The Author मदन सिंह शेखावत फॉलो Current Read Crush a love story - 2 By मदन सिंह शेखावत हिंदी प्रेम कथाएँ Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books अंगद - एक योद्धा। - 9 अब अंगद के जीवन में एक नई यात्रा की शुरुआत हुई। यह आरंभ था न... कॉर्पोरेट जीवन: संघर्ष और समाधान - भाग 1 पात्र: परिचयसुबह का समय था, और एक बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी की... इंटरनेट वाला लव - 90 कर ये भाई आ गया में अब हैपी ना. नमस्ते पंडित जी. कैसे है आप... नज़रिया “माँ किधर जा रही हो” 38 साल के युवा ने अपनी 60 वर्षीय वृद्ध... मनस्वी - भाग 1 पुरोवाक्'मनस्वी' एक शोकगाथा है एक करुण उपन्यासिका (E... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास मदन सिंह शेखावत द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ कुल प्रकरण : 3 शेयर करे Crush a love story - 2 (2) 2.2k 6.1k 1 भाग 2"अनिकेत मैं तो बहुत थक गई हूं" सेजल आईने के सामने अपने बिखरे बालों को संवारते हुए मुझे कहा। रिसेप्शन समाप्त हो चुका था। रात का बीच का पहर था। चांद की रोशनी खिड़की से कमरे को मदहोश कर रही थी। सितारे आसमान की साड़ी में झिलमिला रहे थे। मैं सजे हुए बिस्तर पर सेजल का मेरी बाहों में आने का इंतजार कर रहा था। मेरे होठो की तड़पन मुझे रोमांचित कर रही थी। जब सेजल मेरी बाहों में होती है मानो सारी खुशियां मेरे साथ होती है।में खड़ा होकर चुपके से सेजल के पीछे खड़ा हो गया। थोड़ा नीचे झुककर सेजल के कानो में प्यार से बोला "आज तो तुम सच मे बहुत खूबसूरत लग रही हो। तुम्हारा सौन्दर्य मुझे मतवाला बना रहा है। मन तो कर रहा था कि सबके सामने बाहों में लेकर किश कर लूं।" सेजल पीछे मुड़ी ओर दोनों हाथों से मेरी छाती पीटते हुय मजाकिया अंदाज में शरमाते हुए कही। "क्यों नही किया किस जब इतना मन कर रहा था"इससे आगे सेजल कुछ बोल पाती मैंने सेजल को कसकर पकड़ लिया और सेजल के होंठो को कामुकता से चुम लिया। चुम्बन के बाद हम दोनों एक दूसरे की आंखों में ताकते रहे। हमारी गर्म सांसे हम दोनों के देह से स्पर्श कर रही थी जो एक रोमांच पैदा कर रहा था। मानो प्यार का सैलाब उमड़ने वाला था। "अनिकेत थोड़ा रुको तो सही मैं पहले नहाकर अपनी पसंद की नाईट ड्रेस तो पहन लू" सेजल ने मेरे कानों में प्यार से कहा ओर मेरी उतेजना को थोड़ी देर के लिए शांत कर दिया। सेजल नहाने के लिए जाने लगी पीछे से मेने सेजल के हाथ को पकड़ते हुय बोला "हम दोनों साथ नहाते है ना" "नही अनिकेत मुझे शर्म आती है" यह कहते हुए सेजल शर्माते हुए बाथरूम में चली गयी। "सेजल की इसी अदा ओर शर्म को देखकर मुझे प्यार हुआ था।" में मन ही मन दिल से बातें कर रहा था। में सेजल के आने का इंतजार करने लग गया। कमरे के एक कोने में रखे तोहफो को देखकर मेरे को उस प्यारी लड़की ओर उसके तोहफे की अचानक याद आ गयी। मैंने उन तोहफो में उस तोहफे को ढूढने लग गया। आखिर में मुझे वो तोहफा मिल गया। उसके ऊपर लिखे शब्दो को पढ़कर मेरे मन में एक दुविधा पैदा हो गयी। "सेजल शादी मुबारक हो सेजल चाचू की गुड़िया" "उसका नाम भी सेजल है"मेरी उत्सुकता तो बढी लेकिन मेरी उलझनों का तूफान भी आने वाला था। तोहफे के अंदर जो था उसे देखकर तो पैरो तले जमीन खिसक गई। उसमे एक पत्र था जो राज ने सेजल के लिए लिखा था।सेजल जिस दिन भी तुम इस पत्र को पढ़ोगे मैं तुमसे बहुत दूर जा चुका हूँगा। शायद कभी मिल भी ना पाऊं। मुझे पता है तुम्हारे लिए तो ये एक crush था। ये तुम्हारी जिंदगी है तुम जिससे चाहो crush ओर किसी से प्यार भी कर सकती हो लेकिन तुम्हारा crush मेरी मोहब्बत बन गयी। तुम्हारी नाराजगी ओर गुस्से से ये ओर बढ़ गयी। तुमसे मोहब्बत क्या हुई में तो तेरा गुनाहगार हो गया। ये सब पढ़ने पर भी तुम्हारे चेहरे पर कोई खुशी नही होगी। मैं अच्छे से जानता हूँ एक ख्याल तुम्हारे मन मे जरूर आएगा "मुझे घंटा फर्क पड़ता है" सच मे तुझे कुछ फर्क नही पड़ता है क्योंकि तुझे चाहने वाले हज़ारो है लेकिन तेरी फिक्र करने वाला सिर्फ एक राज इस पत्र के साथ एक चॉकलेट भी थी। इतने में बाथरूम का दरवाजा खुलने की आवाज सुनाई दी। मेंने गिफ्ट को जल्दी से बिस्तर के नीचे छुपा दिया। सामने सेजल सलवार सूट पहने खड़ी थी। सच मे सेजल बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। जब हुस्न जलवे ढाने लगे तो प्रेमी को कुर्बान होने के अलावा कुछ नहीं सूझता। धीरे धीरे सेजल मेरी तरफ आ रही थी। सेजल की सांसो ने सेजल के क्लिवेज को ज्यादा सेक्सी बना रहा था। होठों पर महक रही खुशबू मेरी प्यास बढ़ा रही था। दोनों की नज़रे ऐसे टकराई की जैसे कि हम एक है। लेकिन सेजल शरमा कर मेरी बाहों में सिमट गई। "सेजल मैं भी नहा कर आ जाऊँ । अब रहा नही जा रहा है।" मेने सेजल के ललाट को चूमते कहा। "लेकिन जल्दी करना मैं बहुत थक चुकी हूँ ।" सेजल सच मे बहुत थकी हुई नजर आ रही थी। में जल्दी जल्दी नहाने लग गया। लेकिन जैसे ही तैयार हो कर बाहर आया तो सारा रंग उतर गया क्योंकि सेजल तो सो गई थी। "सच मे बहुत थक गई थी।" ये सोचते हुए बिस्तर पर बैठकर में सेजल को निहारने लग गया। लेकिन मुझे नींद नही आने वाली थी। मेंने फिर से तोहफे को निकाल लिया शायद कोई और राज का सुराग मिले लेकिन चॉकलेट ओर पत्र के अलावा कुछ नही था। "कौन है राज क्या सच मे राज मेरे से ज्यादा सेजल को प्यार करता है?" ऐसे कई सवाल मेरे मन सुलग रहे थे। "लेकिन सेजल ने तो कभी भी राज का कोई जिक्र नही किया। उसने मुझसे हर बात साझा की है।" मेरा मन दिल से बातें करने लग गया। दिल ने इशारा किया कि इस पत्र के पीछे की कहानी जानना जरूरी है। क्यों सेजल ने राज के बारे में मेरे को क्यों नही बताया। लेकिन राज से कैसे मुलाकात हो। फिर उस लड़की का ख्याल जो अनाथालय में रह रही थी। मेंने मोबाइल लिया और बान्द्रा में कितने अनाथालय है मोबाइल में सर्च करने लग गया। बान्द्रा में दस अनाथालय थे इनमे से सेजल कोनसे में रहती है। इतने में मेरे को ख्याल आया "सेजल ने मोनिका आंटी का नाम लिया था" फिर मेने सभी अनाथालय के चेयरमैन का नाम पता करने लग गया। आखिरकार एक अनाथालय जिसकी चेयरमैन मोनिका श्रीवास्तव थी। मेने इसी अनाथालय में सेजल को ढूढ़ने का मन बना लिया। उस अनाथालय का नाम मदद चाइल्ड केअर होम ओर अनाथालय था। मेने कल इस सेजल से मिलने की ठान ली थी। ‹ पिछला प्रकरणCrush a love story - 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