suno aisha book and story is written by Junaid Chaudhary in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. suno aisha is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
सुनो आएशा - उपन्यास
Junaid Chaudhary
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
कल हिरा घर आ रही है।। अम्मी ने जब मुझे बताया तो सुन कर ही मेरा आधा खून ख़ुश्क हो गया।। मेने फट से सवाल दाग़ा के वो क्यो आ रही है ? अम्मी ने कहा उसकी एम एस सी पूरी हो गयी।अब वो एडमिशन होने तक घर ही रहेगी।में समझ चुका था कि अब दो तीन महीने मेरी वाट लगने वाली है।हिरा मेरी बड़ी बहन है। यू कहने को तो वो मेरी बहन है लेकिन हम दोनो दुश्मन की तरह हमेशा लड़ते रहते है। इसी लिए घर वाले कभी मुझे बाहर पड़ने भेज देते है कभी हिरा को।इस से
कल हिरा घर आ रही है।। अम्मी ने जब मुझे बताया तो सुन कर ही मेरा आधा खून ख़ुश्क हो गया।। मेने फट से सवाल दाग़ा के वो क्यो आ रही है ? अम्मी ने कहा उसकी ...और पढ़ेएस सी पूरी हो गयी।अब वो एडमिशन होने तक घर ही रहेगी।में समझ चुका था कि अब दो तीन महीने मेरी वाट लगने वाली है।हिरा मेरी बड़ी बहन है। यू कहने को तो वो मेरी बहन है लेकिन हम दोनो दुश्मन की तरह हमेशा लड़ते रहते है। इसी लिए घर वाले कभी मुझे बाहर पड़ने भेज देते है कभी हिरा को।इस से
वादे के मुताबिक हिरा मुझे अगले दिन शाम में आयशा के घर ले गयी। ओर नसीब देखिए गेट भी आयशा ने ही खोला।।उसने काली ओर कत्थई धारियों वाला गाउन पहन रखा था।।जिसपर ऊंची कर के बांधी गयी बालो की ...और पढ़ेटेल अलग ही लुक दे रही थी।।खूबसूरत पतले पतले गुलाबी होंठों पर प्यारी सी मुस्कान।।आंखों में ऊपर की पलको पर लगा हुआ आई लाइनर उसकी बड़ी आंखों को ओर भी क़ातिल बना रहा था।। पहली नज़र में उसे अच्छे से न देख पाने की वजह से इस बार मेने उसकी खूबसूरती का अच्छे से मुआयना किया।।दिल की धड़कनों को संभालते
सो फ़िल्म से कंसन्ट्रेट हटा कर मेने आयशा से इधर उधर की बातें शुरू कर दी।आयशा का पसंदीदा कलर.एक्टर. खाना.मूवी.हॉबी.ओर बर्थ डेट भी।।क्योंकि मुझे यही था कि वो पता नही कितनी बड़ी है मुझसे।जबकि वो बस 3 महीने ही ...और पढ़ेबड़ी थी। बातें करते करते मूवी खत्म होने को आगयी लेकिन में उस से नo मांगने की हिम्मत नही कर पाया।अखिर कार जब मूवी में कछुओं ने भी हीरोइन को बर्फीली पहाड़ी से बचा कर उस से फ़्लर्ट किया तो मैने भी दिल मे सोचा कि यार न तो आयशा हेरोइन है ना में कछुओं जैसा बदसूरत।।मेने आयशा से उसका
आयशा ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया।मेरे रिंग पहनाते ही उसने खुशी से मुझे हग कर लिया।।उसका यूं हग करना मेरे लिए सरप्राइज था।।उसका फूल सा जिस्म कुछ देर मेरी बाहों में यू ही समाया रहा और हम दोनों ...और पढ़ेबंद कर के एक दूसरे को फील करते रहे।। हमे होश तब आया जब स्पीकर से "तुम मिले" गाना हट के "तुम हो कमाल तुम बेमिसाल तुम लाजवाब हो आयशा"लग गया।।गाने के बोल सुनते ही हम दोनों हँसने लगे।। फिर अलग अलग बैठ कर न जाने कितनी देर एक दूसरे को प्यार भरी नजरों से देखते रहे।।आख़िरकार 2 घण्टे का
अम्मी कहने लगी बिना शादी के तुम्हे दादा बनाने का इंतेज़ाम कर दिया है इसने ।। तुम्हारी होने वाली बहु 2 महीने की प्रेग्नेंट है । इसकी सास का फ़ोन आया था मेरे पास।।उनका रो रो के बुरा हाल ...और पढ़ेकह रही है शादी के लिए पेसो का हिसाब है नही अभी।।और इसे कुछ महीने घर में रोका तो फिर मोहल्ले वाले अपने घर मे नही रुकने देंगे।मेने कहा ये क्या कह रही हो अम्मी आप । ऐसे कैसे हो सकता है।। अम्मी झाड़ू मेरी सूरत पर फेंक के बोली बेशर्म आजसे मुझसे तेरा कलाम सलाम बन्द।अपनी मनहूस शक्ल मत दिखाना