ANMOL RISHTE book and story is written by Kalpana Sahoo in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. ANMOL RISHTE is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अनमोल रिश्ते - उपन्यास
Kalpana Sahoo
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
सुनसान् रास्ते के पास एक आदमी गाडी ले के खडा था।चेहेरा उदास था। आखों में आशुं नहीं था, पर दील में चोट था। मुहँ लटका के खडा था सायद कुछ सोच रहा हो। तभी उसी रास्ते पर उसका दोस्त निकला। दोस्त का नजर उस पर पडा। गाडी रोक के पास आया। पुछा आरे तु तो आज जल्द घर जानेबाला था ना फिर यहां कैसे ? उसने कुछ जवाब नहीं दिआ। दोस्त को झट से गले लगा लिया और रोने लगा। दोस्त:- भाई क्या हुआ है ? तु रो क्यु रहा है ? कोइ problem है तो बता। आदमी:- क्या बताऊँ तुझे ?
सुनसान् रास्ते के पास एक आदमी गाडी ले के खडा था।चेहेरा उदास था। आखों में आशुं नहीं था, पर दील में चोट था। मुहँ लटका के खडा था सायद कुछ सोच रहा हो। तभी उसी रास्ते पर उसका दोस्त ...और पढ़ेदोस्त का नजर उस पर पडा। गाडी रोक के पास आया। पुछा आरे तु तो आज जल्द घर जानेबाला था ना फिर यहां कैसे ? उसने कुछ जवाब नहीं दिआ। दोस्त को झट से गले लगा लिया और रोने लगा। दोस्त:- भाई क्या हुआ है ? तु रो क्यु रहा है ? कोइ problem है तो बता। आदमी:- क्या बताऊँ तुझे ?
आदमी:- तु किस के site में बोल रहा है भाई ? तु मेरा दोस्त है या उसकी ? दोस्त:- माना की में अनजान हुं ...और पढ़े पहचान नहीं, पर भाई में इनसान हुं कोई जानवर नहीं । दुनियां देखा है मेने कोई अन्धा नहीं,
इस अनमोल रिस्ते की part-1, part-2 तो पेहले आप लोग पढलीये होगें । अब में इस रिस्ते का आखीर part लीखने जा रही हुं । इसके बाद ये कहानी complete हो जायेगी । जब में ...और पढ़ेकहानी रिस्तों के उपर लीख रही हुं तो क्युं ना में रिस्तों के बारे में एक दो लाइन बोल दुँ । तो अब में रिस्तों के बारे में कुछ लब्ज केहना चाहुंगी । रिस्ते बहत नाजुक होते हैं । इसलिए मेरी हिसाब से रिस्ता कोई भी हो पर उसे बहत अच्छे से निभाना चाहीये । चलो रिस्तों की खातीरदारी बहत हुई अब