Akshmya Apradh book and story is written by Rama Sharma Manavi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Akshmya Apradh is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अक्षम्य अपराध - उपन्यास
Rama Sharma Manavi
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
प्रस्तर मूर्ति के समान स्थिर बैठी दिव्या निर्निमेष,सूनी अश्रुविहीन नेत्रों से सामने की दीवार देखे जा रही थी।सफेद चेहरे पर ठहरी हुई पुतलियां इंगित कर रही थीं कि वह जीवित तो है, परन्तु संज्ञाशून्य हो चुकी है, अपने जीवन में विधाता या शायद निष्ठुर लोगों के कपट भरे आघात से।भले ही इसे बदकिस्मती का नाम दे दिया जाय लेकिन उसकी तकदीर की लकीरों में बर्बादी लिखने वाले लोग क्षमा के योग्य तो कदापि नहीं।ये अलग बात है कि उनकी सजा सिर्फ़ ऊपरवाले के हाथ में है। आह!कितने क्रूर होते हैं वे लोग जो अपने निहित स्वार्थ के लिए किसी
प्रस्तर मूर्ति के समान स्थिर बैठी दिव्या निर्निमेष,सूनी अश्रुविहीन नेत्रों से सामने की दीवार देखे जा रही थी।सफेद चेहरे पर ठहरी हुई पुतलियां इंगित कर रही थीं कि वह जीवित तो है, परन्तु संज्ञाशून्य हो चुकी है, अपने जीवन ...और पढ़ेविधाता या शायद निष्ठुर लोगों के कपट भरे आघात से।भले ही इसे बदकिस्मती का नाम दे दिया जाय लेकिन उसकी तकदीर की लकीरों में बर्बादी लिखने वाले लोग क्षमा के योग्य तो कदापि नहीं।ये अलग बात है कि उनकी सजा सिर्फ़ ऊपरवाले के हाथ में है। आह!कितने क्रूर होते हैं वे लोग जो अपने निहित स्वार्थ के लिए किसी
गतांक से आगे…… विवाह तिथि से पूर्व दिवस में वर के यहाँ तिलक समारोह का आयोजन था,जिसमें लगभग 30 मुख्य रिश्तेदार तिलक लेकर दिव्या के ससुराल गए थे, सभी वहां की भव्य व्यवस्था देखकर अभिभूत थे।विवाह वाले ...और पढ़ेपहले गोदभराई की रस्म सम्पन्न की गई,जिसमें एक हीरे का जगमगाता सेट,दो सोने के सेट,कई अंगूठियां, हाथों के लिए सोने के भारी कड़े,चेन,पायल,ढेरों मंहगे कपड़े देखकर सभी दिव्या के भाग्य से रस्क कर रहे थे।किसी को कहां भान था कि इस चकाचौंध के पीछे कितने भयानक सच को छिपा दिया था वर पक्ष ने। खैर, पूरे धूमधाम से विवाह के समस्त कार्यक्रम