के खोल की रचना को भी मैंने थोड़ा अपडेट कर दिया.


हो सकता है भविष्य में मानव के शरीर रचना नये ढंग की हो जाए. फिर मैं इस को भी अपडेट कर दूंगा. आपकी क्या राय है? मैं सही करता हूं या गलत? तो कमेंट कीजिए धड़ाधड़ धड़ाधड़ धन्यवाद.







एक बार मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ पिकनिक पर गया. वहां हम एक जंगल में गए. वहां एक वन देवी का मंदिर था. वहां वन देवी के मंदिर में हमने अपने - अपने टिफिन खोले और नाश्ता किया.


थोड़ा इधर - उधर घूमने के बाद हमने जंगल में ही खाना बनाया और हम खा कर सो गए.


जब हमारी नींद खुली तो वहां 20-25 अप्सरायें थी. वे केवल फूलों और पत्तों के आभूषण पहने हुए दिखाई दी. यह सब अप्सराएं थी और वन देवी की सेविकायें थी.


सभी लोग सोए हुए थे. मुझे स्मार्ट, स्वस्थ, गोरा और लंबा - चौड़ा देखकर सब ने मुझ से जबरन शादी कर ली. मुझे भी मजबूरी में उनसे शादी करनी पड़ी.


इसके बाद उन अप्सराओं ने मुझे एक - एक करके 20 घड़े स्वर्ण मुद्राओं से भरे हुए दिए. इस धन से मैंने दो - तीन बड़े - बड़े फाइव स्टार होटल खोले और 1 - 2 एयरोप्लेन भी लिए. इन सब का प्रयोग मैंने गरीबों के लिए फ्री में किया.


आपकी क्या राय है? क्या मैंने गलत किया? तो कमेंट कीजिए धड़ाधड़, धड़ाधड़. धन्यवाद.









एक बार मै़ मछली पकड़ने के लिये गया. मेरे पास कई आधुनिक गैजेट मछली पकड़ने के लिए हैं. लेकिन मैंने हाथों से मछलियां पकड़ने शुरू कर दी. अचानक मेरे हाथ में एक सुंदर सी सुनहरी मछली आ गई. यह बहुत विशाल थी. लेकिन मेरे बाजुओं में भी बहुत दम था. मैंने उसे बाहर खींच लिया. लेकिन यह क्या?


यह तो आधी मछली और आधी इंसान थी. मतलब यह एक जलपरी थी, एक मत्स्यकन्या थी. मेरे पकड़ने के दौरान मत्स्यकन्या थोड़ा घायल हो गई थी अतः मैं उसको अपने महल में ले गया. मैंने अपनी मर्सिडीज की सीट पर उसे बिठाया और अपनी हवेली की तरफ चल पड़ा. उसका मैंने इलाज अच्छे से अच्छे डॉक्टर से करवाया. हालांकि यह बात मैंने लीक नहीं होने दी.


मत्स्यकन्या से मुझे प्रेम हो गया. मत्स्य कन्या ने मुझसे शादी कर ली. कन्या के लिए मैंने अपनी महल में एक सुंदर सा एक्वेरियम कांच का बनवाया. मत्स्य कन्या रात के समय पूर्ण रूप से मानव बन जाती थी और दिन में पूर्ण रुप से मछली बनकर रहती थी. आपकी इस विषय में क्या राय है.


तो कमेंट कीजिए. धड़ाधड़, धड़ाधड़, धड़ाधड़. धन्यवाद.








मैं बहुत अमीर आदमी हूं. मैंने जिंदगी में बहुत मेहनत की है. 50 जगह अपने हाथ आजमाए हैं और माता लक्ष्मी का वरदान लिया है.


आज रक्षाबंधन का त्यौहार है. मेरी कुल चार बहने हैं. एक तो सगी बहन और तीन मुंह बोली बहन. मैंने आज रक्षाबंधन पर चारों बहनों को एक - एक सुंदर बंगला गिफ्ट में दिया.


उनकी आर्थिक स्थिति पता करके सबका हर किस्म का कर्जा अपनी जेब से चुका दिया और उन्हें 20 - 20 लाख रुपया नगद दिया. आपकी क्या राय है? मैंने सही किया या गलत कमेंट कीजिए धड़ाधड़ धड़ाधड़. धन्यवाद.









एक बार मैं अपने गांव में घूमने गया. मैं गांव के आसपास के जंगल में घूम रहा था तो मुझे एक टूटी - फूटी कुटिया दिखाई दी. उस कुटिया में एक बहुत बूढी औरत अकेले रहती थी. धीरे-धीरे मेरा परिचय बुढ़िया से होने लगा.


आसपास पता करने पर पता चला कि बुढ़िया लगभग अजर - अमर है. बुढ़िया के बाल केवल सफेद थे, बाकी शरीर किसी स्वस्थ युवती जैसा था. मैंने बुढिया के बालों का एक सैंपल लिया और डीएनए जांच करवाई तो पता चला कि यह तो मेरी बहुत पुरानी दादी की भी दादी है. शायद बुढ़िया ने किसी वन औषधि का सेवन किया था जिससे वह अमर हो गई थी.


बुढ़िया की उम्र हजारों - लाखों साल थी लेकिन यही हमारे कुल की पूर्वज थी. मैं क्योंकि एक बहुत संपन्न व्यक्ति हूं, इसलिए मैंने बुढिया के लिए जंगल में ही एक विशाल बंगला बनवाया. रहने - खाने के सभी साधन उपलब्ध करवाए. बुढ़िया को सुंदर - सुंदर वस्त्र दिए और दो - चार लेडीस और जेंट्स नौकर उनकी सेवा में लगवाये. बुढ़िया को मैं दादी अम्मा कहने बैठ गया.


डीएनए जांच से पता चला कि आसपास के 164 गांवों के 90% लोग बुढ़िया के ही वंशज थे. आपकी क्या राय है?

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