Anshkatha book and story is written by कवि अंकित द्विवेदी in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Anshkatha is also popular in प्रेरक कथा in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अंशकथा - उपन्यास
कवि अंकित द्विवेदी
द्वारा
हिंदी प्रेरक कथा
कथा 01- मिथ्या की सच्चाई आज कल के परिवेश में ये शब्द ही मिथ्या स्वरुप लगता है। सच्चाई नामक शब्द उसी प्रकार विलुप्त हो रहा है जैसे कि डायनासोर । हाँ और ये तो वैज्ञानिक रुप से प्रमाणित है कि हम जिस वस्तु का उपयोग करना कम कर देते है या उसको लम्बे समय तक उपयोग में न लाने पर वे विलुप्त हो जाती है। वैसे भी जो चीज जीवन में कठिनाई का सबब हो , उसको उपयोग ही कौन करता हैं। आज के समय में हम हर चीज सरलता और सुगमता से प्राप्त करने की घनिष्ठ इच्छा रखते है । हम
कथा 01- मिथ्या की सच्चाई आज कल के परिवेश में ये शब्द ही मिथ्या स्वरुप लगता है। सच्चाई नामक शब्द उसी प्रकार विलुप्त हो रहा है जैसे कि डायनासोर । हाँ और ये तो वैज्ञानिक रुप से प्रमाणित है ...और पढ़ेहम जिस वस्तु का उपयोग करना कम कर देते है या उसको लम्बे समय तक उपयोग में न लाने पर वे विलुप्त हो जाती है। वैसे भी जो चीज जीवन में कठिनाई का सबब हो , उसको उपयोग ही कौन करता हैं। आज के समय में हम हर चीज सरलता और सुगमता से प्राप्त करने की घनिष्ठ इच्छा रखते है । हम
कथा 01- पुराना बरगद का पेड़अरे सुनो ! सुनो तो !आखिर मैं भी इसी समाज का सदस्य हूँ । फिर सबने मुझे यूँ अकेला क्यों छोड़ दिया । क्या मैंने किसी का कुछ बिगाड़ा था या फिर किसी को ...और पढ़ेकह दिया ? जिससे सब मुझझे नाराज़ हैं और कोई मुझझे नाता नहीं रखना चाहता है। मैं बिल्कुल अकेला सा पड़ गया हूँ । पर मुझे अब भी याद आता है , वो समय जब गाँव के सभी बच्चों को मैं उनके चेहरे के साथ-2 उनके पुकारु नाम से जानता था । जैसे वो कल्लू , वो रामू , वो