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इतना बड़ा सच - उपन्यास
Kishanlal Sharma
द्वारा
हिंदी महिला विशेष
कमला को गेट तक विदा करके ज्यों ही सुधा ने पीठ मोड़ी, रमा के खिलखिलाने की आवाज उसके कानों मे पड़ी थी।रमा की हंसी की आवाज सुनकर उसके कदम किचिन की तरफ बढ़ गए। किचन मेंं शिखा सब्जी काट रही थी।रमा उसके पास बैठी थी।वह उसकी किसी बात पर हंंस रही थींं।"रमा--रमा ने पीछे मुडकर देखा तो सहम गई।सुधा का चेहरा गुस्से में तमतमाये तवे सा सुर्ख लाल हो रहा था।माँ के इस रूप को देखकर उसकी हंसी गायब हो गई।उसके गले से मरी सी आवाज निकली,"जी मम्मी।""अपने कमरे में जाओ,"सुधा आदेशात्मक स्वर में बोली,"शिखा के पास मत बैठा करो।"सुधा
कमला को गेट तक विदा करके ज्यों ही सुधा ने पीठ मोड़ी, रमा के खिलखिलाने की आवाज उसके कानों मे पड़ी थी।रमा की हंसी की आवाज सुनकर उसके कदम किचिन की तरफ बढ़ गए। किचन मेंं शिखा ...और पढ़ेकाट रही थी।रमा उसके पास बैठी थी।वह उसकी किसी बात पर हंंस रही थींं।"रमा--रमा ने पीछे मुडकर देखा तो सहम गई।सुधा का चेहरा गुस्से में तमतमाये तवे सा सुर्ख लाल हो रहा था।माँ के इस रूप को देखकर उसकी हंसी गायब हो गई।उसके गले से मरी सी आवाज निकली,"जी मम्मी।""अपने कमरे में जाओ,"सुधा आदेशात्मक स्वर में बोली,"शिखा के पास मत बैठा करो।"सुधा
वह कुछ चिड़चिड़ी हो गई थी।शायद सास बनते ही औरत में कुछ गुण स्वत् ही आ जाते है।राम बाबू कपड़े बदलते हुए मन ही मन सोच रहे थे।पंकज के लिए बहुत रिश्ते आये थे।एक से बढ़कर एक।उनका साला राकेश ...और पढ़ेअपनी दोस्त की लड़की का रिश्ता लेकर आया था।लड़की के पिता का अपना कारोबार था।लड़की माँ बाप की इकलौती संतान थी।सारी धन दौलत की एक मात्र वारिस।लड़की का पिता भारी भरकम दहेज देने के लिए भी तैयार था।रामबाबू को दहेज का लालच नही था।उनकी एक ही शर्त थी,जिसे उनका बेटा पसंद करेगा।उसी लड़की से वह अपने बेटे की शादी करेंगे।जितने
पिछली बार पंकज आया तब राम बाबू बोले थे,"बहु को भी सा"थ ले जा।"". अभी मैं होस्टल मे रहता हूँ।मकान मिलने पर ले जाऊंगा"आज पंजज ने मकान मिलने कज सूचना दी थी।पत्र पढ़कर राम बाबू ने मन ...और पढ़ेमन सोचा था।वह सब को लेकर गौहाटी जाएंगे।शिखा को पंकज के पास छोड़ आयेंगे।इस उम्र में पति पत्नी को साथ रहना चाहिए।यही तो इन लीगो के मौज मस्ती के दिन है।लड़की के मा बनने के बाद बहुत जिम्मेदारी आ जाती है।राम बाबू सोचते हुए बेड रूम मे आ गए।सुधा सिर ढककर सो रही थी।"क्या हुआ?"राम बाबू पलँग पर बैठते हुए बोले,"आज
शिखा यहां रही तो हमारी बेटी रमा को भी बिगड़ देगी।बात फैले उससे पहले तलाक की अर्जी दिलवा दो।पंकज की अभी उम्र ही क्या है।इसके लिए अभी बहुत रिश्ते मिल जाएंगे। तुम्हारे बेटे की तो दूसरी शादी हो ...और पढ़ेजरा सोचो परित्यक्ता शिखा का क्या होगा?तुम औरत होकर दूसरी औरत की जिंदगी बरबाद करने पर क्यो तुली हो। औरतो को सुधारने का ठेका मेने नही ले रखा है।ऐसी बदमाश,बदचलन, आवारा लड़की को मैं अपने घर मे हरगिज नही रहने दूंगी, सुधा गुस्से में तीखे स्वर में बोली, कान खोलकर सुन लो।तुमने अगर अपनी लाडली बहु को घर से नबी निकाला तो मैं अपनी बेटी