Adhura Ishq book and story is written by Balak lakhani in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Adhura Ishq is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अधूरा इश्क - उपन्यास
Balak lakhani
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
अधूरा इश्क दोस्तों आपने मेरी आगे लिखी कहानी अधूरी हवस दिल से पाढ़ी और मेरी उम्मीद से भी ज्यादा आप सब को पसंद आई तो फिर एक और कहानी आप सब के लिए उम्मीद करता हूँ ये भी आप को पढ़ने मे मजा आएगा और कहानी से आप को जोड़े रखने की कोशिश रहेंगी। गुजरात का एक शहेर सूरत का लड़का है, नाम हे उसका रहेमान उसकी मोबाइल की शॉप है, जो सूरत मे बहोत ही पॉपुलर हे आईफोन का कुछ काम करवाना हो तो उसीके पास सब जाते हैं। रोशन खुराना बहोत ही स्टाइलिश बंदा, अपनी शॉप पर
अधूरा इश्क दोस्तों आपने मेरी आगे लिखी कहानी अधूरी हवस दिल से पाढ़ी और मेरी उम्मीद से भी ज्यादा आप सब को पसंद आई तो फिर एक और कहानी आप सब के लिए उम्मीद करता हूँ ये ...और पढ़ेआप को पढ़ने मे मजा आएगा और कहानी से आप को जोड़े रखने की कोशिश रहेंगी। गुजरात का एक शहेर सूरत का लड़का है, नाम हे उसका रहेमान उसकी मोबाइल की शॉप है, जो सूरत मे बहोत ही पॉपुलर हे आईफोन का कुछ काम करवाना हो तो उसीके पास सब जाते हैं। रोशन खुराना बहोत ही स्टाइलिश बंदा, अपनी शॉप पर
आर के का दिल काम नहीं लगाता इलीना के जाने के बाद थोड़ा उसे जानने को बेताब होए जा रहा था,पर कंट्रोल नाम की भी कोई चीज़ होती है, जो वोह लेकर बैठा था था क्या भाई बैठना ...और पढ़ेपड़ता हे वर्ना धंधे पे ताला लगाना पड़ता जनाब, पर बन्दे को अंदर से आवाज मुहोबत करने वाली आ रही थी क्या करे बेचारा, मुहोबत भी तो जरूरी है, कहीं पर भी अह्सास थोड़े अंगड़ाई लेने लगते हैं और जहा लेते हैं वहा दिल की ही सुनी जाती हैं. दिमाग तो भजिया बन जाता है, साला खाया भी नहीं जाता
अधूरी हवस(3) आगे कहानी मे हमे देखा के आर के इलीना की और खींचा जाता हे मन ही मन इस बात की भनक इलीना को नहीं होती अब कहानी मे देखते हैं, आखिर क्या रंग लाती है, ईन दोनों ...और पढ़ेकहानी दूसरे दिन इलीना आर के की शॉप पे अपना मोबाइल लेने जाती है, सफ़ेद सलवार शूट खुले बाल गुलाबी होंठ गुलाब सी पंखुरी जेसे लग तो रही थी जेसे जन्नत की हुर अभी अभी आसमान से सीधा उसकी शॉप पर ही उतरी हो, आर के एक टस होके देखता ही रहे गया, और इलीना कब उसके बिलकुल नजदीक कब
अधूरा इश्क (4) बहोत दिनों बाद ये कहनी को मे आगे लिखने जा रहा हू, क्या करे हमारे देश वासी महामारी से लड रहे हैं, इसी स्थिति मे क्या लिखू कुछ सूज ही नहीं रहा था, सही कहु तो ...और पढ़ेका कोई मन ही नहीं हो रहा था, पर क्या करू लिखे बिना रहा नहीं जाता था, आशा करता हू मेरे सभी पाठक स्वास्थ्य और कुशल होंगे और रहेंगे और रहे ये इश्वर से प्राथना रहेंगी आप लोगों के लिए. तो कहानी मे आगे बढ़ते हैं हम अब तक का सफ़र काफी अच्छा रहा है और आगे भी इसी