SIHR द्वारा  FARHAN KHAN in Hindi Novels
गर्मियों की सुस्त दुपहर में एक नौजवान लड़का जो सुपौल के सुनसान गलियारों से होता हुआ एक मदरसे कि तरफ जा रहा था। वह तकरीबन...
SIHR द्वारा  FARHAN KHAN in Hindi Novels
फरहान ने आमिल साहब कि बातें जैसे ही सुनी वह एकदम से चौंक गया और घबराहट से पूछने लगा—“आख़िर किस सच की बात कर रहे हो आप?”आ...