Bhutiya Jungle book and story is written by Rahul Haldhar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bhutiya Jungle is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
भूतिया जंगल - उपन्यास
Rahul Haldhar
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
कहानी में बताए गए पात्र व स्थान काल्पनिक भी हो सकते हैं । लेखक ने इसका प्रयोग केवल कहानी के डर को बढ़ावा देने के लिए किया है । इस काल्पनिक कहानी को केवल कहानी के दृष्टि से पढ़े सच्चाई से इसका कोई मत नही ।
◆◆◆
सिगरेट के राख को फेंक उसको फिर से होंठ के कोने पर रखें जयदीप सिंह , लखनऊ थाने के इंस्पेक्टर जयदीप सिंह, इलाके के क्रिमिनलों के लिए साक्षात यमराज हैं वह, नेता भी उनसे बचकर ही रहते हैं I बहुत से समाज विरोधी उनके सामने झुकने को मजबूर हुए हैं I
★[ नोट → कहानी में बताए गए पात्र व स्थान काल्पनिक भी हो सकते हैं । लेखक ने इसका प्रयोग केवल कहानी के डर को बढ़ावा देने के लिए किया है । इस काल्पनिक कहानी को केवल कहानी के ...और पढ़ेसे पढ़े सच्चाई से इसका कोई मत नही । ] ★ ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ सिगरेट के राख को फेंक उसको फिर से होंठ के कोने पर रखें जयदीप सिंह , लखनऊ थाने के इंस्पेक्टर जयदीप सिंह, इलाके के क्रिमिनलों के लिए साक्षात यमराज हैं वह, नेता भी उनसे बचकर ही रहते हैं I बहुत से समाज विरोधी उनके सामने झुकने को मजबूर
अब तक आपने पढ़ा आशीष अपने साथ उस जंगल में हुए घटना के बारे में बता रहा है ..... अब आगे... आशीष ने एक गिलास पानी पिया और फिर से बोलना शुरू किया - " दिन ...और पढ़ेबुधवार , बलरामपुर स्टेशन उतर कर वहां से गाड़ी पकड़ हम पहुंचे विवेक के चाचा के घर , पहले से ही खाने पीने का इंतजाम था इसीलिए दोपहर तक भोजन करके हम लोग निकल पड़े I विवेक में अपने चाचा - चाची से बताया कि हम लोग आसपास घूमने जा रहे हैं पर हम लोगों को जाना था बैरिया के जंगल में
इस समय सुबह के लगभग 10 बजे हैं I लखनऊ हॉस्पिटल के बेड नंबर 103 के पास वार्ड के बाहर खड़े होकर इंतजार कर रहे हैं इंस्पेक्टर जयदीप, राजेंद्र और श्याम I श्याम के चेहरे की रेखा असंतोषजनक ...और पढ़ेउसे यह बात बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा कि राजेंद्र आज भी पुलिस को साथ लेकर आ गया I उसके मन में एक गुस्सा उभरा है राजेंद्र के प्रति , इसीबीच जयदीप डॉक्टर के साथ बात करने के लिए आगे बढ़ गए और श्याम जो अवसर चाहता था मिल गया I राजेंद्र के पास आया वह और बोला - " तुम
अगले दिन सुबह 10:00 बजे के आसपास सुदर्शन यादव दो कांस्टेबल के साथ उपस्थित हुए I तब तक इंस्पेक्टर जयदीप तैयार हो गए थे I दोनों कांस्टेबल के चेहरे को देखकर जयदीप समझ गए कि इनमें से किसी का ...और पढ़ेमन उस जंगल में जाने का नहीं है शायद जोर-जबर्दस्ती से यादव जी ने उनको राजी किया है I जयदीप को देखते ही यादव ने एक सलामी देकर मुस्कुरा कर बोले - " नमस्कार सर , आपने जैसा कहा था हम आ गए अब जितनी जल्दी हो उस जंगल से सर्च करके चले आते तो अच्छा होता I " जयदीप
अब आगे... आशीष को सांस लेने में बहुत ज्यादा कठिनाई हो रहा है ऐसा ही उस दिन भी हुआ था I उस दिन की तरह आज भी उसे लग रहा है कोहरे के बीच से कुछ भयानक सा ...और पढ़ेउसे जकड़ना चाहता है I इंस्पेक्टर जयदीप कहां चले गए यह समझ नहीं आ रहा उसे I जंगल में फिर से आकर बहुत बड़ी गलती कर दी है उन सभी ने , उसी दिन की तरह इस घने कोहरे में न जाने कहां सभी गायब हो रहे हैं I इस घने कोहरे के पीछे मानो कोई शैतान खड़ा है लेकिन यह