Sang Vigyan Ka - Rang Adhyatm Ka book and story is written by Jitendra Patwari in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sang Vigyan Ka - Rang Adhyatm Ka is also popular in मानवीय विज्ञान in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मेटाफिजिक्स इस लेख श्रृंखला में , हम एक ऐसे विषय से परिचित होने की कोशिश करेंगे जो बहोत ही मौलिक एवं सहज होने के साथ साथ प्रत्येक मनुष्य के जीवन से जुड़ा हुआ होने के बावजूद समाज ...और पढ़ेइसके बारे में बहोत ही सिमित जानकारी उपलब्ध है | इस विषय का नाम है "मेटाफिजिक्स"(तत्वमीमांसा) | आज सोशियल मीडिया, तस्वीरें और सेल्फी का युग है | बड़े कैमरे का उपयोग धीरे धीरे म|नो अतीत की बात होती जा रही है | एक से बढ़कर एक केमेरा मोबाइल में ही उपलब्ध है| विभ्भिन फीचर्स वाले फोटो एडिटर्स भी प्राप्य है जो
ओरा, कुण्डलिनी, नाड़ी लेखांक १ में मेटाफिजिक्स और ोरा (Aura)के बारे में कुछ चर्चा हुई [ आगे बढ़ने से पहले इस लेखमाला में आगे क्या आने वाला है, इस के बारे में कुछ जानकारी लेते है [ ...और पढ़ेकी आँखों से, अध्यात्म के पंखो पर' शीर्षक के अंतर्गत गुजराती में Aura, कुंडलिनी, नाड़ी और ७ चक्रो के बारे में विस्मय, सृजन, अध्यात्म लिमिटेड १० और कुछ अन्य डिजिटल मैगज़ीन के माध्यम से यह लेखमाला करीबन ५ लाख से भी अधिक लोगों तक पहुंची है l 'चक्रसंहिता' नामक गुजराती पुस्तक (जो अभी प्रिंट में है) इन सब लेख और अन्य बहुत
नाड़ीतंत्र प्रथम दो लेखांक दौरान ओरा (Aura) और कुँडलिनी के बारे में चर्चा हुईl नाड़ि के बारे में प्राथमिक बात हुई कि जैसे बिजली, रेडियो या लेसर तरंगे अदृश्य होने के बावजूद भी अस्तित्वम में है और ...और पढ़ेहै उसी तरह से प्राणशक्ति का प्रवाह नाड़िओं के माध्यमसे बहता रहता है| नर्वस सिस्टम स्थूल शरीरमें है जब कि नाड़ीतंत्र प्राणशरीर में स्थित है| एक बहुत ही विशाल, जटिल और प्रकृति ही जिसकी रचना कर सकती है ऐसे व्यवस्थित नाड़ीतंत्र के नेटवर्क द्वारा ऊर्जाका प्रवाह शरीर के प्रत्येक अंग एवं कोष में पहुंचता रहता है| इस हप्ते हम
चक्र: जीवन यात्रा के सप्त सूर ऑरा, कुंडलिनी और नाड़ी के बारे में चर्चा हुई. अब चलते हैं चक्र यात्रा पर l चक्रों के बारे में चर्चा शुरू करने से पहले एक बात समझ लेते हैं lजीवन ...और पढ़ेतीन पहलू हैं; तन, मन और आत्मा. ये तीनो पहलू सात चक्रो से ही संबंधित हैं. संपूर्ण स्वास्थ्य, दूसरे शब्दों में बताये तो कोई भी रोग, हर प्रकार की भावनाएं और अध्यात्म - सब कुछ कोई न कोई चक्र से जुड़ा हैl इस लिए चक्रों के बारे में माहिती होना, उन्हें संतुलित रखना अति आवश्यक है l गुजराती में प्रसिद्द