Garib ki dosti book and story is written by Harsh Parmar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Garib ki dosti is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
गरीब की दोस्ती - उपन्यास
Harsh Parmar
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
एक गरीब लड़का था एक छोटे से गांव मे रहता था.फेमिली मे उसकी माँ और उसका पापा ही था | बाप बहुत बीमार रहता था और उसकी माँ लोगो के यहा बर्तन कपड़े धोने का काम करती थी| लड़के का नाम राजु था राजु दूर जंगल मे जाके लकड़े काटकर गांव मे बेचने जाता था |लकड़े का जो भी पैसा मिलता उससे उसका घर चलता था. एक दिन राजु जंगल में लकड़े काटने के लिए गया | राजु कुल्हाड़ी से लकडे काट ही रहा था तब उसने किसीकी जोर की चीख सुनी और राजु उसी दिशा मे भागा
एक गरीब लड़का था एक छोटे से गांव मे रहता था.फेमिली मे उसकी माँ और उसका पापा ही था | बाप बहुत बीमार रहता था और उसकी माँ लोगो के यहा बर्तन कपड़े धोने का काम करती थी| लड़के ...और पढ़ेनाम राजु था राजु दूर जंगल मे जाके लकड़े काटकर गांव मे बेचने जाता था |लकड़े का जो भी पैसा मिलता उससे उसका घर चलता था. एक दिन राजु जंगल में लकड़े काटने के लिए गया | राजु कुल्हाड़ी से लकडे काट ही रहा था तब उसने किसीकी जोर की चीख सुनी और राजु उसी दिशा मे भागा
आगे आपने पढ़ा की सिला के साथ क्या क्या हुआ। जब सिला के पापा ने सिला के साथ किसी अंजान लड़के को देखा । तो वो एकदम से चौक गये ...और पढ़ेगुस्से हो गए। फिर सिला के पापा ने सिला को बोला ये लड़का कोन है। ये तुमको कही लेकर गया था इसने तेरे साथ कुछ किया तो नही ना ऐसा वैसा सुनाया सिला को । फिर राजू को बिना किसी बजह बहुत सुना दिया और राजू को एक दो थप्पड़ मार दिया। सिला ने अपने पापा को बोला की पापा मेरी बात तो सुनो पहले पर
लड़के ने अपने पापा को कोल किया और बताया की पापा मेरा एक्सीडेंट हो गया है और मे इस हॉस्पिटल मे हु फिर लड़के ने कोल कट कर दिया | लड़के के ...और पढ़ेने घर पे बताया कि अपने संजय का एक्सीडेंट हो गया है तब ये बात सुनकर सब रोने लगे की कैसे एक्सीडेंट गया| सीला ने बोला चलिए पापा हॉस्पिटल फिर वहा से सब लोग हॉस्पिटल आ गए और देखा तो संजय बेड पे सोया हुआ था फिर संजय को जगाया और उसका हालचाल पूछा | संजय इधर उधर
राजू संजय को देखकर बहुत खुश हुआ और संजय को मिला | एक दूसरे ने अपने हाल चाल पूछे फिर दोनों ने बहुत देर तक बाते की | संजय ने राजू को बोला की आप मेरे पास आ ...और पढ़ेमे आपको वहा पर कोई जॉब दिला दूंगा | राजू ने कहा की मे कैसे आ सकता हु वहा पर अगर मे वहा पर आ जाऊ तो मेरे मा पापा का यहा कोई ध्यान रखने वाला नही है | संजय ने कहा की आपके मुझ पर बहुत उपकार बाकी है मे आपके लिए इतना तो कर
आगे आपनेे पढ़ा की कैसे राजू ने संजय की मदद की और फिर संजय ने राजू को कैसे अपने साथ लेकर गया | शिला सामान देकर अपने रूम मेे वापिस आ गई | फिर दूसरे दिन संजय ने ...और पढ़ेको बोला की ये थोड़े पैसे अपने पास रखलो | जैसे ही संजय ने राजू को पैसा देना चाहा तब राजू ने कहा की पैसे की जरूरत नही है मेरे पास थोड़े पैसे पड़े है फिर भी संजय ने राजू को थोड़े पैसे दे दिये | फिर संजय ने राजू को बोला की चलो मेरी