Jindagi ke Pal book and story is written by Kalyani Wadile in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jindagi ke Pal is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
जिन्दगी के पल - उपन्यास
Kalyani Wadile
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
आज सुबह सुबह उठकर मैं तयार हो रहीं थीं, कॉलेज जो जाना था। कॉलेज चले जाने के बाद मुझे पता चला को इलेक्शन के वजहसे कॉलेज को 3 दिनों की छुट्टियाँ दी गईं हैं, मैं भर से होस्टल आ गईं।फ़्रेंड्स के साथ कुछ देर तक बातें करने में ऐक डेढ़ घंटे बाद मैंने मेरा फ़ोन हात में लिया। देखा तो कुनाल का मैसेज आया था, Hi कहाँ हो और क्या कर रहीं हो?? मैंने कहाँ कुछ नहीं खाली टाइम पास कर रही हूं।और तुम कया कर रहें हों?उसी पल रिप्लाई भी आया तुम्हारे मैसेज का इंतजार। मैंने कहाँ अच्छा तो आप लड़कियोके साथ फ़्लर्ट करते हैं? उसने जवाब दिया फ़्लर्ट तो नहीं करता पर तुमसे बातें करना अच्छा लगता हैं।वैसेभी मैं गवरमेंट जॉब करता हूँ। कुछ समय मिल जाता है तो तुम्हें मैसेज कर देता हूँ।मेने कहाँ अच्छा थिक हैं, वैसे तुम कहाँके रहने वाले हों? उसने कहाँ मैं चालीसगांव से हु। जॉब के वजहसे मुम्बई मैं रहना पड़ता हैं।
आज सुबह सुबह उठकर मैं तयार हो रहीं थीं, कॉलेज जो जाना था। कॉलेज चले जाने के बाद मुझे पता चला को इलेक्शन के वजहसे कॉलेज को 3 दिनों की छुट्टियाँ दी गईं हैं, मैं भर से होस्टल ...और पढ़ेगईं।फ़्रेंड्स के साथ कुछ देर तक बातें करने में ऐक डेढ़ घंटे बाद मैंने मेरा फ़ोन हात में लिया। देखा तो कुनाल का मैसेज आया था, Hi कहाँ हो और क्या कर रहीं हो?? मैंने कहाँ कुछ नहीं खाली टाइम पास कर रही हूं।और तुम कया कर रहें हों?उसी पल रिप्लाई भी आया तुम्हारे मैसेज का इंतजार। मैंने कहाँ अच्छा तो
थोड़ी देर पढ़ाई करने के बाद में खिड़की के बाहर का नजारा देख रही थी। श्याम का वक्त था तो सभी पंछी अपने अपने घोसालो की और जा रहे थे । ठंडी हवा के साथ साथ खेतो की मिट्टी ...और पढ़ेभी खुशबू आ रही थी, उसी वक्त मेरे दिमाग मै आया बाहर घूम आ जाऊं । में निकलने लगीं तभी फोन मै नोटिफिकेशन आया देखा तो कुनाल का मैसेज था । Hi क्या कर रही हो मैंने तुम्हे डिस्टर्ब तो नहीं किया ना ? मैंने कहा नहीं नहीं बोलो क्या काम था जो मेरी याद आ गई । उसने कहा