Rahashy book and story is written by अमिता वात्य in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Rahashy is also popular in प्रेरक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
रहस्य - उपन्यास
अमिता वात्य
द्वारा
हिंदी प्रेरक कथा
छोटी थी तब मां मुझे खिलौने देकर बैठा दिया करती थी और खुद को दूसरे कमरे मे बंद करके जाने क्या बजाती थी , पर वो जो भी था मेरे जैसी नटखट और शैतान बच्ची को शांत कर देती थी , पर उसकी धुन समझ मे नही आती थी , कि मां ऐसे डर कर छुप कर उसे बजाती है । अपने कपडों की आलमारी मे पुराने कपडों की तह के बीच मे छुपा कर रखती थी , कभी कभी खेल मे मै उसे निकाल लेती थी , तो मानो मां की जान ही निकल जाती थी । वो पसीने सै तर
छोटी थी तब मां मुझे खिलौने देकर बैठा दिया करती थी और खुद को दूसरे कमरे मे बंद करके जाने क्या बजाती थी , पर वो जो भी था मेरे जैसी नटखट और शैतान बच्ची को शांत कर देती ...और पढ़े, पर उसकी धुन समझ मे नही आती थी , कि मां ऐसे डर कर छुप कर उसे बजाती है । अपने कपडों की आलमारी मे पुराने कपडों की तह के बीच मे छुपा कर रखती थी , कभी कभी खेल मे मै उसे निकाल लेती थी , तो मानो मां की जान ही निकल जाती थी । वो पसीने सै तर
तभी गुस्से मे पापा की कही बात अचानक दिमाग मे आकर अटक गई "15साल से इसे अपनी आँखों के सामने झेल रहा था , तुमसे बरदाश्त नही हुआ जो उस हराम की इस दूसरी निशानी को भी सम्भाल कर ...और पढ़ेहै। कौन किसे झेल रहा था ? मुझे ? पापा मेरी बात कर रहे थे और हराम कौन था ? आज मुझे सब सवालों के जवाब चाहिए थे मैने सुबकती माँ का कंधा छुआ ।वो पल्लू से आँसू पोछती हुई उठी ।छोटी थी तो माँ पुचकार कर गोद मे भर लेती थी , काश मै छोटी होती , काश ये