Meri kavita sangrah book and story is written by Prahlad Pk Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Meri kavita sangrah is also popular in कविता in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मेरी कविता संग्रह - उपन्यास
Prahlad Pk Verma
द्वारा
हिंदी कविता
?????????????? अब हम भी इश्क दोबारा करेंगे उजड़े हुए दिल फिर से बसेंगेहम कभी तो फिर से मोहब्बत करेंगेमाना दिल में जख्म अभी ताजा हैकभी तो ये जख्म भी भरेंगेअब हम भी इश्क दोबारा करेंगेनादानियां करते करते थक गए हैंदिल लगा कर फिर से शैतानियां करेंगेहर वक़्त ख्वाबों में तुम्हे अपने देखते थेअब अपने ख्वाबों में किसी और को पाएंगेअब हम भी इश्क दोबारा करेंगेगमों के बाजार में कुछ पाया हैअब हम भी अपने गमों को भरेंगेखुशियां ही खुशियां है जहां मेंअब हम भी अपने सनम की बाहें भरेंगेअब हम भी खुशियों की राह पर फिर से
?????????????? अब हम भी इश्क दोबारा करेंगे उजड़े हुए दिल फिर से बसेंगेहम कभी तो फिर से मोहब्बत करेंगेमाना दिल में जख्म अभी ताजा हैकभी तो ये जख्म ...और पढ़ेभरेंगेअब हम भी इश्क दोबारा करेंगेनादानियां करते करते थक गए हैंदिल लगा कर फिर से शैतानियां करेंगेहर वक़्त ख्वाबों में तुम्हे अपने देखते थेअब अपने ख्वाबों में किसी और को पाएंगेअब हम भी इश्क दोबारा करेंगेगमों के बाजार में कुछ पाया हैअब हम भी अपने गमों को भरेंगेखुशियां ही खुशियां है जहां मेंअब हम भी अपने सनम की बाहें भरेंगेअब हम भी खुशियों की राह पर फिर से
???????????? कविता 1st कह दूँ उसे या चुप रहूं कह दूँ उसे या चुप रहूंजख्मों को सह लूँ या बांट दू उसेमरहम वो लगाए मुझे या खुदको ही सता ...और पढ़ेदूँ उसे या चुप रहूं?वो मुझसे दूर है, उसे गले लगा लूँ याभूल जाऊँ उसेवो मेरी पहली मोहब्बत हैं उससे प्यार कर लूं याभूल जाऊँ उसेकह दूँ उसे या चुप रहूं?इश्क में बहुत तड़पा हूंअब अपनी तड़प मिटा लूँ याअलग हो जाऊँ उससेमोहब्बत कर लूं उससे यारह लूँ उसके बिनाकह दूँ उसे या चुप रहूं?अब उसे बेइंतहा चाहने लगा हूंइस मोहब्बत को बढ़ा लूँ याउससे दूर होकर घटा
कविता 1st मिट न सके वो फ़साने??????????मिट न सके वो फसानेरह गई यादेसपनों में कर गई बातेइश्क में सब रह जाते है अफसानेहो जाती हैं मिट्ठी मिट्ठी बातेकरनी पड़ती हैं मुलाकातेतड़पना पड़ता है ख्वाबों मेंअश्क रह जाते हैं आंखों ...और पढ़ेकरता है मुलाकातों मेंइंतजार करना पड़ता हैं रातों मेंतारे गिनने पड़ते हैं इंतजार मेंजब बात नहीं होती हैं तोसोना नहीं होता है रात मेंयादें तंग करती हैं सपनों मेंसपने रह जाते आंखों मेंदिल तड़पता है मुलाकातों में???????????कविता 2nd चलो मिलकर हम स्वतंत्रता दिवस मनाये ????????????????????????चलो मिलकर हम स्वतंत्रता दिवस मनायेवीर शहीदों के नाम दीपक जलायेबहुत प्रयास किया उन्होंने आजादी के लिएचलो
कविता 1st तुम आओ कभी मेरे लिए ????????तुम आओ कभी मेरे लिएसाथ महक गेंदे के फूल की लेकरफिर हम तुम गुप्तगुं करे सात जन्मों कीतुम आओ तो कभी????????तुम आओ कभी मेरे लिएफिर तुम गरमागरम कॉफी बनाओ ...और पढ़े तेरे व मेरे लिएतुम्हारे कप से मैं व मेरे कप से कॉपी तुम पी ओतुम मुझसे प्यार करो,इजहार करोतुम आओ कभी मेरे लिए?????????तुम आओ कभी मेरे लिएतुम्हे मेरी छोटी सी लाइब्रेरी में रखीमेरी पसंदीदा बुक देनी हैऔर तुम मुझे पढ़कर सुनाओकुछ शायरी,गजल ,आओ ना कभी,???????तुम आओ कभी मेरे लिएकुछ तुम मुझे कहो,कुछ मैं तुम्हे कहूंतुम्हारे हाथ में मेरा हाथ हो और तुम कहोकी प्रहलाद ये हाथ
कविता 1st मैं तुझे बदनाम करने से डरता हूँ ??????????तुझे इश्क में बदनाम होने का डर हैमुझे तेरे इश्क में आबाद होने का डर हैतू किसी और कि होना चाहती हैमैं तेरा होने का ख्वाब देखता हूंतेरे इश्क में ...और पढ़ेमंजूर है मुझेइश्क की इसी बात पर गरूर है मुझेतेरे ख्वाबों को इस कदर सजाया है मैंनेतुझे न चाह कर भी चाहा है मैनेतेरे लिए कुछ कर जाने की सोचता हूंतू मुझे मिल ,बात करमैं तुझे हंसाने,रुलाने की सोचता हूंतेरे बाहों कुछ पल बिताने की सोचता हूंतू बेगानों से हंस हंस कर बात कर लिया करतू मुझे रुलाने की सोचता हैमैं हर