Roshni book and story is written by Divya Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Roshni is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
रोशनी - उपन्यास
Divya Sharma
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
जैसे ही उस पर नजर पड़ी वह किनारे से निकलने लगा।पर वह जीने के बीचोबीच आ धमकी। कबीर को यह देखकर गुस्सा आ गया।वह उसे झिडकते हुए बोला.. "सामने से हट!" "नहीं हटेगी मैं!बोल क्या कर लेगा?"सीने को अकड़ाते हुए उसनें जवाब दिया। "देख रौशनी!शराफत से कह रहा हूं हट जा सामने से।"वह गुस्से से बोला। "ऐ...देख साला!कैसी बात करता है..हा..हा..हा..शराफत....हा..हा...साले दल्ले शराफत की बात करता है।इस जगह पर कोई शरीफ है तो सिर्फ हम धंधे वाली।"वह विद्रुपता से हँस कर बोली। "देख टाइम खोटी मत कर!मुझे जाने दे।"वह बोला। "नहीं जाने देगी क्या कर लेगा!मारेगा क्या?"रौशनी ने उसके कंधे
जैसे ही उस पर नजर पड़ी वह किनारे से निकलने लगा।पर वह जीने के बीचोबीच आ धमकी। कबीर को यह देखकर गुस्सा आ गया।वह उसे झिडकते हुए बोला.. "सामने से हट!" "नहीं हटेगी मैं!बोल क्या कर लेगा?"सीने को अकड़ाते ...और पढ़ेउसनें जवाब दिया। "देख रौशनी!शराफत से कह रहा हूं हट जा सामने से।"वह गुस्से से बोला। "ऐ...देख साला!कैसी बात करता है..हा..हा..हा..शराफत....हा..हा...साले दल्ले शराफत की बात करता है।इस जगह पर कोई शरीफ है तो सिर्फ हम धंधे वाली।"वह विद्रुपता से हँस कर बोली। "देख टाइम खोटी मत कर!मुझे जाने दे।"वह बोला। "नहीं जाने देगी क्या कर लेगा!मारेगा क्या?"रौशनी ने उसके कंधे
खट खट खट ….खट खट खट…..उसके दिमाग में एक शोर सुनाई दे रहा था जैसे कोई पुकार रहा हो….रौशनी…..रौशनी… रौशनी… अचानक उसकी आँख खुल गई।दरवाजे पर कोई था। फिर से किसी ने उसका नाम लेकर पुकारा…”रौशनी...रौशनी….!” शब्बो आपा की ...और पढ़ेथी।वह हड़बड़ा कर उठी। “आई….आपा….!”अगले पल वह दरवाजे के बाहर थी। “क्या हुआ आपा?”अंगडाई लेते हुए वह बोली।उनींदी सी….बाल माथे पर बिखर गए थे….आँखों का काजल रोने की वजह से गाल पर फैल गया था।इस पर कसावट लिए चोली।रुप तो गढ़कर दिया था ऊपर वाले ने। “इतनी देर तक सो रही थी!”आश्चर्य से शब्बो ने पूछा। “और आँखों के नीचे