Mere hisse ki dhoop book and story is written by Zakia Zubairi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mere hisse ki dhoop is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मेरे हिस्से की धूप - उपन्यास Zakia Zubairi द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 27 6.1k Downloads 21k Views 5 Likes Writen by Zakia Zubairi पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उपन्यास विवरण मेरे हिस्से की धूप ज़किया ज़ुबैरी (1) गरमी और उस पर बला की उमस! कपड़े जैसे शरीर से चिपके जा रहे थे। शम्मों उन कपड़ों को संभाल कर शरीर से अलग करती, कहीं पसीने की तेज़ी से गल न जाएँ। आम्मा ने कह दिया था, "अब शादी तक इसी जोड़े से गुज़ारा करना है।" ज़िन्दगी भर जो लोगों के यहाँ से जमा किए चार जोड़े थे वह शम्मों के दहेज के लिए रख दिये गए – टीन के ज़ंग लगे संदूक में कपड़ा बिछा कर। कहीं लड़की की ही तरह कपड़ों को भी ज़ंग न लग जाए। अम्मा की उम्र More Interesting Options लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी Load More Best Novels of 2025 Best Novels of 2025 Best Novels of January 2025 Best Novels of February 2025 Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of December 2024 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> पूर्ण उपन्यास Episodes Novels मेरे हिस्से की धूप - 1 New मेरे हिस्से की धूप ज़किया ज़ुबैरी (1) गरमी और उस पर बला की उमस! कपड़े जैसे शरीर से चिपके जा रहे थे। शम्मों उन कपड़ों को... Read Free Novels मेरे हिस्से की धूप - 2 New मेरे हिस्से की धूप ज़किया ज़ुबैरी (2) अम्मा का पेट अकसर फूला और जी कांपता रहता कि वह दूसरी लड़कियों को कैसे संभालेगी। अग... Read Free Novels मेरे हिस्से की धूप - 3 - अंतिम भाग New मेरे हिस्से की धूप ज़किया ज़ुबैरी (3) अंकल जी की आवाज़ जैसे किसी गहरे कुंएँ में से बाहर आई, "अच्छा! " उन्होंने कह तो दिय... Read Free //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>