पारुल और अविनाश दोनों के रास्ते एक हैं पर मन्ज़िल अलग हैं पारुल इक सामान्य मिड्ल क्लास फ़ैमीली से हैं तो अविनाश बहोत बडा सुपर स्टार हैं दोनों कि लाइफ़ मे ज़मीन आसमान का फ़र्क हैं पर फ़िर भी दोनों के जिने कि निव एक ही हैं तो देखते है आगे क्या होता हैं Chapter one रोज़ कि तरह आज भी पारुल अपने मोबाइल मे आलार्म बन्द कर रही थी और पांच मिनट के बाद उसकी दोस्त का कोल आता हैं कि वो रेड़ी हो गयी कोलेज के लिए वो जल्दि से उठकर उसे कहती
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अनजान रीश्ता
पारुल और अविनाश दोनों के रास्ते एक हैं पर मन्ज़िल अलग हैं पारुल इक सामान्य मिड्ल क्लास फ़ैमीली से तो अविनाश बहोत बडा सुपर स्टार हैं दोनों कि लाइफ़ मे ज़मीन आसमान का फ़र्क हैं पर फ़िर भी दोनों के जिने कि निव एक ही हैं तो देखते है आगे क्या होता हैं Chapter one रोज़ कि तरह आज भी पारुल अपने मोबाइल मे आलार्म बन्द कर रही थी और पांच मिनट के बाद उसकी दोस्त का कोल आता हैं कि वो रेड़ी हो गयी कोलेज के लिए वो जल्दि से उठकर उसे कहती ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 2
पारुल उसकी तसवीर बस मे देखकर वहि रुक जाती हे तभी नैना उसे फ़िर से अपने विचार से बहार आती हे और एसे देखकर वह गुस्सा हो जाती हे और उसके एसे उखडे हुए देखकर वह दुखी हो जाती हे जेसे हि पारुल को कुछ पुछ्ने हि वलि थी कि परुल फ़िर से सोन्ग सुन्ते हुये खवाबो कि दुनिया मे जा चुकि थि वह आश्मान कि ओर देखकर मुस्कुरा रही थी और मन हि मन सोच रही थी कि वो खुश होगा जहा भि होगापारुल बस उसे देख हि रहि थि कि नैना उसे पुछती हैं कि वो मोबाइल ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 3
अविनाश जब सुबह उठा तो उसका सर दर्द कर रहा था तो पेइन किलर खाने के बाद वह एसे अकेला बेठकर सोच रहा था कि वह कहा से कहाँ पहुंच गया लेकिन अभी भी वह अकेला ही हे तभी मैड नास्ता टेबल पर रखती हे और वह खा रहा होता हे तभी उसकी मेड (करिब 50 साल कि हे सो दोनो मे मा बेटे जेसा रिश्ता हे) उसे पुछ्ती हे क्या हुआ तब अविनाश उन्कि तरफ़ देखकर बोलता हे कि प्यार यह सुनकर अविनाश खुद आश्चर्य मे पड़ जाता हे कि उसने अभी क्या बोला वो प्यार मे विश्वास ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 4
जब पारुल ने देखा तो सेम उसके रूम मैं खड़ा था और मुस्कुरा रहा था यह देखकर पारुल गुस्से लाल हो जाती हैं और केह्ती हैं तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? यह सुनकर सेम पारुल के पास खड़े होकर कह्ता है babe I miss you so much यह सुनकर पारुल चोक जाती हैं और समझ नहीं पाती क्या कहे फ़िर खुद को सँभालते हुये कह्ती है ex.. cuz.. me.. तुम्हें कोई गलतफ़हमी हुयी हैं इसे पहले की मैं चिल्ला चिल्ला कर सभी को बुलाउ जलदी यहाँ से निकलो सेम मुस्कराते हुये केह्ता है मुजे पता है babe ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 5
सुबह पारुल जल्दि से उठकर कॉलेज के लिए तैयार हो रही थी कि तभी उसके मोबाइल मे वाब्रेट हुआ वह मोबाइल चेक करती है तभी वह सेम का मेसैज पढ़ती है और फ़िर सोचती हैं की जो होगा देखा जायेगा यह सोचते सोचते वह नास्ता करने अपने मोम डेड के साथ बेठती है तभी पापा पारुल से बात करते हैं की कॉलेज कैसा चल रहा है वगेरह और पारुल बाय कह कर नैना को लेकर कॉलेज कि और निकल पड़ती हैं उसके दिमाग मैं लाखों सवाल है पर फ़िर भी वह हिम्मत जुटा कर कॉलेज पहुँच जाती हैं वहां ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 6
पारुल वोशरुम से जैसे ही बहार आती हैं तो चोक जाती है क्योंकि नैना वहा खड़ी थी जिसे अचानक के पारुल उसे पूछ्ती है कि वो यहा क्या कर रही है तभी नैना कहती है कि ये वोशरुम है तो वो यहा क्यो आयेगी यह सुनकर पारुल को उसके बेवकुफ़ी का भास होता है और फ़िर वह अपने हाथ वोश करके नैना के साथ बहार निकलती हैं तभी नैना उसे पूछ्ती हैं कि चल क्या रहा है नैना: so what's going on पारुल: nothing why नैना: actually तुम कभी भी किसी के साथ वोशरूम में बात नहीं करती so ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 7
पारुल घर पर आती है तो अब वह लन्च करके शाम के वादे के बारे मे सोचती हैं वह नहीं पाती की इस स्थिति से केसे निकले फ़िर वह सारे ख्याल को दुर करके सोचती है जो होगा देखा जायेगा वह एक व्हाइट ड्रेस पहन के तैयार हो रही होती हैं की उसके मोबाइल मे मैसेज आता है जिसे उसे लगता है की वह सेम का होगा तो वह इग्नोर करते हुये रेडी हो जाती हैं जब वह अपने पर्स और स्कूटी की चाबी लेने ही वाली होती है तभी उसके मोबाइल पे सेम का कोल आता हैं वह ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 8
सुबह होते ही पारुल के फोन की रीन्गटोन बजी पारुल बिना देखे ही कोल रीसीव कर लेती है उसे नैना होगी पर सेम था तो वह फ़िर नींद से जाग के सेम से बात करते हुये रेडी हो रही थी तभी उसके फोन पे मैसेज आया जिसे वह देख नहीं पाती ओर बाद में देख लेगी यह सोचकर सेम के साथ बात करने लगती हैं तभी वह सेम को बाय बोलने के बाद ब्रेकफ़स्ट के लिये मोम डेड के साथ बेठती है आज वह खुश थी तो उसके परिवार को भी नज़र आ रहा है तो उसके पापा पूछ ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 9
पारुल और सेम लंच ब्रेक के बाद दो लेक्चर अटेन्ड करते हैं जैसे ही पारुल अपनी स्कूटी स्टार्ट करने होती है सेम उससे कहता हैं की आज वह उससे ड्रॉप करेगा तभी वह कहती है की वह चली जायेगी तब सेम उससे मना कर देता है ओर उसे अपनी कार में बैठा देता है और वह ड्राइविंग करना स्टार्ट करता है तभी पारुल उससे केह्ती हैं क्या वजह है अचानक उसे ड्रॉप करने के पीछे तभी सेम कहता है कुछ भी तो नहीं एसे ही पारुल और कुछ नही बोलती ओर आसमान को देखते हुये सो जाती है यह ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 10
सेम पारुल के घर से जाने के बाद अपने रूम मैं बैठे बैठे सोचता हैं की क्या से क्या गया और पागलो की तरह मुस्कुरा रहा था तभी उसके भाई का कोल आया वह उससे बात करता हैsem : hey bro how's you doing bro. : nothing bro not feeling well sem. : everything is all right bro. : there's something wrong with me sem. : if you need me I will be there anytime bro. : no.... noon... it's not that much serious sem. : don't worry I have surprise for you bro. : what it is sem. ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 11
अविनाश और रोहन पूरा दिन मूवी देखने के बाद खाना ऑर्डर करते हैं अविनाश का मुड़ पहले से काफ़ी था लेकिन फ़िर भी वह पारुल का ख़्याल अपने दिमाग से निकाल नहीं पाता यह देखकर रोहन उसे कह्ता है की चलो शोपिंग पर चलते हैं अविनाश मना करता है लेकिन फ़िर भी रोहन उसे ले जाता है दोनो मोल पहुँचते है रोहन और अविनाश दोनों कुछ कपड़े देखते हैं तभी अविनाश का ध्यान एक लड़की पर पड़ता वह जैसे ही उसकी ओर जा रहा होता हैं रोहन उसे पूछ्ता है कोन सा शर्ट ले वह समज नहीं पा रहा ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 12
अविनाश रेस्टोरेन्ट मे वेट कर रहा होता हैं की डिम्पी आती है और दोनों बैठ्ने ही वाले होते हैं अविनाश मैंनेजर को बहार वैट करने के लिए कहता है और वह डिम्पी की और देखता हैं और मुस्कुराते हुये बात की शुरुआत करता है अविनाश: so tea or coffee डिम्पी: coffee अविनाश: okayडिम्पी: now tell me the reason अविनाश: what are you talking about डिम्पी: ज्यादा भोले ना बनो तो बहतर है अविनाश: fine I wanted to know about someone डिम्पी: and what is the name of so called someone अविनाश: you know herrr...डिम्पी: wait a second are you talking about girl?अविनाश: yaa I'm डिम्पी: are you serious ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 13
अविनाश डिम्पी से मिलने के बाद शूटीग मे व्यसत हो जाता है और उसके बाद अपने कॉन्सर्ट के लिए कोन्फ़्रेन्स मे जाता है जहा वह रीपोटरस से बात करने के बाद रोहन को कॉल करता है और पार्टी के लिए कहता है और वह क्लब पहुंच जाता है और वह दोनो ड्रिन्क करना शुरू ही करते हैं कि उसके दोस्त आते हैं और ड्रिंक करते हैं तभी अविनाश कहता है आज kaa बिल वह पै करेगा यह सुनकर सब हस ही रहे होते हैं और पुछ ही लेते हैं की क्या वजह है इतने खुश जो हो तभी अविनाश ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 14
पारुल और सेम एसे ही बाते कर रहे थे कि तभी सेम उसे कहता है की पारुल के लिए और सरप्राएज है यह सुनकर पारुल उसकी और देखती हैं और कहती है पारुल्: अब और क्या बाकी है रात हो गयी है और ये तारे भी कह रहे हैं की सेम अब बस करो तुम इतने cute अच्छे नहीं लगते सेम: ahhan so Miss vyas think that I'm cute haan सेम मुस्कुराते हुये पारुल को चीठाता है पारुल्: that's not point don't try to change topic सेम: मैने कब बात बदली जो तुमने कहा वही मैने कहा पारुल्: OK fine I said that okkayसेम: ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 15
सेम घर पे जाता है तभी वह मुस्कुरा रहा होता हैं तो जैसे ही वह अपने रुम का दरवाजा है दोस्तों ओर मोम डेड को देखकर चोक जाता है वह लोग केक लेके खडे थे सेम के चहेरे पे एक मुस्कुराहट आ जाती है वह खुश हो जाता है एक और पारुल का गिफ़्ट और दूसरी तरफ इनका सरप्राएज वह फ़िर मोमबती बुझाकर केक काटता है करीब एक घंटे बाद सारा सेलीब्रेशन खत्म हो जाने के बाद वह बाल्कनी मे खडा था तो वह एसे ही सोच रहा था की उसकी लाईफ़ का सबसे बेस्ट डे है और वह ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 16
पारुल सुबह उठती है तभी उसे किसी के हंसने की आवाज आती है तो वह अपने रूम का दरवाजा के देखती है की सेम और उसके पापा किसी बात पे हंस रहे थे यह देखकर पारुल चोक जाती है और सोचती की यह हुआ तो हुआ कैसे तभी पारुल को उसके पापा आवाज़ देते हैं और पारुल अपने विचार से बहार आती है तो देखती है कि सेम ठीक उसके सामने खडा था जिससे वह पीछे जाने की कोशिश में गिरने ही वाली होती है की सेम उसे अपनी ओर खीच लेता है जिससे वह सेम के और नजदीक ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 17
पारुल सेम के पीछे जाती है तभी सेम तेजी से भागते हुए डाइनिग टेबल पे पहुंच जाता है ओर भी पीछे पीछे भागती हुयी आती है और कहती है पारुल: सेम्म्म्म्म...(अपने मोम डेड को देखकर कुछ बोल नहीं पाती ) सेम: (मुस्कुराते हुये) हाँ बोलो पारो मैं तो यही हूँ फ़िर चिल्ला क्यों रही हो कुछ हुआ है क्या? पारुल: तुमम्म्म..... सेम: मैं क्या?(पारुल की ओर विन्क करते हुये) पापा: अब बाते बाद में भी होती रहेगी पहले नास्ता कर लो पारुल बेटा आओ तुम भी बैठो जल्दी से सेम: हाँ पारो आओ नास्ता कर लो (पारुल के लिए ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 18
सेम कार मे वैट कर रहा होता है तभी पारुल कार मे आकर बैठती है सेम पारुल की ओर स्माईल करती है तभी पारुल भी स्माईल करती और सेम कार स्टार्ट करता है सेम कार ड्राईव कर ही रहा होता हैं तभी पारुल उससे पुछ्ती है की वे कहाँ जा रहे हैं पारुल: तो अब तो बताओ यार हम कहाँ जा रहे हैं मैं और इंतजार नहीं कर सकती सेम: chilll जब वहां जायेगे तो तुम खुशी से न जाने क्या करोगी पारुल: बताओ ना प्लीज्ज्ज्ज्ज्ज.... सेम: awwww मेरे छोटे बैबी अभी नहीं क्योंकि अभी आपको रेडी होना तो ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 19
सेम और पारुल दोनों रेस्टोरेन्ट मे नास्ता करने के बाद कार की ओर जा ही रहे होते हैं पर पारुल कहती है की पारुल: सेम.... सेम: हम्म्म.. पारुल: वो... बात ये की अम्म्म ... सेम:(पारुल की ओर देखते हुए) तुम ये सडनली लडकी कैसे बन गयी तुम तो मेरा सनी देओल हो हाहाआहाहा पारुल: सेम के बच्चे..... नहीं बात करनी तुझसे जा मैं ही पागल थी जो गीलटी फ़ील कर रही थी मुझे लगा सोरी बोल दू पर नहीं तु तो कभी सुधरेगा नहीं सेम: आये हाये पारो यही अंदाज ही तो है जो हमे घायल कर देता है ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 20
सेम और पारुल ब्यूटी पार्लर में पहुंचते हैं तभी सेम वर्कर से कहता है की उनकी मेम को बुलाये सेम और पारुल वहां वैट कर रहे थे तभी थोड़ी देर में एक लड़की आती है जिसे देखकर सेम के चहेरे पे मुस्कराहट आ जाती हैं सेम को देखकर वह लड़की भी मुस्कुराते हुए आती है तभी सेम कहता है सेम: समायरा समायरा: समीर what a pleasant surprise सेम: well I'm surprised I mean look at you समायरा: oh please don't be surprised सेम: you look totally gorgeous babe why the hell I didn't notice before समायरा: अभी भी आदत ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 21
सेम कार को पार्क करने के बाद पारुल को भी कहता है कि वह लोग पहुंच गए हैं तभी आंखो को खोलने की कोशिश करती हैं लेकिन तेज धूप की वजह से वह आंखे खोल नहीं पा रही थी तभी जब वह डोर के बहार देखती हैं तो सेम एक गुलाब ले के खड़ा था जिसे देखकर वह सोच में पड़ जाती हैं की अब ये क्या करने वाला है तभी सेम घुटनों के बल बैठते हुए पारुल से कहता है सेम : पारो विल यू बी ओल माय ओनली फॉर वन डे पारुल : हन!!... सेम : क्या ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 22
पारुल और सेम दोनों ही लंच करने के बाद ऐसे ही रूम में बैठे हुए थे तभी सेम पारुल कहता है कि मूवी देखे तो पारुल कहती है की हां क्यों नही तभी सेम डरावनी मूवी ऑन करता है है यह देखकर पारुल कुछ कहती नही और सेम के साथ सोफे पर बैठती हैं तभी सेम मूवी को रोक देता है जिससे पारुल कहती हैं पारुल : क्या हुआ मूवी क्यों रोक दी? सेम : वो वो.… पॉपकॉर्न बिना पॉपकॉर्न के मूवी देखने में क्या मजा आएगा पारुल : ओकेय.... सेम : तुम्हें और कुछ चाहिए मैं पॉपकॉर्न मंगवा ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 23
पारुल रूम में बैठे बैठे सेम के बारे में यूंही उल्टा सीधा बडबडा रही थी की तभी दरवाजे पे के नोक करने की आवाज आती है। पारूल गुस्से में दरवाजा खोलते हुए वह सोचती है सेम के बच्चे रुक तू अब पता चलेगा पारुल व्यास क्या चीज है। एसा सोचते हुए वह सेम के ऊपर पानी का ग्लास फेकने वाली होती है की सामने एक लड़की होती है जिससे वह उसे सोरी कहती है की गलती से उस पर पानी फेक दिया। वह लड़की पारुल की ओर देखती ही रह जाती है पारुल उसे सोरी कहते हुए सेम को ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 24
जैसे पारुल अंदर जाती है तो वह स्टेज पर थी और बाकी काफी लोग स्टेज की ओर देख के गा रहे थे और आई लव यू अविनाश कह रहे थे। यह सुनकर पारुल सेम की ओर देखते हुए उसे आंखो ही आंखो से बात करने की कोशिश करती है पर सेम उसे आखों से ही इशारा करता है की सब पत्ता चल जाएगा थोडी देर ओर वह पारुल का हाथ अपने हाथ में ले लेता है। पारुल की हार्टबीट बढ़ गई थी वह सेम का हाथ को कस के पकड़ लेती है। उसके लिए पहली बार है की वह ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 25
पारुल और सेम दोनों ही स्टेज से जा रहे थे । तभी शो का होस्ट पारुल और सेम को के लिए कहता है जिससे पारुल सेम को कहती है की वह काफी थक गई है तो सेम उसे कहता है बस थोडी देर और । उसके बाद वह उसके आइस्क्रीम शॉप पे ले जाएगा जिससे पारुल के चहेरे पे मुस्कान आ जाती है । जिस तरह सेम उसका ध्यान रख रहा है। वह ऐसे सेम की ओर देखते हुए मुस्कुरा रही थी और सोच में डूबी थी। तभी सेम उसे खयालों से बहार लाते हुए कहता है की वह ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 26
सेम पारुल के पीछे उसे पकड़ने के लिए भाग रहा होता है। और पारुल हंसते हुए आगे भाग रही है । उन दोनों के बीच में चल रहा ये मज़ाक दूर से अविनाश देख रहा होता है। अविनाश ने गुस्से की वजह से हाथ को मुट्ठी में बंद करके खुद को कंट्रोल कर रहा था । तभी वह दो वर्कर को बात करते सुनता है । " लुक एट धेम हाऊ कयुट धेय आर । " यह सुनकर अविनाश ओर भी गुस्सा हो जाता है । और जोर से चिल्लाता है । " पेक अपप्प..." । अविनाश की चिलाने ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 27
पारुल अविनाश की ओर देख रही थी । वह रेडी होने में बीजी था । तभी सेम का मेसेज के फोन में आता है । जिससे पारुल को होश आता है की वह क्या कर रही थी। एक गील्ट सी फीलींग पारुल के मन में आती हैं । पारुल यूंही सोच में डूबी हूई थी की अविनाश चुटकी बजाते हुए पारुल को अपनी खयालों की दुनिया से बहार लाता है। अविनाश: सो प्रिंसेस कहा खोई हुई हो ? पारुल: कुछ नहीं वो सेम.... अविनाश: ( सेम का नाम सुनते ही मानो एक जलन सी उसके दिल में महसूस हो ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 28
पारुल सेम के साथ आइस्क्रीम शॉप पर पहुंचती हैं। वह टेबल पर बैठे हुए आज जो भी हुआ उस में सोच रही थी। की सेम उसकी फेवरेट आइस्क्रीम लेके आता है । जिससे पारुल सेम की ओर एक हल्की सी मुस्कुराहट देते हुए उसे शुक्रिया कहती है। पारुल समझ नहीं पाती की वह इतनी बैचैन क्यों है। अब एसा तो कुछ है नहीं की अविनाश उसका दोस्त हो या वह उसे जानती हो। वह फिर इतना दर्द क्यों महसूस कर रही है । वह यह बाते सोच ही रही थी कि सेम उसे सोच में से बाहर लाते हुए ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 29
अविनाश तेज़ी से रोड पर ड्राइव करते हुए अपना गुस्से को काबू में करने की कोशिश करता है। लेकिन बार उसके सामने सेम और पारुल का चित्र उसके आंखो के सामने आ जाता है । गुस्से की वजह से उसकी आंखे लाल हो चुकी थी। वह अपनी कार की रफ्तार ओर तेज़ कर देता है । वह बस इस रियलिटी से दूर भागना चाहता था । इतनी दूर की जहा उसे ये सब चीजें महसूस ना हो। वो खुद समझ नहीं पा रहा था कि उसे इतना गुस्सा क्यों आ रहा है । आखिर उसके दिल में इतना दर्द ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 30
सेम पारुल को उसके घर छोड़कर अपने घर की ओर ड्राइव कर रहा होता है । तभी वह खिड़की बहार अंधेरी रात में चमक रही चांदनी को देख रहा था । ना चाहते हुए भी उसे पारुल को खोने का डर है। वो अच्छी तरह से जानता है कि पारुल सिर्फ उसे दोस्त की नजरो से ही देखती हैं । पर उसका दिल पता नहीं क्यों मानने को तैयार ही नही । वह ऐसे ही वह सारे पल उसके सामने आते है जो उसने ओर पारुल ने साथ में बिताए थे और उसके चहेरे पे एक मुस्कान आ जाती ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 31
पारुल अपने घर का दरवाजा धीरे से चाबी से खोलते हुए घर में पहुंचती है। हॉल और किचेन कि बंद थी मतलब उसके माता पिता दोनों ही सो गए थे । यह बात पारुल अच्छे से जानती थी वह धीरे धीरे अपने कमरे की ओर पहुंचती है । वह अपने रूम का दरवाजा खोलते हुए धीरे से बंद करते हुए अपने रूम की लाइट ऑन करती है । वह सीधे अपने बेड पर जाके सो जाती है । वह यूंही अपने रूम की छत को देखते हुए वह आज जो भी हुआ उसके बारे में सोच रही थी । वह ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 32
अविनाश यूंही रोहन के साथ बैठा हुआ था। की तभी उसे मोबाईल के बजने की आवाज सुनाई देती हैं अविनाश रोहन से बात करके काफी अच्छा महसूस कर रहा था । लेकिन वह अच्छी तरह जानता था कि जैसे ही सारी सच्चाई सबके सामने आएगी । सब उससे और भी नफ़रत करेगे । खास करके पारुल । पारुल उसे नफरत भरी नजरो से देखेगी यह सोचकर ही अविनाश के दिल में एक दर्द सा होता है। वह कुछ भी बर्दास्त कर सकता है । पर अपने अतीत कि वजह से नफ़रत नहीं । खास कर उस इंसान की आंखो ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 33
सेम अपने घर पहुंचते ही सीधा अपने रूम में चला जाता है । वह बस बाल्कनी में एसा ही था । और तारो को देख रहा था । वह बस सोच ही रहा था कि पारुल को अपने दिल कि बात कहे या ना कहे । यह सारे सवाल उसके दिमाग में घूम रहे थे । तभी सेम को पीछे से कोई आवाज़ देता है -"सेम" । सेम आवाज की दिशा में मुड़ते हुए कहता है । " जी मा" । सेम की मोम सेम के पास बालकनी में खड़े होते हुए कहती है - "सेम" । सेम "हम्म" ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 34
सेम सुबह सुबह अपने घर से पारुल को लेने जा रहा होता है। तभी सेम की मोम उसे रोकते कहती है की कहां जा रहे हो? तभी सेम अपनी मां से कहता है की वह आज पारो को लेने जा रहा है। सेम की मोम सेम से कहती है की पारो कौन है? तो सेम शर्माते हुए कहता है की पारो वही लड़की है। सेम को इस तरह शरमाते देख वह जोर जोर से हंसने लगती है तभी सेम अपनी मां की ओर देखते हुए कहता है । सेम: क्या? निर्मला: आहाहाहाहाहाहा!!! देखो तो सही खुद को लड़कियों कि ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 35
सेम हॉल में बैठते हुए मोबाईल में व्यस्त था । वह ऐसे ही कुछ देख रहा था। तभी पारुल रूम का दरवाजा खोलने कि आवाज आती हैं । तभी सेम मोबाईल को ऑफ करते हुए पारुल की ओर देखता है । वह बस मानो सांस लेना ही भूल गया था । पारुल ने सलवार कमीज़ जज रही थी । ब्लेक और रेड कलर मानो उसकी खूबसूरती पर चार चांद लगा रहा था । सेम तो मानो भूल ही गया था कि हॉल में पारुल के मोम डेड ही है । वह बिना पलके जपकाये बस पारुल को देखे जा ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 36
पारुल: सेम आई डोंट नो आई मीन आई लाईक यू । पर प्यार करती हूं या नहीं ये मुझे ही पता नहीं है । इनफेक्ट प्यार क्या है ? किसे कहते है प्यार? कैसा अनुभव होता है जब कोई इंसान दूसरे इंसान के प्यार में पड़ता है ये सब बाते मेरे दिमाग से परे हैं। सेम:( पारुल का हाथ अपने दिल पर रखते हुए) सून रही हो ना!!! ये जो मेरा दिल कितनी तेज़ी से धड़क रहा है!! । इसे कहते है प्यार। जब भी तुम उस इंसान के करीब होते हो तो ये अपने आप संकेत देने लगता ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 37
पारुल सेम आइस्क्रीम शॉप के बहार कार पार्क करते है। तभी पारुल सेम से कहती हैं कि आइस्क्रीम कार ही ऑर्डर कर ले । जब एक ही आइस्क्रीम मंगवानी है तो खामखां शॉप में जाके क्यों समय बर्बाद करे। यह सुनकर सेम मुस्कुराते हां कहते हुए आइस्क्रीम शॉप पर कॉल करके ऑर्डर करता है। पारुल और सेम ऐसे ही दोनों ऑर्डर का वैट कर रहे थे । तभी क़ार की खिड़की पे खटखटाने की आवाज आती हैं। सेम कार का शीशा नीचे करता है। तभी सेम ऑर्डर लेते हुए पेमेंट कर रहा होता है । तभी पारुल ऑर्डर का ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 38
पारु पारुल ऐसे ही खयालों में डूबी हुई थी। वहां अविनाश के बारे में सोच रही थी। न जाने पारुल को ऐसा क्यों लग रहा था जैसे वह अविनाश को सालों से जानती हो। फिर भी अविनाश पारुल के लिए पहली की तरह था। पारुल जैसे ना चाहते हुए भी कुछ महसूस कर रही थी लेकिन वह समझ नहीं पा रही थी । दूसरी ओर सेम अपने मोबाइल में किसी के साथ बात कर रहा था । सेम कहता है सेम: हेय भाई..! भाई: सेम देखो अभी मैं शुट पर जा रहा हूं और शायद मुझे आने में देर ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 39
पारुल और सेम ऐसे ही फोटो आल्बम देख रहे थे कि तभी सेम के पिताजी आते है जिससे पारुल ध्यान भी उनकी तरफ जाता है। पारुल जब सेम के पिता को बस देख ही रही थी । लेकिन ना जाने उसे एसा लग रहा था कि जैसे वह उन्हें सालो से जानती हो। तभी सेम कहता है। सेम: पारो मीट माय डेड एंड डेड मिलिए पारो से। पारुल: अम हेल्लो.... अंकल ...!! अश्विन: हैलो बेटा कैसे हो आप..? पारुल: ठीक हूं अंकल शुक्रिया...! सेम: सो डेड आप आज जल्दी कैसे आ गए । अश्विन: क्यों भई क्या मै अपने ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 40
पारुल ऐसे ही सोफे पर बैठी हुई थी । वह सेम के लौटने का इंतजार कर रही थी । जाना तो सेम साथ चाहती थी पर उनकी परिवार कि टाइमिंग में वह अनकम्फर्टेबल नहीं होना चाहती थी । इस वजह से वह सेम ओर अविनाश के साथ उसके माता पिता के साथ नहीं गई । अविनाश की बातो को याद करते हुए उसके रोगटे खड़े हो गए थे। न जाने क्यों पारुल जब भी अविनाश को देखती है तो उसका दिल जोरो से धड़कने लगता है । जैसे मानो वह अविनाश को सालो से जानती हो। पर फिर पारुल ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 41
पारुल और सेम डाइनिंग टेबल पर खाना खाने बैठे थे सेम पारुल से यूं ही कुछ बातें कर रहा सेम के मोम डैड भी पारुल से कुछ सिलसिले में बात कर रहे थे लेकिन पारुल का मन थोड़ी देर पहले जो बात है अविनाश ने कहीं वही उसके मन में घूम रही थी। वह सेम को जवाब तो दे रही थी परंतु उसका मन विचलित था। वह समझ नहीं पा रही थी कि उसकी जिंदगी में क्या हो रहा है। यह एक सपना है या सच वह समझ नहीं पा रही थी । वह बस इस सारी समस्या को ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 42
पारुल और सेम सबको बाय कहते हुए घर से निकलते हैं । पारुल कार में बैठते हुए ऐसे ही में डूबी हुई थी । सेम के चहेरे से मुस्कुराहट जाने का नाम ही नहीं ले रही थी । उसके लिए तो मानो जैसे ये एक सपना ही है कि पारुल उसकी किस्मत में है वो भी एक हमसफ़र के तौर पर। वह समझ नहीं पा रहा था क्या करे उसकी खुशी का तो मानो कोई ठिकाना ही नहीं था। वह कार स्टार्ट करते हुए पारुल की ओर देखता है । तो पारुल किसी गहरी सोच मै थी । वह ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 43
पारुल अस्पताल में थी उससे अभी तक होश नहीं आया था । उसके माता पिता डॉक्टर का इंतज़ार कर थे। दोनों चिंता में बैठे हुए थे। सेम के माता पिता भी वही बैठे थे। सेम की मॉम के आंखो मै से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। पारुल की मोम का भी यही हाल था। तभी डॉक्टर आते है। डॉक्टर: यहां पर पारुल व्यास के परिवार में से कौन है!? किरीट: जी!!? हम दोनों है । मै पारुल का पिता हूं । क्या हुआ सब कुछ ठीक तो है ना!!? डॉक्टर: आप मेरे साथ ऑफिस में चलिए ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 44
अविनाश स्टेज पर गाना तो गा रहा था लेकिन उसका दिल मानो वही अस्पताल में ही था वैसे वह यह सारी की सारी चीजें जगमगाहट देख रहा था पर वह बार-बार पारुल को ही मन में याद कर रहा था । वह सोच रहा था कि पारुल को होश आया होगा या नहीं या फिर उसे कुछ हुआ तो नहीं होगा यह सारे ख्याल उसके मन में घूम रहे थे वह मानो जैसे एक मूर्ति बनकर स्टेज पर खड़ा था । वह किसी भी तरह जल्द से जल्द यहां तो खत्म करके यहां से जाना चाहता था लेकिन वह ऐसा ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 45
सेम चैर पर बैठा हुआ था । उसके मन में हजारों सवाल उठ रहे थे । पर सेम के एक भी सवाल का जवाब नहीं था । पहले तो उससे लगा कि वह मजाक कर रही है पर फिर जब सच मै पारुल के चेहरे पर कोई भाव नहीं था । तो मानो जैसे सेम के दिल थम गया हो। वह एक पल के लिए सांस लेना ही भूल गया हो। सेम के दिमाग में यह सारी बाते घूम ही रही थी कि अविनाश बगल मे बैठते हुए कहता है । अविनाश: सेम जानता हूं जो भी मैंने थोड़ी ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 46
अविनाश पारुल के लिए कमरे में खाना ले जा रहा था । वह सेम की बात को मन ही में दोहरा रहा था । वह सोच रहा था कि क्या करे !??। ऐसा तो कभी होगा नहीं की वह पारुल को किसी ओर का होने दे । चाहे जो भी हो फिर पारुल नफरत ही क्यों ना करे उससे । लेकिन पारुल रहेगी तो उसके साथ ही । तभी उसका मन ही उससे सवाल पूछती है कि जब पारुल ठीक हो जाएगी तब तुम्हे लगता है वह तुम्हारे साथ रहेगी । कभी भी नहीं जो भी अतीत मै हुआ ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 47
अविनाश कार चला रहा था । पर उसकी आंखों के सामने जैसे वह सारी घटनाएं किसी चलचित्र के समान रहे थे । वह बस जैसे बचपन कि फिर से वही सारी यादों में खो गया था । वह कार को रोक देता है । और मानो ये सुमसान रास्ता जैसे उसके दिल टूटने की गवाही दे रहा हो । वह बस दूर आसमान की ऑर देख रहा था । की कहां से कहां पहुंच गया । चाहे तो वह दुनिया की हर चीज़ चुटकी बजाकर ले सकता है । लाखो लड़कियां उसके आगे पीछे है पर फिर भी अभी ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 48
अविनाश और पारुल दोनो अपने अपने जीवन मे व्यस्त हो जाते है । अविनाश अपने काम में खुद को व्यस्त रखने लगा कि वह खुद ही भूल गया था कि वह इंसान है । वह खुद को इसी उलझन मै व्यस्त रखना चाहता था ताकि पारुल की कमी उससे महसूस ही ना हो । दूसरी ओर पारुल की भी यादाश्त वापस आ रही थी । जो उसके और अविनाश के बीच में अतीत मै हुआ था उसके मॉम डेड की डेथ सारी बाते उससे याद आ गई थी । इन दिनों पारुल के आंखो से आंसू सूखने का नाम ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 49
पारुल अपनी बालकनी में से आसमान की ऑर देख रही थी और कॉफी पी रही थी । मानो उसके को थोड़ा बहुत सुकून सा मिला था । आखिरकार पारुल ने जो भी दिल ने दर्द था जो भी शिकायते थी अविनाश को जैसे भूल ही गई थी । वह एक नई शुरुआत की कोशिश कर रही थी । और इसमें कोई शक नही था की जिंदगी जैसे खुशियों से भरी हुई थी बिना दर्द बिना चिंता के । लेकिन मानो जैसे कोई कमी खल रही थी । मानो जैसे कुछ ऐसा पारुल ने गवा दिया जो की ऐसा नही ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 50
अविनाश अपने रूम में सो रहा था । की तभी उसका मैनेजर भागते हुए अविनाश के रूम की लाईट हुए अविनाश को उठाने की कोशिश करता है । विशी: अवि!! अवि!! वेक अप । यार जल्दी से उठो!!। अविनाश: ( रोशनी की वजह से आंखे खोल नहीं पा रहा था !) यार क्या काम है और ये लाइट बंद करो इससे । कम से कम शांति से सोने दो !! । विशी: अरे!! नींद गई तेल लेने ! पहले न्यूज देखो!!। न्यूज वाले क्या अनपशनाप बके जा रहे है। यार!!?। अविनाश: ( आंखे खोलते हुए टीवी चालू करता है ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 51
अविनाश वर्क आउट के बाद जिम में अपना प्रोटीन ड्रिंक पी रहा था । और टैबलेट में कुछ रहा था । तभी अविनाश का दोस्त रोहन आता है। अविनाश टैबलेट को बंद करते हुए कहता है । अविनाश: हेय मेन !! वॉट्स अप !! कहां गायब हो गए थे ना कोई कॉल मेसेज कुछ भी नही । रोहन: ( गले लगाते हुए ) अबे भाई क्या ही बताऊं डेड ने बिजनेस ट्रीप पर भेज दिया था । अगर ना गया होता तो मेरे खर्चे उठाने से मना कर दिए । और तो मेरा मोबाइल भी ले लिया था । ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 52
अविनाश शूटिंग पूरी करने के बाद बस ऐसे ही बैठा था की तभी सोफिया आती है । जिससे अविनाश गुस्सा हो जाता है लेकिन इतने सारे लोगो के सामने उसकी बेइज्जती नहीं करना चाहता था । इसलिए वह अपना शेड्यूल देखने लग जाता है । तभी सोफिया अविनाश के करीब बैठते हुए कहती है । सोफिया: ओह अवि आई मिस यू सो मच !। अविनाश: ( बिना कुछ कहे बस अपना शेड्यूल देख रहा था ) । सोफिया: ( अविनाश के करीब जाते हुए बाहों में भरते हुए ) ओह अवि कमोन अब इतना क्या रूठना अब हम दोनो ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 53
विशी और अविनाश दोनो ही नींद में थे । तभी कार जहां पर फंक्शन था वहां पर रुकती है ड्राइवर विशी को उठाता है । तभी विशी अविनाश को उठाते हुए कहता है । विशी: अवि!!। वेक अप हम पहुंच गए है । जल्दी से रेडी हो जाओ कुछ देर में फंक्शन शुरू होने वाला है । अविनाश: ( नींद में ) क्या यार परी! सोने दे अभी काफी टाईम है । विशी: ( अविनाश को हड़बड़ाते हुए मुस्कराते हुए कहता है ) ओय में परी वरी नहीं हूं तेरा मैनेजर हूं । जल्दी उठ अब । अविनाश: ( ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 54
अविनाश रेड्डी होकर बस खुद को शीशे में देख रहा था और बालो को संवार रहा था की तभी दरवाजे पर खटखटाने की आवाज आती है । वह दरवाजे को खोलने जाता है । तो विशी वहा खड़ा था । वह दरवाजा खोलकर वापस अपने बाल संवारने लगता है । तभी विशी दरवाजा बंद करते हुए सोफे पे बैठते हुए कहता है । विशी: क्या बात है किसी को हार्टअटेक देने का इरादा है क्या!? अविनाश: ( शीशे में से विशी की ओर देखते हुए ) ( मुस्कुराते हुए ) क्या!!?। विशी: कमोन मेन मेरे सामने तो इतना ना ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 55
सेम और पारुल दोनो सारी रश्म में व्यस्त थे । अविनाश तो बस स्टेज की ओर ही देखे जा था । ना कुछ बोल रहा था ना ही सुन रहा था । मानो उसका मन उसे सारी बाते भूल कर पारुल को कहीं दूर ले जाना चाहता था । जहां सिर्फ वह हो और पारुल हो । और ये जो भी दूरियां,नफरत सब भूल जाए और सिर्फ और सिर्फ ... काश । वह यह सोच ही रहा था । तब वह खुद के सिर को ना में हिलाते हुए सोचता है की वह अब कमजोर नहीं पड़ सकता और ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 56
अविनाश अपने कमरे का दरवाजा बंद किए बिना ही सीधे वाशरूम की ओर आगे बढ़ता है । वह नल करते हुए अपने चहेरे पर पानी छिड़क रहा था । और खुद को शीशे में देखता है । मानो टूट सा गया था । जैसे आज सब कुछ पूरी तरह से बिखर गया था। जो एक छोटी सी आश थी वह भी टूट गई । जो बंधन था वह आज पूरी तरह से टूट गया था । वह फिर से अपने चहेरे पर पानी छिड़कते हुए फिर से आईने में देखता है तो मानो उसकी आंखे जम सी गई थी ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 57
पारुल बैचेन सी सेम के साथ स्टेज पर बैठी थी । उसका मन तो थोड़ी देर पहले अविनाश के हुआ उस बात से विचलित था । उसके मन में बार वह दृश्य सामने आ रहा था । पारुल के ना चाहते हुए भी उसके दिल में एक अलग सा भाव उमड़ रहा था । उसके दिमाग में जितनी नफरत थी अविनाश की हरकत को लेकर मानो दिल उससे विपरीत महसूस कर रहा था । ऊपर से सेम के प्रति पारुल के मन में जो अपराध भाव उमड़ रहा था । ऐसा लग रहा था जैसे की किसी का खून ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 58
पारुल के दिमाग में तो बस अविनाश की ही बाते घूम रही थी । पारुल का मन इतना घबराया था की जब सेम ने उसके कंधे पर हाथ रखा तो वह चिल्ला पड़ी। फिर जब देखा सेम है तो वह खुद पर गुस्सा होते हुए सेम से कहती है । पारुल: ( सेम के हाथो को अपने हाथ में लेते हुए ) आई... एम... रियली... सॉरी ... आई ... मै बस ख्यालों में उलझी हुई थी और फिर मुझे लगा कोई चिपकली मेरे ऊपर पड़ी है तो इसी वजह से चीख निकल गई।सेम: ( मुस्कुराते हुए ) रिलेक्स.. मै जानता ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 59
सगाई की रश्म के बाद पारुल नैना के साथ अपने कमरे की ओर बढ़ रही थी । तभी नैना से पूछती है । नैना: सब कुछ ठीक तो है ना!!?। पारुल: हंअ! हां बस थक गई हूं इसीलिए!। नैना: आर यू श्योर बिकोज मुझे तो कुछ और ही लग रहा है!। पारुल: क्या मतलब !!। नैना: ( पारुल की बात काटते हुए ) तुम्हे लगता है की तुम मुझे बेवकूफ बना पाओगी!!। जल्दी बताओ क्या हुआ है ! कब से देख रही हु की तुम कुछ परेशान सी हो!। पारुल: नैना!!। नैना: पारुल!!। पारुल: ( हार मानते हुए ) ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 60
पारुल अविनाश के पीछे भाग रही थी । अविनाश गुस्से में होटल से बाहर जा रहा था । की पारुल उसका हाथ थामते हुए उससे दूसरी और ले जाने की कोशिश करती है। अविनाश बस अपनी जगह पर खड़े होते हुए पारुल और उसने अविनाश का हाथ थामा है वह देख रहा था । पारुल: ( गिड़गिड़ाते हुए ) प्लीज... । अविनाश: ( बिना कुछ कहे पारुल जिस दिशा में ले जा रही थी जा रहा था । उसका ध्यान तो पारुल ने उसका हाथ थामा था वही पर था । मानो वह गुस्सा सब कुछ भूल गया था ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 61
अविनाश और पारुल दोनो ही बिना कुछ बोले ऐसे ही खड़े थे । तभी पारुल कुछ कहने वाली होती अविनाश कहता है । अविनाश: देखो अब तुम अपना भाषण शुरू करो उससे पहले ही बता देता हूं!!। अगर वह लोग यहां इस सुनसान गार्डन में देखते तो तुम्हारी ही बदनामी होती !!। पारुल: अच्छा!! तो तुम बता भी सकते थे पहले!। अविनाश: कभी सुनती हो किसी की भी बात पहले!?। पारुल: बट!! वेट ए सेकंड!!!? । अविनाश: क्या!? ( चिढ़ते हुए ) । पारुल: ( मुस्कुराते हुए ) मतलब!!। अविनाश: ( एक आईब्रो ऊपर करते हुए ) मतलब क्या!?। ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 62
पारुल ऐसे ही बड़बड़ाते हुए अपने कमरे की ओर जा रही थी की तभी वह किसी से टकराती है अपने सिर मलते हुए उस इंसान की ओर देखती है तो कोई अनजान इंसान था । उसने कभी पहले नहीं देखा था । वह उन्हें सॉरी बोलने वाली थी कि तभी वह इंसान कहता है। अनजान इंसान: आई एम सो सॉरी मेरा ध्यान नहीं था की सामने से कोई आ रहा है । पारुल: अरे!! कोई नहीं! मेरा भी ध्यान नहीं था तो सॉरी..। अनजान इंसान: इट्स ओके ( मुस्कुराते हुए कुछ कहने वाला होता है कि .. ) । ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 63
अविनाश घर आकर अभी बैठा ही था की तभी किसी के हल्ला करने की आवाज आती है । जिससे समझ जाता है की रोहन आया है । वह अपने सिर को पकड़ते हुए आंखे बंद करके बैठा था । तभी रोहन अविनाश के पास सोफे पर बैठते हुए कहता है । रोहन: ब्रो तुमने सुना.... आई मीन देखा ...!? । अविनाश: क्या!? । रोहन: आई मीन तुम्हारी पारुल की सगाई हो गई है और उसकी शादी भी होने वाली है वो भी किसी और से .. । अविनाश: ( शांत स्वर में ) आई नो.... । रोहन: लाईक... तुम्हे ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 64
अविनाश सुबह जल्दी से तैयार होके अपने घर से निकलने वाला था की तभी अम्मा उससे रोकते हुए कहती ।अम्मा: बेटा नाश्ता तो करते जाओ ।अविनाश: नहीं अम्मा अभी नहीं बहुत इंपोर्टेंट काम है आप एक काम करिए खाना पेक कर दीजिए में शूटिंग पे ही खा लूंगा ।अम्मा: ठीक है फिर पर ठंडा हो जाए उससे पहले खा लेना ।अविनाश: और आज आप जल्दी घर चले जाएगा त्योहार है तो घर पे सब राह देख रहे होगे आपका । अम्मा: अरे! पर तुम्हारा खाना... । अविनाश: उसकी आप चिंता मत करिए रोहन के घर आज में डिनर पर जा रहा ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 65
अविनाश अपने मोबाइल में ऐसे ही कुछ देख कर मुस्कुरा रहा था। विशी टेंशन में बैठा हुआ सोच रहा की अविनाश के दिमाग में क्या चल रहा है । वह जिस तरह से बरबादी के रास्ते पे जा रहा था और विशी चाहते हुए मानो उसे रोक नहीं पा रहा था । वह जानता था कि अगर अविनाश ने शादी कर ली तो वह दोनो की जिंदगी बरबाद कर देगा। विशी का दिमाग मानो काम ही नहीं कर रहा था । तभी अविनाश कहता है । अविनाश: चिल विशी!! दिमाग फट जाएगा... अगर एक साथ इतने खयाल दिमाग में ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 66
पारुल ऐसे ही रेस्टोरेंट में इंतजार कर रही थी। आधे घंटे से वह यहां अकेले अविनाश का इंतजार कर थी । पारुल का गुस्सा तो मानो जैसे आसमान छु रहा था । वह जानती थी यह इंसान भरोसे के लायक तो बिल्कुल नही है। पता नहीं क्या सोचकर वह यहां आई थी। ( गघी! बिलकुल इडियट हो तुम खुद को ही मन में कोश रही थी। ) फिर एक बार अपनी वॉच में समय देखते हुए रेस्टोरेंट से बाहर देख रही थी। की कही अविनाश का अता पता हो लेकिन बाहर एक परिंदा भी नही दिख रहा था । ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 67
पारुल की मॉम उसे आवाज दे रही थी पर वह बिना कुछ जवाब दिए अपने कमरे में चली जाती । अपना रूम में बेड पर गिरते हुए वह रोने लगती है । मानो जैसे अब ये घटिया मजाक और सहन नहीं कर सकती थी । उसे समझ नहीं आ रहा था क्या करे!? कैसे इस मुसीबत से बाहर निकले!! । तभी पारुल को दरवाजा खटखटाने की आवाज आती है वह किसी से बात तो नहीं करना चाहती थी पर वह उन लोगों को परेशान भी नहीं करना चाहती थी । इसलिए वह आंसू पोंछते हुए जल्दी से दरवाजा खोलते ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 68
पारुल जैसे ही बाथरूम से बाहर आती है । तभी वह समीर यानी सेम को सॉरी बोलते हुए सुनती । जिससे वह खिड़की की ओर देखती है । तो वहां कोई नहीं था । पारुल का मन तो नहीं था एक शब्द भी मुंह से निकालने का पर फिर उसके मन में सवाल भी उठ रहे थे । इसलिए वह आखिरकार पूछ ही लेती है । पारुल: ( धीमे से ) किस... से बात कर रहे हो!! ( मानो इतने शब्द भी बोलना पारुल को कठिन लग रहे थे !) । सेम: ( पारुल की ओर मुड़ते हुए ) ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 69
अविनाश अपने घर पर आ तो गया था लेकिन उसके दिमाग में पारुल और सेम के बीच जो हुआ दृश्य घूम रहा था । मानो जैसे यह बात उससे पागल कर रही थी । उसका दिल ना चाहते हुए भी जल रहा था । जैसा किसीने आग सुलगा के रखी हो । वह समझ नहीं पा रहा था की क्यों!? उसका दिल काबू में क्यों नहीं हो सकता जिस तरह से दिमाग हो जाता है वैसे ही दिल क्यों नहीं काबू में नहीं हो पाता !? । वह गुस्से में टेबल पर पड़े वास को सामने दिवाल पर फेंक ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 70
अविनाश तैयार होकर शादी के हॉल की ओर कार लेकर निकल पड़ता है । वह कार को चलाते हुए ऐसे ही खुश था पता नहीं क्यों!? पारुल से शादी होने की वजह से!? या उसका बदला पूरा होने वाला है इस वजह से!? ।वह बस सिर को ना में हिलाते हुए .... आगे रास्ते की ओर ध्यान देने लगता है । और सोचता है जो भी हो!? खुशी चाहे जिस बात की भी मिल रही हो...उसका आखिरी मुकाम तो मेरा बदला ही है । और फिर से उसकी आंखे रंग बदलने लगती है। जैसे किसी भूतने उससे काबू किया ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 71
अविनाश अपने घर के गेट के बाहर कार पार्क करते हुए घर की और आगे बढ़ता है । तब महसूस होता है की पारुल उसके पीछे नही आ रही । वह पीछे मुड़कर देखता है तो पारुल कार में ही बैठी हुई थी । अपनी जगह से हिली तक नहीं है। अविनाश फिर से दांत भिसते हुए कार के पास जाकर दरवाजा खोलते हुए कहता है ।अविनाश: क्या बात है !! वाईफी!! तुम तो अभी से बीवी वाले नखरे दिखाने लगी हो । आई मस्ट सेय तुम काफी जल्दी हमारे रीश्ते में ढल रही हो। एंड आई लाईक ईट...।पारुल: ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 72
अविनाश कमरे से निकलकर सीढ़ियों से उतर कर सीधा बार पर जाकर बैठता है । उसका दिल थमने नाम ही नहीं ले रहा । वह बोतल को खोलने की कोशिश करता है लेकिन ढक्कन को जोर से खोलने के प्रयास में उसके हाथ में लगे जख्म में से फिर से खून बहने लगता है । वह हाथ को हवा में पटकता है जिस वजह से खून के छींटे हवा में इधर उधर गिर रहे थे । अविनाश के हाथ में से कुछ ज्यादा ही खून बह रहा था पर उसे इस बात से शायद ही फर्क पड़ रहा था। ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 73
विशी टेंशन में जैसे तैसे पागलों की तरह अविनाश के घर पहुंचता है । गेट को खोलते हुए वह है कि सारे गार्ड्स कहां गए। उसके दिल में घबराहट बढ़ रही थी । वह जल्दी से कार को पार्क करते हुए मुख्य द्वार खोलते हुए घर में दाखिल होता है । हॉल में अंधेरा था । सिर्फ बार की लाईट जल रही थी । तो उसे लगा कि अविनाश को शराब पीते हुए चौंट लगी होगी । वह उसी कमरे की और आगे बढ़ता है । की तभी आवाज आती है। अविनाश: विशी.... मैं यहां हूं!!? । विशी: ( ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 74
अविनाश गहरी नींद में सोया हुआ था की तभी कोई उसका नाम पुकार रहा है ऐसा उसे लग रहा । लेकिन उसे लग रहा था कि शायद यह उसका सपना है । इसीलिए वह तकिया कान पर रखकर सो जाता है । लेकिन फिर भी आवाज बंद नहीं होती इसलिए वह आंखे खोलते हुए देखता है तो पारुल थी । जो उसे पुकार रही थी । अविनाश फिर से तकिए पर सिर रखते हुए आंखे बंद करते हुए कहता है ।पारुल: शहहह!! ( उंगली से अविनाश को छूते हुए ) अविनाश... अविनाश... गधे कहीं के अपना ये हाथी जैसे ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 75
अविनाश रेड़ी होकर.... दरवाजा खोलने ही वाला होता है की वह पारुल से टकराता है। जिस वजह से दोनो सिर को सहलाते हुए कहता है । अविनाश: देख कर नहीं चल सकती थी! क्या!? । पारुल: ( उल्टा जवाब देते हुए ) तुम भी तो देख के चल सकते थे । अविनाश: तुमसे बात करना ही बेकार है ।... फॉरगेट ईट... रमा थोड़ी देर में तुम्हारे कपड़े लेके आयेगी। उसमे से कुछ अच्छा ढंग का पहनके आओ। हमे वैसे भी देर हो रही है। पारुल: ( सवाल पूछते हुए ) वैट... हम से तुम्हारा क्या मतलब है!!! मैं तुम्हारे ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 76
पारुल कार का दरवाजा खोलकर कार में बैठ जाती है । अविनाश की ओर तिरछी नजर से देखती है वह दूसरी ओर कार के बाहर देख रहा था। वह अभी भी किसी बात को लेकर गुस्सा था । लेकिन पारुल को समझ नहीं आ रहा था की उसने क्या किया जो युंह ये अचानक फिर से अकडू बन गया । तभी विशी पारुल को कहता है। विशी: ( आगे की सीट से पारुल की ओर मुड़ते हुए ) पारु!! यार क्या बात है ड्रेस तो काफी अच्छी लग रही है तुम पर । पारुल: थैंक यूं विशु!! ( बड़ी ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 77
अविनाश अपने गाने के लीरिक्स याद करने में व्यस्त था तो पारुल भी सोफा पे सिर रखकर सो गई । तभी दरवाजा खटखटाने की आवाज आती है । जिससे अविनाश का ध्यान पेपर में से आईने की ओर जाता है । पारुल को सोता देखकर मुस्कुराहट चेहरे पर आ जाती है। वह अपने सिर को ना हिलाते हुए कहता है । अविनाश: कम इन...। स्पॉट बॉय: सर आपका पार्सल आया है । अविनाश: हम्म्म!! मैडम को दे दो!!। स्पॉट बॉय: ( पारुल की ओर देखते हुए ) मेम... तो सो रही है.... । अविनाश: ( पेपर को साइड में ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 78
अविनाश अपनी शूट में व्यस्त था । पर उसके मन में पारुल की कहीं हुई बाते दोहरा रही थी। भी उसकी बात उसके जेहन पर असर कर रही थी जैसे पहले किया करती थी । अविनाश जैसे तैसे करके शूटिंग को खत्म करके फिर से वैनिटी में जाता है तो देखता है पारुल अविनाश की दीवाल पर लगी तस्वीरे देख रही थी । अविनाश: वह देखता रहा मेरी तस्वीर को इस कदर... जैसे इंसान नहीं मोहब्बत मीनार हू, पर न जाने क्यों बदलते है आंखो में रंग कभी प्यार तो कभी नफरत... क्यूं!? । पारुल: ( अविनाश की ओर ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 79
पारुल बस बैचैन होकर टहलते हुए सोच रही थी की अविनाश को कैसे रोके । क्योंकि पारुल में इतनी नहीं थी की वह अपने मॉम डैड का सामना कर सके और सेम उसे कैसे मिलेंगी। क्या कहेगी!? । ये चिंता पारुल को खाए जा रही थी । तभी वेनिटी का दरवाजा खुलने की आवाज आती है । पारुल बेकरार होते हुए अविनाश से कहने वाली होती है । पारुल: अवि!! ( सामने जाते हुए ) । विशी: वोह!! रिलेक्स पारुल! इतनी क्या जल्दी है कि तुम उस गधे के लिए इतनी बेकरार हो रही हो!? । पारुल: विशी... मजाक ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 80
अविनाश पारुल का हाथ थामे हुए गाड़ी का दरवाजा खोलते हुए इशारे से पारुल को कार में बैठने के कहता है । पारुल उसे सिर का ना में हिलाते हुए मना करती है । अविनाश पारुल को उठाते हुए सीट पर बिठा देता है और दरवाजा बंद कर देता है । ड्राइवर सीट पर बैठते हुए कार चालू करते हुए कहता है। अविनाश: चाहो तो रो सकती हो! टिस्सू सामने के बॉक्स में है । पारुल: (गुस्से में) आई हेट यू....। अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) जानता हूं! और कुछ नया बताओ..!? । पारुल: बेइंतहा नफरत है तुमसे! तुम्हारी ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 81
पारुल भारी कदमों से अपने घर का गेट खोलती है। वह फिर से एक बार कार की ओर मुड़कर है। तो अविनाश अपने हाथ में पट्टी बांध रहा था । पारुल का दिल तो कार में ही वापस जाना चाहता था । उसमे हिम्मत ही नहीं थी की वह एक भी कदम आगे बढ़ाए। उसका दिल चिंता की वजह से हलक तक आ रहा था । वह धीरे-धीरे अपने घर की ओर आगे बढ़ती है । एक एक कदम बोझ की तरह लग रहा था । उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। पारुल एक गहरी सांस लेते ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 82
पारुल सामने देखती है तो उसका दिल थम जाता है। मानो जैसे कुछ ही देर में उसके दिल बहार आ जाएगा या फिर हार्ट अटैक आ जाएगा। उसका दिल उतनी तेज धड़क रहा था । ना तो वह कुछ बोल पा रही थी । और ना ही वह इंसान जो की पारुल के करीब था वह । सेम तो पारुल को ही देखे जा रहा था। मानो जैसे उसकी रूह वापस लौट आई हो। यह दो दिन उसके लिए जहर के घूंट के बराबर थे। एक एक पल सेम के लिए साल जैसे थे। इन दोनों में सेम को ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 83
पारुल सेम से ध्यान हटाते हुए आवाज वाली दिशा में देखती है लेकिन जब उसका ध्यान अविनाश पर पड़ता डर का मारे पूरे शरीर में सिरहन दौड़ती है । अविनाश की आंखे पहले से बिल्कुल बदल गई थी। मानो अभी अगर कोई भी उसके सामने आया तो वह उसे जैसे जिंदा जमीन में गाड़ देगा । पारुल का गला सुख रहा था। वह होठ पर जीभ फेरते हुए होठ जो की डर की वजह से सुख रहे थे उसे नर्म बनाए रखने की बेकार कोशिश करती है। अविनाश का ध्यान एक पल के लिए पारुल की इस हरकत पर ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 84
पारुल भारी कदमों से अपने घर का गेट बंद करते हुए कार की ओर आगे बढ़ती है। उसकी आंखों आंसू बह रहे थे। अब तो उसकी आंखे भी रो-रो कर थक चुकी थी। क्योंकि इन दिनों पारुल की आंखे से मानो आंसू का कोई गहरा नाता बन गया हो। वह कार का दरवाजा खोलकर बैठ जाती है। वह अपने ही खयालों में खोई हुई थी। अपने मॉम डैड की नाराजगी अविनाश के गुस्से से ज्यादा ही खल रही थी। वही मां बाप जो पारुल की खुशी के लिए जमीन आसमान एक कर देते थे। आज वह पारुल की शक्ल ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 85
पारुल खुद को संभालते हुए कार में बैठ जाती है ।अविनाश कार को स्टार्ट करते हुए खुद को काबू करने की कोशिश कर रहा था। आज पहली बार उसने पारुल से इस तरह बात की थी। उसके दिमाग को इस बात से कोई दिक्कत नहीं थी पर उसके दिल में कहीं ना कहीं कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था। मानो जैसे दिल के किसी कोने में खालीपन सा हो। जैसे उसने कोई बहुत बड़ा अपराध किया हो। वह अब अपने दिल की नहीं सुनना चाहता था । क्योंकि जब जब वह दिल की सुनता है..। हर बार उसे ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 86
अविनाश घर पहुंचते ही पारुल को जगाए बिना अंदर चला जाता है। वह अपने रूम में इंतजार करता है कब पारुल अंदर आए । करीब १०-१५ मिनिट बाद जब पारुल रुम में अंदर नहीं आई तो वह बालकनी में से पार्किंग लॉन की ओर देखता है। पारुल अभी भी कार में ही थी। अविनाश ना चाहते हुए मजबूरी में अपने एक बॉडीगार्ड को इशारे से कार का दरवाजा खटखटाने की लिए कहता है। अचानक आवाज की वजह से पारुल हड़बड़ी में उठ जाती है । जिस वजह से पारुल का सिर सामने टकरा जाता है। वह सिर को सहलाते ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 87
अविनाश आराम से सोफे पर लेटा हुआ था । वह आंखे बंद करते हुए मुस्कुरा रहा था । तभी बरतन पटकने की आवाज आती है । जिस वजह से उसकी मुस्कुराहट और भी बढ़ जाती है। वह पारुल को आवाज लगाते हुए कहता है। " वाईफी... आराम से... क्योंकि अगर तुम्हे पता चला कि बर्तन की कीमत क्या है... तो तुम पक्का हार्ट अटैक से मर जाओगी! तो केर फुल बेबी! । " । पारुल गुस्से को कंट्रोल में करने की कोशिश कर रही थी । वह खुद ही जानती थी की अगर उसने गुस्सा कंट्रोल नहीं किया तो ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 88
पारुल प्लेट को प्लेटफार्म पर रखकर,सीढ़िया चढ़ते हुए भागकर कमरे में चली जाती है। वह रुम का दरवाजा बंद उसके सहारे बैठ जाती जाती है । उसका दिल जोरो से धड़क रहा था । वह धड़कते दिल पर हाथ रखते हुए उसे काबू करने की कोशिश कर रही थी। पर उसका दिल और भी जोरो से धड़क रहा था। वह भी उस इंसान के लिए जो सिर्फ उसके साथ सिवाय नफरत के और कोई रीश्ता नहीं रखना चाहता था । ना ही पारुल कोई रीश्ता रखना चाहती थी । पर फिर आज अविनाश के इतना करीब पाकर फिर से ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 89
सेम अपने घर में दाखिल ही हुआ था की तभी उसकी मां उसे रोकते हुए कहती है ।निर्मला: क्या बेटा कुछ पता चला पारुल के बारे में!? ।सेम: नहीं मां! मै बाद में बात करेंगे इस बारे में! प्लीज।निर्मला: समीर! बताओ तो सही! तुम उसके घर गए थे! क्या हुआ! ।सेम: ( गुस्से को काबू में कोशिश करते हुए ) मां मैंने कहां ना हम बाद में आपसे बात करेंगे! अभी बिलकुल मुड़ नहीं है बात करने का! तो प्लीज हम पर दबाव ना डाले! ? प्लीज... ।निर्मला: पर.... ।सेम: ( हाथ छुड़वाते हुए ) मैं अपने रूम में जा ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 90
पारुल थकावट की वजह से बेड पर जाते ही सो गई थी। उसके चेहरे पर जो सुकून दिख रहा शायद ही आज कल देखने को मिलता था। आजकल मानो जैसे सुकून से उसका दूर दूर तक का कोई नाता नहीं था। अभी जो भाव पारुल के चेहरे पर उमड़ रहे है वह शायद ही होश वाली हालत में देखने को मिलते या फिर यूं मिलते ही नहीं। आज कल तो मानो परेशानी के साथ पारुल का सात जन्मों का नाता बन चुका है। कहीं से भी उसे ढूंढ लेती है। अभी पारुल मानो अपनी सपनो की दुनिया में खोई ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 91
पारुल बाथरूम से फर्स्ट एड बॉक्स लेकर आती है तो देखती है अविनाश बेड पर नहीं था। वह दरवाजे ओर देखती है तो दरवाजा बंद था मतलब वह बाहर नहीं गया था। वह सामने सोफ़ास के एरिया में देखती है लेकिन अविनाश वहां पर भी नहीं था। फिर जब गार्डन वाले एरिया में देखती है तो अविनाश बालकनी में खड़ा था। वह सिगरेट पीते हुए..... बस आसमान की ओर देखे जा रहा था। पारुल जब आसमान की ओर देखती है तो आज चांद पूरा खिला हुआ था । पारुल बालकनी का दरवाजा खटखटाते हुए अविनाश का ध्यान अपनी ओर ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 92
पारुल टेबल पर से फर्स्ट एड बॉक्स लेते हुए भागते हुए फिर से बालकनी की ओर जाती है। अविनाश भी वह जैसी हालत में छोड़कर आई थी वैसे ही बेहोश पड़ा था। पारुल जमीन पर पड़े कांच के टुकड़ों से बचते हुए अविनाश के पार आकर बैठती है। वह अविनाश के हाथ को अपने हाथ में लेते हुए... खून से लपालप पट्टी निकलने की कोशिश करती है। अविनाश को कुछ ज्यादा ही चोंट लगी थी । इसीलिए शायद वह इस हालत में भी दर्द की वजह से उसके चेहरे पर थोड़े भाव आ रहे थे। पारुल आहिस्ता आहिस्ता पट्टी ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 93
पारुल की जब आंख खुली तो वह बेड पर देखती है, लेकिन अविनाश नहीं था। वह फिर सीधा बालकनी ओर देखती है! कहीं वह फिर से... लेकिन वहां पर भी नहीं था । वह कमरे का दरवाजा खोलते हुए! हॉल की ओर नजर डालती है की शायद नीचे नाश्ता कर रहा हो!? लेकिन पूरे हॉल में भी उसका अता-पता नहीं था। इतने सालो बाद पहली बार वह अविनाश के लिए फिक्रमंद हो रही थी। जो की शायद उसे आभास नहीं हुआ थी की वह क्या कर रही थी। वैसे भी इंसान कितना भी ढोंग कर ले लेकिन अगर वह ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 94
अविनाश.... तैयार होकर नीचे हॉल में पारुल का इंतजार कर रहा था । पारुल थोड़ी देर में तैयार होकर...नीचे रही थी। तभी अविनाश.... पारुल की देखता है... । पारुल ने आज काले रंग का सलवार कमीज पहना था। और बाल खुले रखे थे... । जो की उसके लुक.. को और भी जच रहा था। मानो जैसे पारुल उस पर कोई जादू किया हो.. वह अपनी नजर हटा नहीं पा रहा था। बस एकटक पारुल को देखे जा रहा था मानो जैसे उससे खूबसूरत लड़की कोई इस दुनिया में है ही नहीं या वह इस दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 95
पारुल पूरा दिन बस पूरे घर के चक्कर लगाती रही... बस यहां से वहां... वहां से यहां... । घर तो बहुत ही प्यारा लेकिन एक इंसान के लिए इतना बड़ा घर यानी की मकड़ी के जाले के बराबर था। वह सोच ही रही थी की अविनाश कभी अकेला महसूस नहीं करता... क्योंकि इतने बड़े घर में अगर दुनिया का सबसे खुशहाल इंसान भी रहे तो वह भी अकेला महसूस करने लगेगा । पता नहीं कैसे यह इंसान रह पाता है। तभी पारुल माई के पास किचन में बैठती है। पारुल के लाखो दफा कहने पर माई उसे मदद नहीं ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 96
पारुल जब देखती है तो सेम खड़ा था। वह दरवाजे की ओर देखती है तो दरवाजा तो बंद था। उसका ध्यान बालकनी की ओर जाता है। बालकनी का दरवाजा खुला था । पारुल टेबलेट को बेड पर रखकर खड़ी हो जाती है। सेम की ओर आगे बढ़कर कहती है।पारुल: ( डरते हुए ) तुम... तुम यहां क्या कर रहे हो!? ।सेम: क्यों!? मैं नहीं आ सकता क्या!? ।पारुल: नहीं मेरा वो मतलब नहीं था... पर अगर किसी ने देख लिया तो...!?।सेम: किसीने या फिर भाई ने देख लिया तो मुसीबत हो जाएगी।पारुल: ( अविनाश के बारे में सोच कर ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 97
मैं और अविनाश प्ले हाउस से साथ थे... लेकिन जब हम दोनो पहली बार मिले तो.... हमारी इतनी बनती थी... वह हमेशा मुझे चिढ़ाता रहता था, मैं हमेशा उससे गुस्सा रहती थी। हम दोनो तीसरी कक्षा तक इसे ही रहे....। फिर एक दिन एक लड़का जो की प्यारा था उसने मुझ से कहां की क्या मैं उसकी दोस्त बनूगी...!। तभी अविनाश वह दूर खड़े... हुए सब देख रहा था... फिर.. उसने उस लड़के को एक पत्थर फेंक के मार दिया और चला गया.....। उस दिन से मेरी नफरत अविनाश के लिए और भी बढ़ गई.... हम घर पर हमारे ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 98
पारुल जब देखती है तो सामने अविनाश खड़ा था.....। उसे देखती ही मानों पारुल का गला डर के मारे रहा था। क्योंकि वह समझ नहीं पा रही थी... की क्या करे!? कैसे अविनाश को अंदर आने से रोके!?। पारुल दरवाजे पर ही बुत बने खड़ी थी.... । तभी अविनाश उसे हड़बड़ाते हुए कहता है..। अविनाश: तुम ठीक हो!? माई ने मुझे अभी कहां की तुम दरवाजा नहीं खोल... रहीं और कुछ आवाज भी आ रही है.... कमरे से!? ।पारुल: ( अविनाश को सिर को हां में हिलाते हुए जवाब देती है। ) अविनाश: ( तभी अविनाश का ध्यान पारुल ...और पढ़े
अनजान रीश्ता - 99
पर मम्मा... फिर उस अंकल का क्या हुआ... जो की हीरोइन से प्यार करते थे... । उनका क्या हुआ!? फिर बिचारे विशी अंकल भी सिंगल...रह गए... क्या!?। और आपने विलेन के बारे में भी नहीं बताया....की कौन था.... । पारुल: ( गुस्सा होते हुए ) आरुल.... तुमने क्या कहां था...!। तुम्हे सिर्फ हीरो हीरोइन के बारे में ही स्टोरी की बात की थी अब हैप्पी एंडिंग हो गई... तो अब चुपचाप सो जाओ! । आरुल: आप! आप मुझे! डांट रही है!? ( मुंह फुलाते हुए.. ) जाइए मुझे आपसे बात नहीं करनी। ( तभी आवाज आती है। ) । ...और पढ़े