अनजान रीश्ता - 36 Heena katariya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अनजान रीश्ता - 36

पारुल: सेम आई डोंट नो आई मीन आई लाईक यू । पर प्यार करती हूं या नहीं ये मुझे खुद ही पता नहीं है । इनफेक्ट प्यार क्या है ? किसे कहते है प्यार? कैसा अनुभव होता है जब कोई इंसान दूसरे इंसान के प्यार में पड़ता है ये सब बाते मेरे दिमाग से परे हैं।
सेम:( पारुल का हाथ अपने दिल पर रखते हुए) सून रही हो ना!!! ये जो मेरा दिल कितनी तेज़ी से धड़क रहा है!! । इसे कहते है प्यार। जब भी तुम उस इंसान के करीब होते हो तो ये अपने आप संकेत देने लगता है। मेरा ये दिल सिर्फ तुम्हारे नाम लेते ही धड़कना शुरू कर देता है। तो मुझे कोई शक नहीं है कि में तुमसे बेइंतेहा मोहब्बत करता हूं। करता रहूंगा । हमेशा करूगा चाहे फिर तुम मुझे प्यार करो या नहीं। तुमने मुझे प्यार किसे कहते है ये सिखाया है। और एक वादा मै खुद से बहुत पहले ही कर चुका हूं। अगर तुम मेरी किस्मत में ना हुई तो कोई बात नहीं । फिर भी में तुम्हे जितना अभी चाहता हूं उतना ही उस वक्त भी चाहूंगा। मेरी मोहब्बत तुम्हे पाना नहीं है । हा में चाहता ज़रूर हूं की तुम हमेशा हमेशा के लिए मेरी बनो पर उसे भी ज्यादा मै तुम्हारी खुशी चाहता हूं। तो मुझ पर यकीन करो ओर एक मौका दो मुझे अगर कभी भी तुम्हे लगे कि तुम इस रीश्ते को आगे नहीं बढ़ा पाओगी। उस वक्त आजाद हो; में और हमारा ये रीश्ता हमेशा के लिए अनजान बन जायेगे तुम्हारे लिए। लेकिन तब तक एक मौका प्लीज!!! ( सेम पारुल के आंखो मै देखते हुए अपनी शर्ट की पॉकेट में से रींग का बॉक्स निकालता है।)
पारुल: ( सेम की ओर देखती है और समझने कि कोशिश करती हैं कि वह कैसा महसूस कर रही है। उसका दिल धड़क तो रहा था लेकिन फिर भी कुछ कमी सी उसे महसूस हो रही थी । मानो जैसे किसी को उसका दिल याद कर रहा था। तभी पारुल के मन में से आवाज आती हैं।.. अविनाश.... । पारुल अपनी इस सोच को चुप कराते हुए सेम से कहती हैं।) ठीक है!! पता नहीं आगे क्या होगा पर में तुम्हे और हमारे इस रीश्ते को एक मौका देना चाहती हूं। चाहे फिर इसका परिणाम अच्छा आए या बुरा मै दोनों को लिए तैयार हूं। ( अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए।)
सेम: ( चिल्लाते हुए ) आई... लव यू.... पारो!!! ओह माय गॉड!!! ( पारुल को रींग पहनाते हुए उसके गाल पे किस करते हुए कहता है।) तुम्हे पता नहीं है कि आज मै कितना खुश हू!!! ओहह.. गोड आई डोंट नो हाऊ टू रिएक्ट!!! बीकोज!!!
पारुल: बिकोज??
सेम: बिकोज़ मुझे लगा था कि तुम मना करोगी। पर ... मैंने कभी नहीं सोचा था कि तुम कभी मेरी हो सकती हो!!।
पारुल: और वो भला क्यो? ( रींग की ओर देखते हुए)
सेम: क्योंकि मुझे पता है तुम जैसी अच्छी लड़की मेरे जैसे लड़के कि किस्मत में हो ही नहीं सकती । मुझे तो अभी भी ये सपना ही लग रहा है ।
पारुल: ( मुस्कुराते हुए ) और कैसे लड़के हो तुम?
सेम: ( गरदन पर हाथ फेरते हुए ) यू नो मै तुम्हारे लायक नहीं हूं ये बात तुम भी जानती हो ओर मै भी।
पारुल: ( सेम का हाथ अपने हाथ में लेते हुए ) यू नो सेम खुद को किसी से कम मत समझो। तुम्हारे जैसा लड़का लाखो में किसी एक को मिलता है। और या फिर यूं कहूं कि तुम्हारे जैसा लड़का मिलना बहोत ही मुश्किल है। क्योंकि जिस तरह तुम मेरी बाते बिन कहे ही समझ जाते हो। कब मै खुश हूं। कब मेरा मूड ऑफ है। कब किस तरह बीहेव करना है ये तुम अच्छी तरह से जानते हो । तो एक ही इंसान में इतने सारे गुण होना मुश्किल है । तो तुम सब से ज्यादा खास हो क्योंकि तुम एक परफेक्ट हो। जब की मै!!!
सेम: ( पारुल की बात काटते हुए) जब की तुम मुझ से भी खास हो । क्योंकि तुम्हे मुझ में इतनी सारी अच्छी बाते दिख रही है। इसीलिए तो मै कॉन्फिडेंट नहीं था क्योंकि तुम हो ही इतनी प्यारी में क्या अगर मिस्टर वर्ल्ड होता तो वो भी तुम्हे प्रपोज करते वक्त इनसिक्योर फिल करेगा। क्योंकि तुम ओल इन वन हो। और मेरा इगो ना बढाओ क्योंकि फिर मुझे लगेगा की चलो आज ही शादी कर लेते है अगर में इतना अच्छा हूं तो..!! ( जोर जोर से हंसते हुए ) आहाहाहाहाहा....!!
पारुल: ( सेम को पंच मारते हुए ) सेम के बच्चे तुम हर बार अपनी औकात पर क्यों आ जाते हो । अच्छी खासी बात चल रही थी । हर बार मूड बिगाड़ना ज़रूरी है।

सेम: ( जोर जोर से हंसते हुए ) आहाहाहाहाहाहा... बैब!! वो क्या है ना । तुम्हारे साथ अगर मै और थोडी देर सीरीयस रहा तो आज घर पे बात एंगेजमेंट की जगह मैरिज की हो जाएगी। और मुझे आज के आज तुम्हारा होने मै कोई दिक्कत नहीं है उल्टा मै तो तैयार हूं अभी के अभी । पर फिर तुम मेरा पागलपन जेल नहीं पाओगी तो इस वजह से मै ज्यादा सीरियस नहीं होता। और मुझे सीरियस देखना ही है तो लेटस किस !!! उसके बाद मै दिखाऊंगा की में कितना सीरियस हूं।


पारुल: ( खांसते हुए ... उसका पूरा चहेरा शर्म की वजह से लाल हो गया था ) क्या!! बकवास कर रहे हो? दिमाग तो ठिकाने है तुम्हारा ।


सेम: वोट!! अब तो हमारी सगाई भी हो गई है । इतना हक तो बनता है मेरा। और इसमें इतना शरमाने वाली कोन-सी बात है। और लोगो का मानना है कि इंसान का प्यार किस से ही पता चलता है कि वह कितना सीरियस है।


पारुल: ( मुंह बिगाड़ते हुए) सीरियसली सेम!!! कौन है ये लोग!! और ऐसे बकवास इंसान तुम्हे ही क्यों मिलते है। आई मीन गोड!! तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता!! ।


सेम: ( अपनी हंसी को रोकते हुए पारुल की सीट की करीब जाता है। ) ये सारी बाते बाद में करेगे चलो अब किस करते है। ताकी तुम्हे पता चले कि में कितना सीरियस हूं!!।


पारुल: ( अपने हाथो से कवर करते हुए ) नो वेय यू... ऐसे कोन सीरीयस होता है। इससे अच्छा तुम सीरीयस ना रहो ।


सेम: ( हंसी को कंट्रोल करते हुए ) आर यू श्योर!!


पारुल: (नजरे झुकाते हुए सिर हिलाकर हां कहती हैं और शर्म कि वजह से सेम की ओर नहीं देख पाती )...


सेम: ( जोर जोर से हंसते हुए अपने दोनो हाथो से पारुल के गाल खींचते हुए ) आहाहाहाहाहाहा... ओह गॉड पारो चील!! मै सिर्फ मज़ाक कर रहा था। तुम्हारी शक्ल तो देखो !! आहाहाहाहा... मानो जैसे भूत देख लिया हो!!


पारुल: ( गुस्से में सेम की ओर देखते हुए ) ......


सेम: ( हाथ को ऊपर करते हुए ) फाईन फाईन... माय लिटल टाइग्रेस... । तुम मुझे नोच खाओ उससे पहले ही में अपनी गलती मानता हूं और झुर्माने के तौर पर चॉकलेट आइस्क्रीम ... ! डिल मंज़ूर है ? ( हाथ आगे बढ़ाते हुए)


पारुल: ( थोडी देर सोचने के बाद बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ) मंज़ूर है। लेकिन याद रखना आइंदा एसा मज़ाक किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।


सेम: आगे से में मज़ाक क्यों करुगा। इससे अच्छा ( गुनगुनाते हुए ) डायरेक्ट किस ही ना कर लू!! । ( मुस्कुराते हुए)।


पारुल: क्या? अभी क्या कहा तुमने?


सेम: क्या कुछ भी तो नहीं!!।


पारुल: आई स्वेर सेम तुमने ये खुराफाती सोच के साथ अगर आगे मुझे परेशान किया तो देख लेना!! ।
सेम: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) ओह रियली और तुम्हे कैसे पता चला की मेरे दिमाग में क्या चल रहा है।
पारुल: क्योंकि तुम्हारा दिमाग शैतान का घर है । उसमें कभी कुछ अच्छा आ ही नहीं सकता ।
सेम: ये मत भूलो अभी थोड़ी देर पहले इसी खुराफाती दिमाग वाले इंसान की तारीफ कर रही थी । ( पारुल के आवाज की नौटंकी करते हुए) ओह थेम!! तुम चाहो तो तुम्हे कोई भी लड़की मिल सकती है!!!।
पारुल: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) ओह प्लीज मै ऐसे बिल्कुल बात नहीं करती । और रही बात तुम्हारी तारीफ कि तो वो कभी कभी इंसान से गलती हो जाती हैं ।
सेम: हां हां!! जैसे थोडी देर पहले मैंने तुम्हारी तारीफ कि थी । बिल्कुल वैसे ही गलती हो जाती हैं ।
पारुल: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) ... नकचडा बंदर !!!
सेम: सीरियसली पारो!! नकचडा बंदर ? मतलब कुछ भी।
पारुल: मै दीमक के कीड़ों से बात नहीं करती!! ।
सेम: ( पारुल की ओर आश्चर्य मै देखते हुए ) ओह रियली!!
पारुल: ( मुंह बिगाड़ते हुए) यस रियली!!।
सेम: ( शैतानी मुस्कुराहट के साथ ) ठीक है फिर। चॉकलेट आईसक्रीम कैंसल करते है।
पारुल: ( चिल्लाते हुए ) क्यों?
सेम: ( मुस्कुराते हुए) क्योंकि मै नकचड़ा बंदर हूं मेरी मर्ज़ी।
पारुल: ( सेम की ओर देखते हुए) हां!!
सेम: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) हां।
पारुल: ( दुखी होते हुए ) यार!! तुम कब से सीरियस हो गए ? मैंने तो पहले भी तुम्हे भला बुरा कहां है। तब तो तुम्हे बुरा नहीं लगा । मैंने कुछ गलत बोला उसमे बिचारी आइस्क्रीम की क्या गलती है। वो तो मासूम है।
सेम: ( मुस्कुराते हुए पारुल की ओर देखता है ) वैसे बात तो तुम्हारी भी सही है । आइसक्रीम की कोई गलती नहीं है । तो फिर ठीक है आइस्क्रीम खाने जायेगे पर एक शर्त है मेरी?
पारुल: थैंक्यू थैंक्यू!!! लेकिन कैसी शर्त?
सेम: यही की तुम्हे अपनी आधी आइस्क्रीम मुझे देनी पड़ेगी!!।
पारुल: क्यों? मतलब इतने पैसे तो है की हम दो आइस्क्रीम खरीद सके तो मै अपनी आइस्क्रीम तुम्हे क्यों दू । और सब से बड़ी बात तुम्हे चॉकलेट आईसक्रीम पसंद भी नहीं ।
सेम: मेरी मर्ज़ी मुझे तुम्हारी वाली ही आइस्क्रीम खानी हो तो । अब तुम्हे डिसाइड करना है नो आइस्क्रीम या फिर शेयर करोगी। और रही बात चॉकलेट आइस्क्रीम की तो मुझे पसंद नहीं वो मेरी प्रॉब्लम है मुझे तुम्हारी है तुम मंज़ूर है या नहीं ।
पारुल: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) फाईन डील कंजूस कीड़े कहीं के ।
सेम: ( जोर जोर से हंसते हुए ) आहहाहाहाहाहा... यूं आर टू क्यूट ।

सेम कार स्टार्ट करते हुए ड्राइविंग में बिजी हो जाता है । सेम के लिए आज का दिन बहुत ही खास था । उसके दिमाग में बस आज के सारे पल घूम रहे थे । उसे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि पारुल ने हा कहा है । दूसरी ओर पारुल ना चाहते हुए किसी की कमी महसूस कर रही थी। सेम के साथ वह खुश तो थी । पर इस खुशी में भी मानो उसका दिल किसी को याद कर रहा था । जैसे उसका दिल का अहम हिस्सा गुम हो । पर वो समझ नहीं पा रही थी आखिरकार वह एसा महसूस क्यों कर रही थी ।