Na Umr Ki Seema Ho book and story is written by S Sinha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Na Umr Ki Seema Ho is also popular in लघुकथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
ना उम्र की सीमा हो - उपन्यास
S Sinha
द्वारा
हिंदी लघुकथा
भाग 2 ( अंतिम भाग ) - पिछले अंक में आपने पढ़ा कि सुकन्या सतीश से अपने मुसीबतों की बातें कर रही थी , अब आगे पढ़ें क्या उम्र के अंतर के बावजूद दोनों मिल पाते हैं ..... कहानी - ना उम्र की सीमा हो 2 " देखो मैं पास्ट याद कर भी रोने वाली नहीं हूँ .मेरे पति ने मरते वक़्त कहा था कि रोने से कुछ हासिल नहीं होगा .सामने वाला हो सकता है झूठी सहानुभूति दिखा दे , बस ." " नहीं , मैं न तो तुम्हें रोते देखना चाहूंगा न ही झूठी सहानुभूति दिखलाऊंगा .बस
भाग 1 . इस कहानी में यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि दो सच्चे प्रेमियों के बीच उम्र का फासला कोई खास मायने नहीं रखता है …. ...और पढ़े कहानी - ना उम्र की सीमा हो 1 सतीश बी टेक केमिकल इंजीनियरिंग से कर बंगाल के हल्दिया स्थित टाटा केमिकल में इंजीनियर था .उसके पिता तो बचपन में ही गुजर गए थे . अपनी माँ के साथ हल्दिया में कंपनी के क्वार्टर में रहता था .नौकरी लगते ही लड़की वाले उसकी माँ के पास शादी का प्रस्ताव ले कर आने लगे थे .सतीश ने सब कुछ माँ की
भाग 2 ( अंतिम भाग ) - पिछले अंक में आपने पढ़ा कि सुकन्या सतीश से अपने मुसीबतों की बातें कर रही थी , अब आगे पढ़ें क्या उम्र के अंतर के बावजूद दोनों मिल पाते हैं ..... ...और पढ़े कहानी - ना उम्र की सीमा हो 2 " देखो मैं पास्ट याद कर भी रोने वाली नहीं हूँ .मेरे पति ने मरते वक़्त कहा था कि रोने से कुछ हासिल नहीं होगा .सामने वाला हो सकता है झूठी सहानुभूति दिखा दे , बस ." " नहीं , मैं न तो तुम्हें रोते देखना चाहूंगा न ही झूठी सहानुभूति दिखलाऊंगा .बस