Pyar ki Nishani book and story is written by Saroj Prajapati in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pyar ki Nishani is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
प्यार की निशानी - उपन्यास
Saroj Prajapati
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
मंगला जैसे ही सुबह स्कूल पहुंची उसे स्टाफ रूम में एक महिला बैठी हुई दिखाई दी। ध्यान से देखने पर वह उसे पहचानते हुए बोली “तुम तो मंजू हो ना!”
उसने भी हैरानी से मंगला की ओर देखते हुए कहा “हां पर तुम!”
“अरे पहचाना नहीं? तुम्हारी स्कूल फ्रेंड मंगला।“ इतना सुनते ही दोनों खुश होते हुए एक दूसरे के गले लग गईं।
मंजू ने हैरान होते हुए पूछा “पर तुम यहां कैसे?”
मंगला ने कहा “अरे, मैं इस स्कूल में पढ़ाती हूं, लेकिन तू यहां कैसे मंजू!”
“मैं भी आज से इस स्कूल में पढ़ाया करूंगी।“
भाग-१मंगला जैसे ही सुबह स्कूल पहुंची उसे स्टाफ रूम में एक महिला बैठी हुई दिखाई दी। ध्यान से देखने पर वह उसे पहचानते हुए बोली “तुम तो मंजू हो ना!”उसने भी हैरानी से मंगला की ओर देखते हुए कहा ...और पढ़ेपर तुम!”“अरे पहचाना नहीं? तुम्हारी स्कूल फ्रेंड मंगला।“ इतना सुनते ही दोनों खुश होते हुए एक दूसरे के गले लग गईं।मंजू ने हैरान होते हुए पूछा “पर तुम यहां कैसे?”मंगला ने कहा “अरे, मैं इस स्कूल में पढ़ाती हूं, लेकिन तू यहां कैसे मंजू!”“मैं भी आज से इस स्कूल में पढ़ाया करूंगी।““मतलब?”“मतलब क्या बुद्धू!! मेरी स्कूल में आज जॉइनिंग है।““अरे
भाग-२ धीरे धीरे जिंदगी पटरी पर आने लगी। मंजू अब फिर से स्कूल जाने लगी थी। वह अपने भाइयों पर भी पूरा ध्यान देती। जिसके कारण अब उसके भाइयों ने इधर उधर आवारागर्दी करने की बजाए अपनी पढ़ाई पर ...और पढ़ेदेना शुरू कर दिया था। मंजू के पापा जितना हो सकता, उतना काम खुद करते । मंजू की दादी व मंजू उनकी पूरी मदद करवाते। वह तो मंजू से मना भी करते। कहते “बेटा तू बस अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। अपना सपना पूरा कर। मैं नहीं चाहता घर के कामों की वजह से तेरी पढ़ाई में किसी तरह की
प्यार की निशानी भाग-3 रात को जब सब सो गए, मंजू बिस्तर में लेट कर बहुत देर तक सबसे छुप आंसू बहाती रही। उसने अपने सपने को आंसुओं में बहा दिया और पक्का निश्चय कर लिया कि वह ...और पढ़ेपापा की इच्छा जरूर पूरी करेगी। मंगला व उसके परिवार को जब यह पता चला तो सभी बहुत हैरान हुए। मंगला को तो बहुत गुस्सा आया लेकिन उसके मम्मी पापा, मंजू के पिता के दिल की हालत समझते थे इसलिए उन्होंने बस इतना ही कहा “बेटा इसमें भी तेरा भला ही छुपा होगा क्योंकि मां बाप अपने बच्चों का कभी बुरा
प्यार की निशानी भाग-42 दिन बाद मंजू पग फेरे के लिए अपने मायके आई। घर में उसे देख सबके चेहरे खुशी से खिल उठे। दादी तो अपनी पोती की नजर उतारते नहीं थक रही थी और मंजू के पिता ...और पढ़ेबेटी को बहुत ही प्यार से निहारते।आस पड़ोस के सभी लोग उससे मिलने व ससुराल के हाल चाल पूछने आए । सभी उत्सुक थे, उसके ससुराल के बारे में जानने के लिए!मंजू ने सभी के सामने अपनी सास व ससुराल की बहुत प्रशंसा की । सभी उसे आशीर्वाद दें विदा हुए। सबके जाने के बाद मंजू के पिता ने उससे
प्यार की निशानी भाग-5 आज मंजू का पहला करवाचौथ था। उसने व्रत रखा हुआ था। समीर के ऑफिस निकलने के समय उसकी मां ने उसे हिदायत देते हुए कहा “समीर, बहू ने तेरे लिए व्रत रखा है इसलिए समय ...और पढ़ेघर आ जाना। मैं नहीं चाहती उसे तेरे इंतजार में ज्यादा देर भूखा रहना पड़े। मैं तो उस पगली को मना कर रही थी कि क्या जरूरत है उस आदमी के लिए व्रत रखने की जिसके दिल में तेरे लिए कोई जगह ही नहीं। अपने पत्नी धर्म का वास्ता दें, उसने मुझे चुप करा दिया। तू भी थोड़ी मेरी इज्जत