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इक़बाल - उपन्यास
Afzal Malla
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
एक छोटे से गांव की बात है वह एक परिवार जिसमे छोटा से बच्चा जिसका नाम इक़बाल था बहोत ही सरारती ओर सबको परेशान करता , वो जब भी कही पे भी जाए तो वह वो बिना मस्ती किये रह नही पाता, एक दिन जाब उसके पापा के साथ वो सादी में गया तब तो उसने हद कर दी एक दूल्हे की शेरवानी पे उसने श्याही डाल दी ओर भाग गया, सब लोग उसके इस बरताव से परेशान थे, सब सोचते कब बाडा होगा कब सुधरेगा पर कोई नही जनता के वो सुधरेगा या फिर ओर बिगड़ेगा, उसके पिताजिने
एक छोटे से गांव की बात है वह एक परिवार जिसमे छोटा से बच्चा जिसका नाम इक़बाल था बहोत ही सरारती ओर सबको परेशान करता , वो जब भी कही पे भी जाए तो वह वो बिना मस्ती किये ...और पढ़ेनही पाता, एक दिन जाब उसके पापा के साथ वो सादी में गया तब तो उसने हद कर दी एक दूल्हे की शेरवानी पे उसने श्याही डाल दी ओर भाग गया, सब लोग उसके इस बरताव से परेशान थे, सब सोचते कब बाडा होगा कब सुधरेगा पर कोई नही जनता के वो सुधरेगा या फिर ओर बिगड़ेगा, उसके पिताजिने
फिर देखा के इक़बाल थोड़ा उदास था ओर कालू भी थोड़ा हैरान क्योकि इक़बाल की आखरी ओवर उसने खेली उसे पता नही लग रहा था की उस ओवर में उसको इतनी तेजी कैसे मील वो थोड़ा डर भी गया ...और पढ़ेफिर दोनों मिलते है, एक दुआरे को बधाई देते है इक़बाल कहता है आज तक तुम जैसा बल्लेबाज नही देखा अच्छा लगा तुम्हारे साथ खेलके, कालु सच कह तो तुमने जो ९ ओवर डाली है उसमे में डर गया था क्या तेजी थी गेंद कब घूम रही थी पता ही नई लग रहा था फिर इकबाल ने कालू को एक
अब इक़बाल घर की ओर निकलता है बहोत खुश है क्योकि सब ऐसे बल्लेबाज को आउट किया जिसको कभी कोई आउट नही कर पाया ओर वो घर जाके सबको ये बताने लगा,जो बच्चा बचपन में सबसे सरारती था जिससे ...और पढ़ेपरेशान थे आज सब उसकी वाह-वाही कर रहे थे, ओर आस पास के सभी गांव में इक़बाल की बोल बाला होने लगी थी ओर इक़बाल यहा से अपनी मेहनत ओर दुगनी कर देता है अब उसे बस गाव में नही बाहर भी खेलना था वो सोचता है की अपनी खुद की एक टीम बनाये ओर बाहर खेलने जाए दुसरे लोगो
हीना पानी भरके घर आती है मामा सामने बैठे है, बेटा देखलिया कुआ कहा है तुम वह से पानी ला सकती हो ना अगर कोई तकलीफ हो तो बोल देना हम तुम्हें यहां पढ़ने लाये है काम करने नई, ...और पढ़ेनई मामा मुजे कोई दिक्कत नहीं ओर थोड़ा काम करलूंगी पढ़ाई के साथ तो अच्छा रहेगा काम भी तो शिखना पड़ेगा ना, माँ ने तो बोलके भेजा है के मामा ओर मामी को ज्याद काम मत करने देना तू जा रही हैंतो तू संभाल लेना दोनों बैठकर बाते करते है शाम का