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जीनी का रहस्यमय जन्म - उपन्यास
Sohail Saifi
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
हम सब बच्चपन से ही अलादीन और उसके जीनी की रोमांचक कहानी बड़े चाव के साथ सुनते हैं किन्तु क्या आप जानते हैं की समान्य रूप से जीनों का रहन सहन किसी चिराग में नहीं होता बल्कि वह तो भव्य महलों और सुन्दर भवनों में रहते हैं जो कि अदृश्य होते है अब सोचने वाली बात है के अलादीन का जीनी एक चिराग में कैसे पहुंचा इसके पीछे एक अद्भुत रहस्यमय कहानी है जीसे मै आज आप को सुनाऊंगा लेकिन उससे पहले आप को जीनों की कुछ विशेष जानकारी देना आवशयक है भले ही जीनो के पास अपार शक्ति और
हम सब बच्चपन से ही अलादीन और उसके जीनी की रोमांचक कहानी बड़े चाव के साथ सुनते हैं किन्तु क्या आप जानते हैं की समान्य रूप से जीनों का रहन सहन किसी चिराग में नहीं होता बल्कि वह तो ...और पढ़ेमहलों और सुन्दर भवनों में रहते हैं जो कि अदृश्य होते है अब सोचने वाली बात है के अलादीन का जीनी एक चिराग में कैसे पहुंचा इसके पीछे एक अद्भुत रहस्यमय कहानी है जीसे मै आज आप को सुनाऊंगा लेकिन उससे पहले आप को जीनों की कुछ विशेष जानकारी देना आवशयक है भले ही जीनो के पास अपार शक्ति और
संध्या का मन मोह लेने वाला समय जंगल के वातावरण को बड़ा ही शोभनीय दर्शा रहा हैँ इसी आनंदित करने वाले वातावरण मे एक गरीब चरवाहा आपने पशुओ को जंगल मे चरहा रहा हैँ थोड़ी देर मे उसको कुछ ...और पढ़ेसी महसूस हुई तो एक विशाल प्राचीन वृक्ष के निचे टेक लगा कर वो बैठ जाता हैँबैठते ही उसकी पलकें भारी हो गई जिसके भार को उठाय रखने का वो संघर्षमय असंभव प्रयास करने लगा किन्तु थोड़ी ही देर मे उसका संघर्ष बल तूट गया और पलकों को विजय प्राप्त हुई जब उसकी नींद टूटी तो उसका ह्रदय कांप उठा उसको अपार
दो सदियों के पश्चात ये चिराग़ एक चरवाहे के हाथ लगा ये चरवहा नगर के लोगों की भेड़ बकरियों को जंगल में चरवता और दिन भर की कड़ी मशकत कर दो पैसे कमाता उसको मिलने वाली राशि से ...और पढ़ेअपने परिवार का पेट भर पोषण करवाने में भी असफल रहता किंतु इतनी कठिन परिस्थितियों में भी वो धेर्ये और संतोष के साथ ईश्वर का आभार व्यक्त करता यहाँ तक कि उसकी निष्ठा लग्न और आस्था का लोग उधारण देते ऐसे व्यक्ति को ऐसा तिलिस्मि चिराग़ मिलना किसी इश्वरिये चमत्कार से कम नहीं था चरवाहे को लगा जैसे उसकी कठिन तपस्या और
दोपहर की तिलमिलाती धुप मे एक चौदह पंद्रह वर्ष का बच्चा बेसूद भागे जा रहा हैँ, उसका बदन पसीने मे लतपत होकर उसको रुकने को कह रहा हैँ किन्तु किसी बात का भय उसपर अपनी मजबूत जकड़ बना कर ...और पढ़ेनिरंतर भागने पर मजबूर कर रहा हैँ उस बच्चे का खौफ उसके चहेरे पर साफ तोर पर विराजमान हैँ, उसकी धड़कन उसकी रफ़्तार से भी अधिक तेज चल रही थी उसके होंटो पर खुश्की से पपड़ी बन गई थीकुछ दूर भागने के बाद उसकी साँसे उखड़ने लगी, अब उसमे भागने की और क्षमता ना थी कड़कती धुप के प्रकोप से उसकी
इस घटना ने लोगों के प्रति बालक की सद्विचार भावना को दुर्विचार भावना में परिवर्तित कर दिया। और वो वापिस गुफा में आ गया किशोर अवस्था मे मानव मन दहकते लोहे समान होता हैँ | जिसमे जीवन भर ...और पढ़ेसबसे अधिक तपिश होती हैँ पर आकार नहीं, उसका आकार आस पास के लोगों के व्यवहार पर निर्भर करता हैँ | और यही बात उसके व्यक्तित्व को बनाती हैँ, इस जहरिली घटना ने बालक का मन लोगो के प्रति घृणा से भर दिया, अपनी किशोर अवस्था से ले कर अधेड उम्र तक उस ने कई क्रूर हिंसक डाके डाल कर लोगो के मन मे