Crush a love story book and story is written by मदन सिंह शेखावत in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Crush a love story is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
Crush a love story - उपन्यास
मदन सिंह शेखावत
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
मैं ओर सेजल स्टेज पर काफी सुंदर लग रहे थे। आज मेरी शादी का रिसेप्शन था जो सेजल के पापा ने बान्द्रा में आयोजित किया था। एक हफ्ते पहले ही मेरी सेजल से शादी हुई थी। यह एक लव मैरिज थी। हम दोनों दो साल पहले दिल्ली एयरपोर्ट पर मिले थे। सेजल को देखकर लगा था कि सेजल ही मेरे लिये बनी है। मुलाकाते बढ़ती गयी और आज हम दोनों साथ है। मेरा प्यार मेरे साथ है। सेजल मुझे अपने मेहमानों से अवगत करा रही थी। इतने में सेजल की मम्मी यानी कि मेरी सासु मां स्टेज पर आती है।
"मेरी बिटिया रानी ओर अनिकेत तुम दोनों बहुत ही सुंदर लग रहे हो। " सासु मां ने हम दोनों को आशीर्वाद देते हुए अपने दोनों हाथ से सेजल के गालों पर लाड किया।
मैं ओर सेजल स्टेज पर काफी सुंदर लग रहे थे। आज मेरी शादी का रिसेप्शन था जो सेजल के पापा ने बान्द्रा में आयोजित किया था। एक हफ्ते पहले ही मेरी सेजल से शादी हुई थी। यह एक लव ...और पढ़ेथी। हम दोनों दो साल पहले दिल्ली एयरपोर्ट पर मिले थे। सेजल को देखकर लगा था कि सेजल ही मेरे लिये बनी है। मुलाकाते बढ़ती गयी और आज हम दोनों साथ है। मेरा प्यार मेरे साथ है। सेजल मुझे अपने मेहमानों से अवगत करा रही थी। इतने में सेजल की मम्मी यानी कि मेरी सासु मां स्टेज पर आती है।
भाग 2"अनिकेत मैं तो बहुत थक गई हूं" सेजल आईने के सामने अपने बिखरे बालों को संवारते हुए मुझे कहा। रिसेप्शन समाप्त हो चुका था। रात का बीच का पहर था। चांद की रोशनी खिड़की से कमरे को मदहोश ...और पढ़ेरही थी। सितारे आसमान की साड़ी में झिलमिला रहे थे। मैं सजे हुए बिस्तर पर सेजल का मेरी बाहों में आने का इंतजार कर रहा था। मेरे होठो की तड़पन मुझे रोमांचित कर रही थी। जब सेजल मेरी बाहों में होती है मानो सारी खुशियां मेरे साथ होती है।में खड़ा होकर चुपके से सेजल के पीछे खड़ा हो गया। थोड़ा
जैसे ही सेजल की दीदी संगीता ने खिड़की के पर्दे हटाये सूरज की रोशनी सीधी सेजल के चेहरे पर पड़ी। "अरे सेजल मैं संगीता दीदी हूँ। उठो देखो सूरज कहाँ आ गया है" संगीता दीदी ने सेजल की ...और पढ़ेखीचते हुए कहा। "दीदी आप यहाँ। अनिकेत कहाँ है?" सेजल ने सवाल किया "क्या अनिकेत कही गया है। मेरे को तो कुछ नहीं बताया। अभी फ़ोन करके पता करती हूँ।" सेजल थोड़ा गुस्सा करते हुए फोन ढूढ़ने लग गयी।"कहाँ हो अनिकेत? मुझे तो कुछ बताया ही नही।" जैसे ही अनिकेत ने सेजल का फोन उठाया सेजल ने सवाल किया। "मैं माफी चाहता