Chandrika ek nanhi jadugarni book and story is written by Pooja Singh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Chandrika ek nanhi jadugarni is also popular in लघुकथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
चंद्रिका एक नन्हीं जादूगरनी - उपन्यास
Pooja Singh
द्वारा
हिंदी लघुकथा
ये कहानी शुरू होती हैं कंचनापुर से चंद्रिका को उसके भाई नीलेश ने एक गुप्त स्थान पर छुपा रखा है ताकि भावी जादूगरनी को कोई नुक़सान न पहुॅंचा सके।
चंद्रिका नादान सी इन सब बातो से अनजान कि क्या हो रहा है।वो तो अपने फागु /ऊरू के साथ जो की दो बौने है खेल मे रहती थी पर उसके भाई को यही चिंता रहती कही जादुगरनी गजमोहीनी (चंद्रिका की जान की दुश्मन) उसे न ढुंढ ले ।
मौहानी जिसे चंद्रिका कि देखभाल के लिए रखा गया था
जब भी निलेश बाहर जाया करता है मौहानी ही चंद्रिका की जादुगरनी गजमोहीनी से सुरक्षा करती हैं।
ये कहानी शुरू होती हैं कंचनापुर से चंद्रिका को उसके भाई नीलेश ने एक गुप्त स्थान पर छुपा रखा है ताकि भावी जादूगरनी को कोई नुक़सान न पहुॅंचा सके।चंद्रिका नादान सी इन सब बातो से अनजान कि क्या हो ...और पढ़ेहै।वो तो अपने फागु /ऊरू के साथ जो की दो बौने है खेल मे रहती थी पर उसके भाई को यही चिंता रहती कही जादुगरनी गजमोहीनी (चंद्रिका की जान की दुश्मन) उसे न ढुंढ ले ।मौहानी जिसे चंद्रिका कि देखभाल के लिए रखा गया था जब भी निलेश बाहर जाया करता है मौहानी ही चंद्रिका की जादुगरनी गजमोहीनी से सुरक्षा करती
अपने साथ हुऐ धोखे से जादुगरनी गजमोहीनी तिलमिला उठती है तब अपने बनाऐ छली सैनिक को चंद्रिका को कंकाली गुफा में लाने के लिए भेजती है आज्ञा पाकर ये सैनिक कंचनापुर पहुँचता हैउधर निलेश चंद्रिका को समझाता है कि ...और पढ़ेयमार पहाड़ी से नीचे न जाऐ बस यही आसपास खेले चंद्रिका खुशी खुशी मान जाती है आखिर उसे बाहर खेलने को जो मिल गया एक दिन अचानक फागू भागता -भागता आता है निलेश उससे अचानक आने का कारण पूछता है फागू उसे बताता है बड़े भैया आज चंद्रिका ने मुझे उठाके फैक दिया सब जोर -जोर से हंसने लगते है कहते है "तो क्या हुआ
जादुगरनी गजमोहीनी चंद्रिका का पता करके अपनी गुफा में वापस आती है और चंद्रिका को मारने के लिए अपनी शक्ति से एक सुंदर से लेकिन विषैले खरगोश बनाती हैं ताकि इस बहकावे में फंस जाऐ ।जादुई खरगोश यमार पहाड़ी ...और पढ़ेहै"चंद्रिका रुको इतनी तेज मत भागो" ऊरु ने कहा "तुम छोटे हो मैं नही ""नही चंद्रिका भाई ने पहाड़ी से नीचे जाने के लिए मना किया है""हां मुझे पता है"भागते भागते चंद्रिका को एक खरगोश दिखता है जो बहुत घायल है "ऊरू देखो इसे चोट लगी है इसे घर ले चले ""बड़े भाई नाराज तो नही होंगे तो ले चलो""नही !भैयया नाराज
"निलेश !तुम अपने साथ में मौहानी को लेकर जाओ ""पर !..क्यु मां ?" संकोचत हुऐ निलेश ने कहा "क्युकि तुम्हारा वहां अकेले जाना मौत के पास जाना है इसलिए मौहानी तुम्हारी पूरी सहायता करेगी ""ठीक है मां"निलेश वापस अपनी ...और पढ़ेके पास लौट आता है"निलेश जी !..आप आ गये औषिधि ले आऐ ""नही !मौहानी ..मां ने वनभक्षी जंगल जाने के लिए कहा है " (घबराकर) वहां जाना खतरे से खाली नही है ""मुझे पता है मौहानी इसलिए मां ने पता नही क्यु तुम्हे साथ ले जाने के लिए कहा है ""हहहह हां ! ठीक है मैं चलती हूंँ आपके साथ आख़िर