अनजान रीश्ता - 69 Heena katariya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अनजान रीश्ता - 69

अविनाश अपने घर पर आ तो गया था लेकिन उसके दिमाग में पारुल और सेम के बीच जो हुआ वही दृश्य घूम रहा था । मानो जैसे यह बात उससे पागल कर रही थी । उसका दिल ना चाहते हुए भी जल रहा था । जैसा किसीने आग सुलगा के रखी हो । वह समझ नहीं पा रहा था की क्यों!? उसका दिल काबू में क्यों नहीं हो सकता जिस तरह से दिमाग हो जाता है वैसे ही दिल क्यों नहीं काबू में नहीं हो पाता !? । वह गुस्से में टेबल पर पड़े वास को सामने दिवाल पर फेंक देता है । खुद बेड पर आंखे बंद करते हुए लेटने की कोशिश करता है । लेकिन उसका मन है की शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा । बस घुटन सी हो रही थी उससे । वह सिगरेट का पैकेट उठाते हुए बालकनी की और चला जाता है । सिगरेट पीते हुए आसमान की ओर देखता है, आज फिर से पूरा चांद खिला हुआ था । उसके चहेरे पे एक उपहास वाली मुस्कुराहट आ जाती है मानो जैसे की पारुल ही सामने खड़ी हो । और उससे घृणा की नजरों से देख रहा हो । वह सिगरेट को पाव तले कुचलते हुए एक और नई सिगरेट जलाता है । एक सुट्टा मारते हुए वह किसी को कॉल करता है ।

अविनाश: हैलो!!। राकेश!!?।
राकेश: यस सर!!?।
अविनाश: अपने आदमियों से कह कर जो काम कल करने वाले थे वह आज करवा दो!! ।
राकेश: सर आप श्योर है । क्योंकि!!।
अविनाश: बिल्कुल मुझे ( घड़ी की ओर देखते हुए ) दो घंटे में खुशखबरी चाहिए!! ।
राकेश: ठीक है सर समझ लीजिए आपका काम हो गया।

अविनाश बिना कोई जवाब दिए कॉल काट देता है । वह फिर से एक और बार सिगरेट को पैर से कुचलते हुए आसमान की ओर देखता है ।

अविनाश: " मां " तुम आज जिंदा होती तो कितना अच्छा होता कम से कम मैं ऐसा इंसान तो नहीं बनता... । तुम मुझे शायद रोक लेती या फिर शायद ऐसी नौबत ही नहीं आती । काश में उसे हमारे अतीत से मिटा पाता। तो शायद तुम जिंदा होती है ना!! कितना बुरा बेटा हूं मैं है ना मां!!? । जिस लड़की से मुझे नफरत करनी चाहिए उसे दिल से नहीं निकाल पा रहा । पर तुम चिंता मत करो... अब और नहीं...... अब ये मत कहना की पूरा परिवार है मेरा यहां!!? वो लोग कुछ भी हो सकते है पर मेरा परिवार नहीं!! और तुम्हारे उस पतिने देखा क्या किया!!! तुम्हारे मरने के कुछ ही समय बाद दूसरी शादी कर ली... याद है कैसे पागलों के जैसे तुम उससे प्यार करती थी । और ना चाहते हुए भी मैं भी कुछ ना कुछ तुम्हारे जैसे ही बना हूं। पर.... बिलीव मि.... मां मैं ये प्यार व्यार सब धोखा है । जानता हूं ( हंसते हुए ) हाहाहाहाहा.... अगर तुम यहां होती तो मेरी बात से बिलकुल विपरीत बात करती... पर तुम यहां नहीं हो और यहां का माहोल भी अलग है । तो इस बार में सही हूं.... । बिलकुल सही हूं..... । और हां मैं उस इंसान को तेरी बहु बनाके लेके आ रहा हूं जिससे तू सबसे ज्यादा चाहती थी । पर..... ।

अविनाश का फोन बजता है । वह आसमान से नज़रे हटाते हुए अपने मोबाइल की ओर देखता है तो राकेश का फ़ोन था ।

अविनाश: हमम!!?।
राकेश: सर काम हो गया!!!।
अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) गुड जॉब... ।
राकेश: थैंक यू सर ...।

अविनाश फोन काट देता है । अपने कमरे में जाते हुए फ्रेश होने चला जाता है । इस दौरान अविनाश का मोबाइल बार बज रहा था । अविनाश टावल लपेटते बाथरूम से बाहर आ रहा था उसके शरीर पर से पानी की बूंदे गिर रही थी । फोन जो की बार बार बज रहा था । उससे उठाने के लिए आगे बढ़ता है। वह भीगे हुए हाथों से फोन उठाते हुए कहता है ।

अविनाश: हेलो!? ।
आवाज : वाय!!?
अविनाश: ओह!! तो तुम्हे खुश खबर मिल गई!!?।
आवाज: तुम चाहते क्या हो!? भगवान के लिए मुझे अकेला क्यों नहीं छोड़ देते !? ।
अविनाश: ( व्यंग्य के साथ हंसते हुए ) हाहाहाहाहा..... छोड़ने के लिए थोड़े ही हाथ थामा है.... मिस व्यास या यूं कहूं थोड़ी देर में बनने वाली मिसेस. खन्ना... ।
पारुल: तुम बिल्कुल पागल हो गए हो!!? क्यों! क्यों कर रहे हो ये सब!!? ( गिड़गिड़ाते हुए ) ।
अविनाश: क्यों कर रहा हूं ये सब !? और ये सवाल तुम मुझसे पूछ रही हो!!?।
पारुल: तुम्हे जरा सा भी तरस नहीं आता मुझ पर लोग तो अपने दुश्मन पर भी तरस खाते है मैं तो फिर भी... ।
अविनाश: ( पारुल की बात कांटते हुए ) शहहह!!! ( अपने मुंह पर उंगली रखते हुए ).... अब ये ड्रामा मुझे नहीं सुनना अब ये बताओ तुम्हारा फेसला क्या है !? ।
पारुल: प्लीज... ये मत करो!? मैं सबको खो दूंगी... मॉम डेड... सेम... सबकुछ.... । चाहे तो मुझे मार डालो पर... ये... ।
अविनाश: हाहाहाहाहा..... मरने में वो मजा कहां जो जीने में है । अभी तो तुम्हे मेरे नजरिए से दुनिया देखनी है। इतनी जल्दी क्या है ।
पारुल: अवि.....!? ।
अविनाश: देखो अब तुम्हारे पास दो रास्ते है । पहला मुझसे शादी करो!! दूसरा हमारी नजदीकियों वाली तस्वीर कल सुबह सारे न्यूज चैनल्स में होगी!!! और हां एक और ऑफर है सोचो अगर तुमने शादी नहीं की तो तुम्हारे डेड की इज्जत क्या रहेगी समाज में और फिर सेम का भरोसा उससे कैसे नजरे मिला पाओगी!!? । और एक और मज़े की बात बताऊं तुम्हारे डेड का घर भी कल सुबह तक नीलाम होने वाला है और जॉब भी चली जाएगी!!! । हाहाहाहाहा.... है ना फनी ।
पारुल: ( मानों जैसे बर्फ सी जम गई थी। उसका पूरा शरीर ठंडा पड़ गया था । जैसे किसी बर्फीले पहाड़ों में खड़ी हो । उससे ठंड सी लग रही थी। ) ।
अविनाश: अरे! कहां गई!! कही शादी की खुशी में हार्ट अटैक तो नहीं आ गया। बि केरफुल! हां मुझे इतनी जल्दी छोड़के नहीं जाना प्लीज.... ।
पारुल: गोलू..... ।
अविनाश: ( यह सुनते ही मानो जैसे उसका दिल फिर से धड़क उठा हो ऐसा अविनाश को लग रहा था । ) ।
पारुल: ( रोते हुए ) गोलू.... प्लीज.... ऐसा मत करो... अगर मैने किसी भी रास्ते को चुना तो बर्बादी ही है । मैं जीते जी मर जाऊंगी प्लीज.... । गोलू.... डोंट डू घिस....। अपने परी को इतनी हद तक नफरत कर बैठे हो की उसका दर्द भी नहीं जान सकते!?।
अविनाश: ( दांत भिसते हुए मोबाइल को टाइट पकड़ा हुआ था । मानो जैसे थोड़ी देर और पकड़ के रखा तो!!? टूट जाएगा !)।
पारुल: प्लीज गोलू कुछ तो बोलो!!?।
अविनाश: ( गहरी सांस लेते हुए ) प... परी.....।
पारुल: ( खुश होते हुए ) गोलू!!?।
अविनाश: परी आई एम सॉरी मुझे पता नहीं क्या हो गया था...! मैं पागल हो गया था जो तुम्हे चौंट पहुंचाना चाहता था। अपनी परी को!!? ।
पारुल: ( रोते हुए ) गोलू... थेंक.... ( अपनी बात खतम करने ही वाली होती है की किसीके हंसने की आवाज आती है । ) ।
अविनाश: हाहाहाहा.... सॉरी सॉरी जानता हूं की मुझे तुम्हारी भावनाओं के साथ ऐसे नहीं खेलना चाहिए था । पर कितना फनी है ये तुम इतनी आसानी से बेवकूफ बन गई। तु...तुतु...तु.. तुम जिससे बात कर रही हो वह अविनाश खन्ना है मैडम.... जो एक दिल से नहीं दिमाग से सोचता है । नाऊ ( घड़ी में देखते हुए ) तुम्हारे पास ३ घंटे है । कार बहार खड़ी है । अब तुम पर निर्भर है क्या करना है । एक साथ सब कुछ खोना है वो भी सबको दर्द पहुंचाने के साथ या फिर सब कुछ खोना है लेकिन तुम्हारे अपने लोगो को दर्द पहुंचाए बिना!!? योर टाइम स्टार्ट नाऊ बेबे!! मैं बेसब्री से तुम्हारा दुल्हन के जोड़े में इंतजार कर रहा हूं । कमोन हरी अप । बाय.... ।

अविनाश कॉल काटते हुए शेरवानी पहनते हुए खुद को शीशे में देखते हुए कहता है।
" वह अविनाश खन्ना क्या लग रहे हो!! पता मिसेस खन्ना देखेगी तो क्या करेंगी!? । " ( मुस्कुराते हुए बाल संवार रहा था । ) लेट्स गो.... अविनाश खन्ना कहीं मुहूर्त ना निकल जाए फिर वाइफी गुस्सा हो जाएगी और मुझे वह पसंद नहीं की मेरी जान मुझसे गुस्सा हो हाहाहाहाहा.... ।