अनजान रीश्ता - 61 Heena katariya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अनजान रीश्ता - 61

अविनाश और पारुल दोनो ही बिना कुछ बोले ऐसे ही खड़े थे । तभी पारुल कुछ कहने वाली होती की अविनाश कहता है ।

अविनाश: देखो अब तुम अपना भाषण शुरू करो उससे पहले ही बता देता हूं!!। अगर वह लोग यहां इस सुनसान गार्डन में देखते तो तुम्हारी ही बदनामी होती !!।
पारुल: अच्छा!! तो तुम बता भी सकते थे पहले!।
अविनाश: कभी सुनती हो किसी की भी बात पहले!?।
पारुल: बट!! वेट ए सेकंड!!!? ।
अविनाश: क्या!? ( चिढ़ते हुए ) ।
पारुल: ( मुस्कुराते हुए ) मतलब!!।
अविनाश: ( एक आईब्रो ऊपर करते हुए ) मतलब क्या!?।
पारुल: मतलब तुम्हे मेरी परवाह है!! यानी तुम मुझसे इतनी भी नफरत नहीं करते !! सिर्फ गुस्सा हो!! ।
अविनाश: ( पारुल की बात सुनकर सांस रुक गई थी!! दांत भिसते हुए मन ही मन कहता है!! फ**क ये लड़की आज सारी पहली एक साथ सुलझाने पे क्यों तुली है। और अविनाश खन्ना तुम्हे तो खुद सोचे समझे बिना गधों जैसी हरकत करनी है!! बाकी लड़कियों के साथ जैसे व्यवहार करते हो वैसे क्यों नहीं कर पाते ... । सोच.. सोच.. हां) सॉरी टू ब्रिक योर हार्ट डार्लिंग पर.. क्या है हमने अभी तक अपनी सगाई की बात सभी को नहीं बताई तो मैं नहीं चाहता की मेरा नाम किसी ऐसी लड़की के साथ जुड़े जिसका नाम बदनाम हो!! और...!।
पारुल: ( गुस्से में दांत भिसते हुए ) और!! ।
अविनाश: और तुम्हारा नाम मेरे भाई के साथ जुड़ा हुआ है!! तो मेरे परिवार की बदनामी भी होगी!! तो खुद को इतना खास मत समझो की में अविनाश खन्ना तुम्हारी परवाह करू!! ।
पारुल: ( गुस्से में ... जाहिल ... गधा... हरामी... नर्क में भी जगह नहीं मिलेगा इस शुवर जैसी शकल वाले इंसान को.. ( मुस्कुराते हुए ) ओह.. सॉरी माय बेड... वह क्या है ना मैं ठहरी अच्छी इंसान अब मेरा दिमाग तो सीधी तरह ही चलता है आपकी तरह टेढ़ा मेढा नही.. ( गॉड प्लीज एक खून माफ करवा दो प्लीज... ) ।
अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) डोंट वरी बेब... मेरे साथ तुम भी सीख जाओगी... .।
पारुल: ( मन में ही कहती है.. । आ गया शयतान वापस। ) बहुत हुआ मजाक अब जिस बात के लिए तुम्हारे पीछे इतनी दूर आई हूं उस पर बात करे!! ।
अविनाश: ( पारुल की ओर ही देखकर सोच रहा था फिर सिर को ना में हिलाते हुए पास में ही बेंच पर बैठते हुए कहता है। ) शोख से मुझे जरा भी जल्दी नहीं है..! तुम चाहो तो पूरी रात यहीं बीता सकते है हम!!! ( मुस्कुराते हुए ) ।
पारुल: ( गुस्से को काबू में करते हुए... । भगवान तूने इससे उतारा ही क्यों इस जाहिल को वही नहीं रख सकते थे क्या!! मेरी लाईफ में प्रॉब्लम कम थी तो.. ) ।
अविनाश: तुम्हारी अपने भगवान से बाते बाद में करना पहले मुझसे तो बात कर लो ।
पारुल: ( अविनाश की ओर बड़ी बड़ी आंखों से देखते हुए.. मन ही मन इससे कैसे पता चला इससे जादू टोना भी आता है क्या... या में इतनी जोर से बात कर रही थी । ) ।
अविनाश: हाहाहाहाहा.... मुझे जादू टोना नहीं आता पर तुम्हारी शकल किताब की तरह है जो कोई भी पढ़ सकता है !! । और थोड़ी देर पहले गाली...।
पारुल: ( अविनाश की बाते काटते हुए ) वह सब छोड़ो.. नाऊ लिस्टन...
अविनाश: ( मुस्कुराते हुए एक ही नजर से पलके झपकाए बिना पारुल की ओर देखते हुए ) आई एम...।
पारुल: ( कंट्रोल पारुल जानबूझ कर यह ऐसा कर रहा है .. । ) मैने सुनने को कहा है देखने को नहीं.. खैर.. अभी थोड़ी देर पहले तुमने जो भी कहां तुम्हे याद है... ।

अविनाश: ( आंखों से सवाल करते हुए एक आईब्रो ऊपर करते हुए ) ... ।


पारुल: तुम्हारी फैमिली ओर से... म.. ( बारे में सोचते ही खुद को कोसती है की वह उससे धोखा दे रही है यहां किसी और के साथ बैठकर ) के बारे में....।


अविनाश: ( सिर को हां में हिलाते हुए ) .... ।


पारुल: ( यस!!! यस!!! मेरी बाते फाइनली इसके समझ में आ रहीं है!! )( गला साफ करते हुए ) अहहम!!! तो तुम्हे यह भी पता है की आज किस लिए फंक्शन था!!।


अविनाश: ( फिर से बिना कुछ बोले सिर को हां में जवाब देते हुए ) ।


पारुल: ( कुछ तो बोल गधे कहीं के... ) तो अगर... ( अविनाश की ओर देखते हुए ) ( गलती बड़ी गलती क्यों देखा मैने ... ) ।


अविनाश: ( पारुल की ओर ही देखे जा रहा था... । अपनी चुपी तोड़ते हुए ) तो अगर.. ।


पारुल: ( बि ब्रेव पारुल... ) ( गहरी सांस लेते हुए ) तो .. अ... गर.... उन .... लो... गो.... को... पता.... च.... ला... की.... तुमने.... ( आआहह... आई कांट .... नहीं कह पा रही हूं मैं भगवानजी हेल्प मि यार मेरी मौत हार्ट अटैक से पक्की है... प्लीज यार... सवा किलो लड्डू चढ़ाऊगी प्लीज...) ।


अविनाश: मैने क्या..!?।


पारुल: ( प्लीज कहीं और देखो एक तो वैसे ही कॉन्फिडेंट की वाट लगी पड़ी है और ऊपर से तुम घूर घूर के देख रहे हो... मन ही मन सोचती है ... ) की... तुमने मुझसे स... गा... ई... की है....। ( फाइनली गहरी सांस लेते हुए ...)। फुआहहह..।


अविनाश: ( बिना कुछ बोले पारुल की ओर देखे जा रहा था ..! ।)


पारुल: ( पहले तो इग्नोर करती है पर जब वह काफी देर तक कुछ नहीं बोलता तो हार मानते हुए उसकी ओर देखती है यह गलती .. थी उसकी। ) ।


अविनाश: ( पारुल के घूमते ही उसके दोनो हाथो को अपने हाथो में थामते हुए उससे किस कर रहा था!! इस बार वह गुस्से में किस नहीं कर रहा था!! वह बस पारुल को किस करने में व्यस्त था!! मानो वह ऐसे ही पारुल के करीब बैठे रहना चाहता था ... पारुल की धड़कन उससे सुनाई दे रही थी.. तो उसकी धड़कन भी तेज थी मानो दिल सीने से निकलकर बाहर आ जायेगा.. पर उससे कहां परवाह थी वह तो पारुल के होठ को किस करते ही रहना चाहता था । )


पारुल: ( हम्मम... उससे सांस लेने मैं तकलीफ हो रही थी.... अवि... हम्म... वह अपने हाथ छुड़ाते हुए अविनाश को धक्का देती है .. । ) अवि... नाश... । ( सांस लेते हुए ) ।


अविनाश: ( मुस्कुराते हुए अपने होठ साफ करते हुए ... पारुल ने पहली बार उसका पूरा नाम लिया था । वह बिना कुछ कहे बस उससे देखे जा रहा था । ) ।


पारुल: ( बस बहुत हो गई इसकी बदतमीजी ये.. अविनाश को थप्पड़ मारने ही वाली थी की तभी अविनाश कहता है .. . ! ) ।


अविनाश: ना.. ना.... प्रिंसेस सोचना भी मत... ।


पारुल: ( गुस्से में अविनाश की ओर देखती है !! ) ।


अविनाश: हाय!! ये कातिल नजरे!! मार ही डालोगी क्या!! ? ।


पारुल: ( आई विश मर ऐसा होता ... ) ( बिना कुछ कहे घूर ही रही थी । ) ।


अविनाश: कमोन!! अब हमारी सगाई हो गई है एटलिस्ट!! किस का तो हक बनता है!! ।


पारुल: ( गुस्से और आश्चर्य में अविनाश की ओर देखते हुए सोचती है..! पागल तो नहीं हो गया ये आदमी... अभी मैंने थोड़ी देर पहले क्या कहां .. वे बाते इसने सुनी भी या नहीं..! ) ।


अविनाश: सुना मैने सबकुछ जो कुछ तुमने थोड़ी देर पहले कहां वह सब... ।


पारुल: ( चिल्लाते हुए ) तो कुछ दिमाग में बिठा लेते .. की में किसी और की .... ।


अविनाश: ( पारुल अपनी बात पूरी करे उससे पहले ही पारुल को हल्का सा किस करता है!! वापस अपनी जगह पर बैठते हुए ) यहीं गलती है तुम्हारी!! ।


पारुल: ( गुस्से में ) तुम.... ( उंगली अविनाश की ओर करते हुए ) ।


अविनाश: यप में तुम्हारा होने वाला पति... और तुम किसी और पराए इंसान और वो भी लड़के के बारे में सोचो मुझसे कैसे बर्दास्त होता.. और तुम तो वकालत करने आई थी उसकी।


पारुल: ( पारुल अविनाश एक जोरदार थप्पड़ जड़ना चाहती थी । क्या... बकवास कर रहा है ये । ) हआअ!!? क्या बकवास करे जा रहे हो!? । गॉड!!?।


अविनाश: वही जो तुम सुन रही हो!! । तुम्हे क्या लगा तुम सेम के लिए परवाह करोगी और मुझे अच्छा लगेगा!!?। और तुम तो उसके लिए खुद को दोषी तक मान रही थीं.. तो.. ( पारुल के करीब जाते हुए ) ।


पारुल: ( अपने होठों को हाथ से ढकते हुए ) ।


अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) डोंट वरी!! आई विल नोट..!! तो यस तुम मेरे रहते किसी और की परवाह करो ये मुझे पसंद नहीं स्पेश्यली! किसी आदमी की..! । ( पारुल के हाथ जो की उसके होठ को ढके हुए थे उस पर किस करते हुए ) ।


पारुल: तुम... तुमने अभी कहां था.. ।


अविनाश: वह तो मैने होठों के लिए कहां था. हाहाहाहा.... नाऊ.. ( चहेरे का रंग बदल जाता है उसकी आंखे और भी डार्क हो जाती है । ) ।


पारुल: ( डरते हुए उसका गला सुख रहा था । ) ।


अविनाश: जो मैंने कहां वह समझ आया या मुझे दुबारा अपनी बात दोहरानी पड़ेगी.. बिकोज मुझे कोई भी प्रोब्लम नहीं है अपनी बाते दोहराने में पर.. ( पारुल ने अपने हाथ से होठ ढके हुए थे अविनाश फिर भी उसके होठ की ओर देखते हुए ) .. शायद तुम्हे पसंद ना आए.. ।


पारुल: ( कुछ कह नही पाती वह बस..खुद को कोश राही थी की वह किस इंसान को समझाने आई थी । ) ।


अविनाश: ( पारुल के करीब जाते हुई ) आंसर ... जवाब चाहिए मुझे... तुम्हे समझ आया या नहीं.. ।


पारुल: ( हाथ से अविनाश को धक्का देने की कोशिश करती है पर... ) ।


अविनाश: ( पारुल के हाथ पकड़ते हुए उसके करीब जाता है ... उससे पारुल की सांसे महसूस हो रही थी । ) तुम्हे या तो पागल हो या तो अड़ियल हो!! ।


पारुल: ( हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए ) हअ!?।


अविनाश: फाइन आई डोंट थिंक तुम्हे अभी भी मेरी बात समझ में आई है!! ( पारुल को किस करने ही वाला होता हैं। ) ।


पारुल: ( दूसरी ओर सिर को करते हुए ) आई अंडरस्टैंड!! ।


अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) ओके धेन!! ( पारुल से दूर जाते हुए )।


पारुल: ( धीरे से ) शयतान!!! ।


अविनाश: हाहहहा!!! धेट्स!! आई एम बिकोज बेब एंजल इस दुनिया में नहीं बसते।


पारुल: ( गुस्से में सिर्फ दांत भिसती है और कुछ नहीं कहती!! ) ।


अविनाश: सो नाऊ!! जब बात पूरी हो ही गई है तो अब मैं चलूं!? ।


पारुल: ( गुस्से में सोचती है ... कौन सी बात गधे तुमने तो कुछ समझी ही नहीं मेरी बात!! ) ।


अविनाश: ( खड़े होते हुए .. पारुल को हाथ देता है खड़े होने के लिए ) ।


पारुल: ( गुस्से में पहले अविनाश की ओर फिर उसके हाथ की ओर देखती है .. बिना कुछ कहे गुस्से में अपना लहंगा संभालते हुए खड़ी होती हैं। )।


अविनाश: ( मुस्कुराते हुए अपना हाथ अपने पॉकेट में रखते हुए.. अड़ियल!! ) बेड... बेड लक गोल्डन चांस गवा दिया तुमने लाखो लड़कियां मरती है इस हाथ को थामने के लिए.. ।


पारुल: ( तीखी नजरों से देखते हुए मुस्कुराकर कहती है। ) मुझे बिल्कुल अफसोस नहीं है! और तुम उस लाखों पागल लड़कियों के साथ. ( जाकर मर सकते हो! मन ही मन) जा सकते हो!।


अविनाश: हाय!! हार्टलेस!! ( मासूम बनते हुए) ।


पारुल: ( हाय!! सबसे बड़ा ढोंगी... मन में कहती है । )।


अविनाश: चलो फिर अब में चलता हूं... शूटिंग पे टाइम पर भी पहुंचना है.. तो और नहीं रुक सकता..... तो ज्यादा याद मत करना मुझे मैं जल्द वापस आऊंगा! । ठीक है!! ( पारुल की हाइट के जितना जुकते हुए ) ।


पारुल: ( मुंह बिगाड़ते हुए मिस और वो भी तुम्हे .. अरे जहन्नम में जाओ.. तुम्हारी सारे शो कैंसल हो जाय.... तुम्हारी खुबसूरत शकल बंदर जैसी हो जाए..) ।


अविनाश: ( मुस्कुराते हुए दूसरी ओर जाते हुए ) बाय द वे... तारीफ के लिए शुक्रिया और... तुम्हारी लिपस्टिक का टेस्ट काफी अच्छा था वैसे..! ।
पारुल: ( पहले तो समझ नहीं पाती वह क्या कह रहा था पर फिर वह शर्म से लाल हो जाती है... । ) ।

दूसरी ओर अविनाश की हंसने की आवाज आती है। जिससे वह और भी शर्म के मारे लाल हो जाती है ... फिर वह सोचती है की अच्छा है कम से कम उसने देखा तो नही वर्ना कितना शर्मनाक होता .... है भगवान इससे जहन्नम मैं भी जगह मत देना....। यह कहकर वह सोचते हुए होटल की ओर आगे बढ़ जाती है की अब वह क्या करे क्योंकि यह आईडिया तो काम नहीं आया ... । दोनो ही इस बात से अनजान थे की कोई है जो इन दोनों पे नज़र रख रहा है । वह इंसान जो इन दोनो की बरबादी चाहता है खास कर अविनाश खन्ना की । "आर ".... तू तू तू... बहुत ही अच्छा प्लान है अविनाश खन्ना पर तुम गलत इंसान से बदला ले रहे हो वह भी प्यार का नाटक करके आई एम नॉट इंप्रेस्ड पर तुमसे उम्मीद भी क्या करू... खैर चलो देखते है आगे क्या करोगे फिर में अपना खेल शुरू करूंगा तब तक तुम ये बच्चो वाली गेम खेलो... हाहाहाहाहा..... ।बिचारी पारुल खामखा हमारी दुश्मनी में पीस रही है पर तुम्हे उससे प्यार नहीं होना चाहिए था । तो शायद वह इस खेल में आती ही नहीं। " यह कहते ही वह काले कपड़ों वाला इंसान वहां से चला जाता है ।