अनजान रीश्ता - 62 Heena katariya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अनजान रीश्ता - 62

पारुल ऐसे ही बड़बड़ाते हुए अपने कमरे की ओर जा रही थी की तभी वह किसी से टकराती है जिससे अपने सिर मलते हुए उस इंसान की ओर देखती है तो कोई अनजान इंसान था । उसने कभी पहले नहीं देखा था । वह उन्हें सॉरी बोलने वाली थी कि तभी वह इंसान कहता है।

अनजान इंसान: आई एम सो सॉरी मेरा ध्यान नहीं था की सामने से कोई आ रहा है ।
पारुल: अरे!! कोई नहीं! मेरा भी ध्यान नहीं था तो सॉरी..।
अनजान इंसान: इट्स ओके ( मुस्कुराते हुए कुछ कहने वाला होता है कि .. ) ।
सेम: पारो!!! ( चिल्लाते हुए ) यार!! ( पारुल के करीब जाते हुए ) कहां गायब हो गई थी पता है हम सब कब से ढूंढ रहे है तुम्हे !! ।
पारुल: अरे! सॉरी सेम! बस में! ।
अनजान इंसान: अरे! इसमें इनकी कोई गलती नही है ये तो जल्दी जल्दी जा रही थी फिर मुझसे टकरा गई और... ।
सेम: ( अनजान आदमी की और देखते हुए ) ... ओह!! बाय द वे... आप ..? ।
अनजान इंसान: हाहाहाहाहा.... क्या यार सेम.... अपने दोस्त को ही भूल गया!! ।
सेम: ( आईब्रो ऊपर करते हुए ) जी!?।
अनजान आदमी: अबे गधे!! रोहन!! रोहन रॉय अविनाश का बचपन का दोस्त!!।
सेम: ( अचानक से याद आते हुए ) ओह माय गॉड... रोहन ब्रो हाऊ आर यू...!? । ( गले मिलते हुए ) ।
रोहन: एक दम चंगा भला... ( गले मिलते हुए ) ।
पारुल: ( दोनो की ओर कंफ्यूज होते हुए देखती है ) ... ।
सेम: माफ करना यार ! इतने साल बाद मिल रहे है इसलिए पहचान नहीं पाया! तुम भी भाई के साथ गायब ही हो गए थे !! ।
रोहन: हाहहाह... अब क्या करू उस इडियट को कहीं अकेला छोड़ भी नहीं सकता वर्ना क्या ही कर बैठे..! ।
सेम: अग्री!!! बाय द वे मीट माय फिआंसे.. पारुल ... पारुल व्यास... ।
पारुल: ( सेम के मुंह से पहली बार अपना पूरा नाम सुनकर उससे अजीब लग रहा था फिर भी वह मुस्कुराते हुए वह रोहन को नमस्ते करती है । ) ।
रोहन: बहुत बहुत बधाईयां दोनो को !! काफी अच्छी जोड़ी लग रही है तुम दोनो की !! ।
सेम और पारुल दोनो एक साथ थैंक्यू कहते हुए जिससे उन दोनो के चहेरे पे मुस्कुराहट आ जाती है ।
रोहन: ( मुस्कुराते हुए ) तो फिर मिलते है जल्द! ।
सेम: या श्योर पर तुमने खाना वाना खाया या ... ।
रोहन: अरे! ब्रो थेंक्यू पर! यार मेरे डैड ने अलरेडी मेरी जिंदगी हराम कर दी है काम की वजह से अब और लेट हुआ तो पता नहीं क्या ही करेंगे!! ।
सेम: चल फिर ठीक है ! थैंक्स फॉर कमिंग ... ।
रोहन: ओके बाय ध वे अवि को देखा है कहीं मुझे कुछ काम है.. ।
सेम: भाई थोड़ी देर पहले अपने कमरे की ओर गए थे फिर पता नहीं...।
रोहन: ओह ओके !! ।

पारुल: नहीं!! अमम!!! मैंने अभी उन्हें बहार जाते हुए देखा!! ।


रोहन: ( पारुल की ओर देखता है ) ओह!! ओके फिर तो शायद अपने घर की ओर निकल गया होगा!! ( घड़ी में देखते हुए ) कोई बात नहीं में घर जाकर मिल लूंगा । बाय!! ।


सेम और पारुल दोनो ही उससे बाय कहते है और फिर आगे हॉल की ओर बढ़ते है की तभी सेम पारुल का हाथ पकड़ते हुए उससे रोकते हुए कहता है !! ।


सेम: पारो!!!


पारुल: ( सेम की ओर देखते हुए ) हमम!!?


सेम: अब तुम बताओगी क्या हुआ है!? ।


पारुल: ( अनजान बनते हुए ) क्या मतलब!! ? ।


सेम: ( पारुल के चहेरे को अपनी और करते हुए दोनो हाथो से ) तुम जानती हो मैं किस बारे में बात कर रहा हूं! ? राईट! ( आंखो से पारुल को समझाते हुए ) ।


पारुल: सेम!!।


सेम: पारो!!?।


पारुल: ( हार मानते हुए! अब एक और इंसान से बहस करने की पारुल में ताकत नहीं थी ) ओके लिस्टन!! सेम! लिस्टन केरफुल्ली! आज हमारी सगाई के दिन!!!


नैना: पारुल ( चिल्लाते हुए ) कहां गायब हो गई थी यार!।


सेम: ( शीट!! सभी को इसी वक्त बीच में आना था मन ही मन ) ।


पारुल: मैं यहीं गार्डन में थी बस! ।


सेम: नैना अगर तुम्हे दिक्कत ना हो तो प्लीज थोड़ी देर के लिए हमे अकेला छोड़ सकती हो प्लीज!! ।


नैना: ( मुस्कुराते हुए ) हां हां क्यों नहीं ..! ।


पारुल: ( चौंकते हुए ) सेम! ।


नैना: चलो मैं चली तुम्हारे कमरे में जल्दी आना ज्यादा देर मत लगाना ( पारुल को तंग करते हुए ) ।


सेम: ( नैना के जाते हुए ) तो.. ।


पारुल: तो क्या तुमने ऐसा क्यों किया! ।


सेम: पारुल प्लीज पहले अपनी बात खतम करो बहस बाद में करना प्लीज ( गुस्से को काबू में करते हुए ) ।


पारुल: सेम... आर.. यू ओके... ।


सेम: मुझे क्या हुआ है... यार प्रॉब्लम तो तुम्हारे साथ हुई है !! ।


पारुल: सेम... गहरी सांस लो.. ।


सेम: पा... ।


पारुल: ( सेम के मुंह पर उंगली रखते हुए ) शहह!!! गहरी सांस लो... ब्रिथ इन ब्रिथ आऊट!!! ।


सेम: ( पारुल जैसे कह रही थी वैसा करते हुए )


पारुल: गुड बॉय.... ( सेम के बाल बिखेरते हुए ) ।


सेम: पारो!!? ।


पारुल: क्यों क्या हुआ ( चिढ़ाते हुए )।


सेम: पारो!! तुम बात को बदलने की कोशिश कर रही है ना! ।


पारुल: ( मुंह बिगाड़ते ) तुमसे क्या बात बदलनी तुम हो ही ऐसे इंसान! ? ।


सेम: ( चिढ़ते हुए ) एकस्कयुजमी!!! क्या मतलब है तुम्हारा !? ।


पारुल: हाहाहाहाहा... वहीं जो तुम सोच रहे हो .. ।


सेम: ओह हेलो! मिस सॉरी.. फ्यूचर मिसेज रायचंद आपको शायद पता नहीं पर आपका होने वाला हसबैंड काफी हॉट हैं एंड काफी फेमस भी यकीन ना हो तो कॉलेज कैंपस में देख लेना कितनी लड़कियां मरती थी ।


पारुल: हाहाहाहा... हां वो तो बिचारी के पास कोई ऑप्शन नहीं था इसलिए.. ।


सेम: पारो... यू.... मुझे तुमसे बात ही नही करनी यहां मैं टेंशन में मरे जा रहा था और तुम मेरा मजाक उड़ा रही हो!! ( दूसरी और मुंह करते हुए ) ... तुम्हे कोई परवाह ही नही है मेरी ।


पारुल: ( मुस्कुराते हुए सेम के गले में हाथ रखते हुए ) अच्छा सॉरी ... प्लीज... सच्ची वाला सॉरी .. ।


सेम: ( दूसरी ओर मुंह करते हुए ) ... ।


पारुल: अच्छा यार सच में मेरा इरादा तुम्हे नाराज करने का नहीं था ... वो तो तुम टेंशन में थे इसीलिए तुम्हे परेशान कर रही थी ताकि तुम टेंशन भूल जाओ ।


सेम: ( कुछ जवाब नहीं देता !! ) ।


पारुल: चल ना यार अब इतनी भी कोई बड़ी बात नहीं है मान भी जा.. । ( मायूस होते हुए ) ।


सेम: ( पारुल के हाथो को कंधो से हटाते हुए ) ठीक है .. आखिरीबार तुम्हारा मायूस चहेरा देखकर मैं नाराज होने का ड्रामा खतम कर रहा है ।


पारुल: ( मुस्कुराते हुए ) थैंक्यू... ( अचानक ) क्या.... ।


सेम: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) तुम्हे क्या लगा जो आज तुमने स्टेज पर किया वह मैं भूल जाऊंगा बेबी समीर रायचंद!!! सूत समेत बदला लेता है ... गॉड अभी तुम्हारी शकल देखने लायक है ( मोबाइल में फोटो लेते हुए ) हाहाहाहाहा.. ... .।


पारुल: ( गुस्से में ) सेम के बच्चे.... कुत्ते कमीने...लोमड़ी कहीं के सारे समय बस मजाक ही सूझता रहता है । यह नहीं की इंसान तुम्हारी फिक्र कर रहा है तो कद्र कर लो शयतानो के सरदार.... गधे सबसे बड़े गधे हो... ।


सेम: ( मुस्कुराते हुए पारुल की ओर देखे जा रहा था बस और कुछ बोल नहीं रहा था । ) ।


पारुल: ( और भी गुस्सा होते हुए ) क्या!! अभी भी मुस्कुरा रहे हो!! शर्म वर्म तो है नी कुछ अरे! और होगी भी कैसे बेशरम जो ठहरे!! ।


सेम: ( मुस्कुराते हुए पारुल के गाल पे किस करते हुए ) सॉरी!! । ( पारुल की हाइट के जितना झुकते हुए ) ।


पारुल: ( गाल को छूते हुए कुछ कह नहीं पाती ) ।


सेम: वाउ यार तुम्हे चुप करवाना बिलकुल आसान है!! नहीं।


पारुल: ( सेम की बात सुनते ही शर्म से और भी लाल हो जाती है । ) ( बेशरम... कुता )।
सेम: अब गाली गलोच खतम हो गई हो तो बताओगी क्या हुआ है ।
पारुल: ( सिर को ना में हिलाते हुए ) ।
सेम: ( पारुल की ओर सवाल भरी नजरो से देखते हुए ) .. पारो.. ।
पारुल: सेम तुम कुछ कहो इससे पहले मेरी बात सुनो!! देखो माना प्रॉब्लम है पर मैं तुम्हे इसमें नहीं घसीटना चाहती और... ।
सेम: और ..? ।
पारुल: ( गहरी सांस लेते हुए ) आज जिस तरह से तुम्हे चिंता में देखा उसके बाद तो बिलकुल भी नहीं ।
सेम: पर पारो!! ।
पारुल: सेम!! अगर कुछ ऐसा हुआ जिससे में नहीं संभाल पाई तो में तुम्हे सबसे पहले बताऊंगी ।
सेम: ( ना चाहते हुए वह पारुल की बात मान लेता है ) वादा!! ।
पारुल: ( सेम के हाथ में हाथ रखते हुए ) वादा!! ।
सेम: लेकिन जिस दिन तुम्हे लगे की तुम सारी बाते बयान करने के लिए तैयार हो आई एम घेर याद रखना!! ।
पारुल: ( सिर को हां में हिलाते हुए ) ।

दोनो ही हॉल की ओर आगे बढ़ते हैं तभी सेम अचानक पारुल के करीब चहेरा करता है जिससे पारुल के चहेरे पे फिर से लाली आ जाती है । पारुल सेम की ओर देखे जा रही थी तभी सेम हंसते हुए कहता है कितना शर्माती हो यार तुम.. हाहाहाहाहा.. पारुल से दूर भागते हुए । पारुल गुस्से में सेम की ओर भागते हुए कहती है... गधे... चमकादड़ कहीं के .... । सेम पारुल से दूर भाग रहा था और पारुल उसके पीछे भाग रही थी ।