अनजान रीश्ता - 39 Heena katariya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अनजान रीश्ता - 39

पारुल और सेम ऐसे ही फोटो आल्बम देख रहे थे कि तभी सेम के पिताजी आते है जिससे पारुल का ध्यान भी उनकी तरफ जाता है। पारुल जब सेम के पिता को बस देख ही रही थी । लेकिन ना जाने उसे एसा लग रहा था कि जैसे वह उन्हें सालो से जानती हो। तभी सेम कहता है।

सेम: पारो मीट माय डेड एंड डेड मिलिए पारो से।
पारुल: अम हेल्लो.... अंकल ...!!
अश्विन: हैलो बेटा कैसे हो आप..?
पारुल: ठीक हूं अंकल शुक्रिया...!
सेम: सो डेड आप आज जल्दी कैसे आ गए ।
अश्विन: क्यों भई क्या मै अपने ही घर में जल्दी नहीं आ सकता क्या?
सेम: ओह!! कमोन डेड ये शब्दों का मायाजाल आप ना ही बुने तो बेहतर होगा। मै अच्छी तरह से जानता हूं कि आप बेवजह कभी इतनी जल्दी घर नहीं आयेंगे। तो जल्दी से बताए ।
अश्विन: ( जोर जोर से हंसते हुए ) हाहाहाहाहा... क्या बात है तुम्हे बडा पता है मेरे बारे में!! हां?
सेम: बिल्कुल आप ही का बेटा हूं तो !!
अश्विन: ठीक है ठीक है.. आज तुम पारुल को घर लाने वाले थे तो सोचा आज जल्दी घर लौट आऊ आखिरकार हमारे लाडले के लिए आज का दिन जो खास है क्यों निर्मला!!?
निर्मला: बिलकुल जब से पारुल के साथ आया है उसकी मुस्कुराहट रुकने का नाम नहीं ले रही है!! हाहहाहा..!
सेम: ( गरदन पर हाथ फेरते हुए ) क्या यार आप लोग कुछ
भी बात करते रहते हो।
पारुल: ( शरमाते हुए फिर से आल्बम देखने लगती है)
निर्मला: हाहाहाहाहा ... अश्विन देखो इसे लड़कियों की तरह शर्मा रहा है।
अश्विन: हाहाहाहाहा ... लगता है अब इसके हाथ जल्द ही पीले करने होगे....!!
पारुल: ( शर्म की वजह से पुरी लाल हो गई थी और अपनी हंसी भी रोकने की कोशिश कर रही थी ।)
सेम: मोम डैड स्टॉप इट गायस्स...
अश्विन: ओके फाईन ... मै तो जा रहा हूं फेश होने बाद में डिनर पे मिलते है ।.. निर्मला.. जरा मेरे कपड़े निकालो!!
निर्मला: जी!! अभी आई!!.
सेम: ठीक है!!।

सेम पारुल के पास बैठेते हुए ऐसे ही तस्वीरें देख रहा था । तभी पारुल अचानक जोर जोर से हंसने लगती है । जिससे सेम पारुल की ओर आश्चर्य से देखता है । लेकिन पारुल तो पागलों कि तरह हंसने में ही व्यस्त थी । तभी सेम कहता है।

सेम: व्हाट!!?
पारुल: ओह गॉड सेम तुम्हारे मोम डेड.... हाहाहा.. तुम्हारे हाथ पीले करवाना चाहते है.. सीरियसली!!?
सेम: ( गुस्से में पारुल की ओर देखते हुए) पारो!!!?
पारुल: ( सेम के गाल खींचते हुए ) ओह मेरे क्यूट टेडी बीयर माय माय गुस्से मै तो तुम ओर भी क्यूट लगते हो !!
सेम: ( चहेरे पे एक बड़ी मुस्कुराहट आ जाती है) ( आइब्रो ऊपर करते हुए) ओह रीयली!!!
पारुल::यस रियली अब तुम्हारे हाथ जो पीले करने है!! हाहाहाहाहा!!।
सेम: पारुल की बच्ची अब तू रुक देख अब में तेरा क्या हाल करता हूं!!। ( पारुल के पीछे भागते हुए)
पारुल: ( सोफे की दूसरी ओर भागते हुए ) ओह रियली क्या करोगे तुम मेरे क्यूट से टेडी बीयर!!।
सेम: पारुल सच में बता रहा हूं बहुत ही महंगा पड़ेगा । देख लेना ।
पारुल: हाहहाहाहह... हा देख लेंगे पहले पकड़ के तो दिखाओ..!!। ( दरवाजे की ओर भागते हुए )
सेम: अच्छा !! अब देख तू पारुल की बच्ची!! अब तेरी खैर नहीं ..!!!
पारुल: हाहाहाह!!! दरवाजा खोलने ही वाली होती है कि पारुल दीवार से टकरा जाती है। जिससे वह आंखे बंद कर लेती है । ( पारुल सोच ही रही थी कि बीच में दीवार कहा से आ गई और वह गिरने ही वाली थी लेकिन तभी किसीने उसे गिरने से बचाया है एसा आभास उसे होता है। तभी पारुल को एक आवाज उसे सुनाई देती है जिससे उसकी धड़कन तेज़ हो जाती हैं । )
अविनाश: ( धीरे से पारुल के कान में कहते हुए ) प्रिंसेस!!!!
पारुल: ( धीरे से आंखे खोलते हुए देखती है तो अविनाश उसे ही देख रहा था जिस वजह से उसकी आंखे आश्चर्य से बड़ी हो जाती है । )
अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) कहा भाग रही हो ऐसे बिना देखे चोट लग जाती तो!!? ( आइब्रो ऊपर करते हुए )
पारुल: ( कुछ बोल नहीं पाती और बस अविनाश की और आश्चर्य से ही देखे जा रही थी । तभी उसे समझ आता है कि वह अभी भी अविनाश की बाहों में है। ) वह अविनाश को धक्का देते हुए उससे दूर जाती है तभी वह पीछे किसी से टकराती है।
सेम: ( सेम पारुल की कमर पकड़ते हुए उसको गिरने से बचाते हुए ) पारो तुम ठीक हो !!? यार कितनी बार कहा है कि अपना ध्यान रखा करो पर नहीं तुम्हे तो मेरी कोई बात माननी ही नहीं है।
पारुल: ( सिर हिलाते हुए हां में जवाब देते हुए ) ( मुस्कुराते हुए ) सेम मै ठीक हूं।
सेम: हां पर...!
पारुल: ( सेम की बात काटते हुए उसके हाथ पर हाथ रखते हुए ) मै सच में ठीक हूं..।
सेम: पारुल की ओर देखता है लेकिन कुछ जवाब नहीं देता।
अविनाश: ( गुस्से में ) ( गला साफ करते हुए ) अहम्म अहमम....
सेम और पारुल अविनाश की और देखते है ।
अविनाश: सो ...! ( आइब्रो ऊपर करते हुए )
सेम: ओह!!! सॉरी सॉरी मै तो भूल ही गया था। वेलकम बैक आई एम रियली हैपी धेट यू मेक इट । मुझे तो लगा था कि आप सच में नहीं आओगे।
अविनाश: ( पारुल की ओर देखते हुए फिर सेम की ओर देखते हुए कहता है ।) आता कैसे नहीं आखिरकार तुमने जो बुलाया था । और वैसे भी अतीत से जुड़ी काफी कीमती लोग जो है यहां तो मुझे तो आना ही था ।
सेम: भाई!!! सच में मै बहुत ही खुश हूं लेकिन रोहन कहा है!! वह नहीं आया?
अविनाश: नहीं वह थोड़ा बिजी है सो वह नहीं आ पाएगा!!
सेम: क्यों? लेकिन मैंने मां को प्रोमिश किया था कि पूरा परिवार डिनर पर होगा!!..
अविनाश: सेम ये बाते तो बाद मै भी होती रहेगी पर पहले ( पारुल की ओर देखते हुए ) मुझे इंट्रोड्यूज तो करवाओ!!।
सेम: ओह!!! सॉरी सॉरी मै तो भूल ही गया था!! भाई मिलिए पारो से आई मीन पारुल व्यास मेरी गर्लफ्रेंड और जल्द ही होने वाली मंगेतर से और पारो मिलो मेरे भाई अविनाश खन्ना से ।
पारुल: ( आश्चर्य में सेम और अविनाश की ओर देखती है और समझने कि कोशिश करती हैं कि सेम क्या कह रहा है ) पर... सेम ये तुम्हारा भाई!!!?
सेम: ( पारुल के मन में उठ रहे सवाल को समजते हुए ) ओहहो..! पारो काफी लंबी कहानी है । पर अभी सिर्फ इतना जानना काफी है कि वह मेरे भाई है । बाकी बाते जब हम अकेले होंगे तब में बता दूंगा तुम्हे ।
पारुल: ( अभी भी कंफ्यूज थी लेकिन फिर सिर को हां में हिलाते हुए सेम की बात में हामी भरते हुए ) ठीक है फिर ।
अविनाश: ( आइब्रो को ऊपर करते हुए ) सो मिस व्यास !! राइट!! पारुल व्यास।
पारुल: ( सिर हिलाते हुए हां कहती है )
अविनाश: तो कैसा लगा घर और मेरा भाई!!?
पारुल: ( आइब्रो ऊपर करते हुए अविनाश की और देखती है ) क्या मतलब!!?
अविनाश: ( हाथ ऊपर करते हुए ) डोंट गेट मी वरोंग मै बस यही पूछ रहा हूं कि सब कुछ ठीक तो है ना तुम दोनों के बीच आई मीन सेम तुम्हे अच्छी तरह से ट्रीट तो कर रहा है ना!!?
पारुल: फॉर योर काइंड इंफॉर्मेशन ही कर फॉर मी मच मोर धेन आई केर फॉर माय सेल्फ एंड तुम्हे नहीं लगता पहली मुलाकात में ऐसे सवाल पूछना कुछ ज्यादा ही सीरियस हो रहे हो तुम!!?
अविनाश: ( गुस्से को कंट्रोल करते हुए नकली मुस्कुराहट के साथ ) ओह!! प्लीज तो हयर धेट!! एंड ये हमारी दूसरी मुलाकात है और जहा बात तुम्हारी हो वहा मेरा सीरियस होना लाजमी है।
पारुल: ( आविनाश की ओर देखती है और समजने की कोशिश करती है कि वह क्या कहने कि कोशिश कर रहा है।) क्या मतलब!!!?
अविनाश: ( पारुल के करीब जाते हुए लेकिन पारुल उससे दूर जा रही थी तो वह उसका हाथ पकड़ते हुए पारुल जहां थी वहीं रोकते हुए धीरे से पारुल के कान में कहता है। ) सारे मतलब आज ही समझ जाओगी तो फिर आगे खेल में मज़ा कैसे आएगा!!। एंड ( पारुल को देखते हुए ) ये ड्रेस काफी जच रही है तुम पर बट मुझे पसंद नहीं की मेरे अलावा तुम्हारी खूबसूरती कोई और देखे तो आईदा तुम यह ड्रेस नहीं पहनोगी ।
पारुल: ( आश्चर्य से अविनाश की ओर देखते हुए !! उसके मुंह में से लफ्ज़ नहीं निकल रहे थे । मानो जैसे उसकी आवाज चली गई हो )
सेम: सॉरी गायस एक इंपोर्टेड कॉल था तो इस वजह से जाना पड़ा!! ओर क्या बाते चल रही है!!?
अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) कुछ नहीं बस में तुम्हारी फियांसे से पूछ रहा था कि तुम इसका ख्याल रख रहे हो या नहीं !!! है ना पारुल!?
पारुल: ( अभी जो हुआ उस शोक में से बहार आती है ओर देखती है कि सेम ओर अविनाश बाते कर रहे थे । बिना सोचे समझें वह कहती है !!) हां!!
सेम: ( पारुल के हाथ को अपने हाथ में लेते हुए ) तो आपने देख ही ली ये अंगुढ़ी !! वेल मैने सोचा था कि आप सभी को सरप्राईज दूंगा लेकिन आपकी नजर से कुछ नहीं बच सकता !!।
अविनाश: ( अंगूठी की और देखते हुए ) हान बिल्कुल!!? ( गुस्से में )
पारुल: ( डरते हुए अविनाश की ओर देखती है अविनाश की आंखो में साफ साफ गुस्सा जलक रहा था ) अम्म सेम ( हाथ को छुपाते हुए ) तुम्हारे मोम डेड बुला रहे है शायद चलो चलते है!!।
अविनाश: अच्छा मुझे तो कुछ नहीं सुनाई नहीं दिया !!।
सेम: हान!! राइट भाई को मां से भी मिलवाना है !! थैंक्स बैब्ब!!! ( पारुल के हाथ पर किस करते हुए ) चले भाई मोम डेड से मिलकर आते है ।
अविनाश: सेम के साथ जाते हुए ( पारुल के कान में धीरे धीरे से कहते हुए। इस बारे में हम बाद में बात करेंगे ) ..

यह कहते हुए अविनाश आखरीबार पारुल की ओर देखते हुए वह सेम के साथ चला जाता है और पारुल की धड़कन काफी तेज हो गई थी । वह खुद को संभालने कि कोशिश कर रही थी। तभी वह सेम की ओर देखती हैं तो वह मुस्कुरा रहा था । पारुल मुस्कुराने कि कोशिश करते हुए सेम को आंखो से कहने की कोशिश करती है कि वह ठीक है ।