Tarkeshwer Kumar लिखित उपन्यास वो डरावनी चुड़ैल

वो डरावनी चुड़ैल द्वारा  Tarkeshwer Kumar in Hindi Novels
अचानक उस शहर से बच्चों की अर्थियां उठने लगी थी।सब हक्के बक्के थे। चारों और मातम पसरा हुआ था। किसी को कुछ खबर ना था की आख...
वो डरावनी चुड़ैल द्वारा  Tarkeshwer Kumar in Hindi Novels
कम से कम 1 किलो मीटर भागने के बाद वो रुका और जोर जोर से सांस लेने लगा और कमर पर हाथ रखते हुए पीछे पलट के देखा तो..1 हाथ...
वो डरावनी चुड़ैल द्वारा  Tarkeshwer Kumar in Hindi Novels
....लेकिन किसी के दिमाग में ये नहीं आया की उस बुजुर्ग को ढूंढ के इस घटना के बारे में बताया जाए और समाधान पूछा जाएं।सबने...
वो डरावनी चुड़ैल द्वारा  Tarkeshwer Kumar in Hindi Novels
सब लोग डर गए और बोले तू क्या कर रा हैं यहां तू तो नहीं आने वाला था ना।वो बोला कोई नहीं बचेगा सबको लेके चली जाऊंगी। और चु...
वो डरावनी चुड़ैल द्वारा  Tarkeshwer Kumar in Hindi Novels
पहले बच्चे और अब जवान। क्या हो रहा हैं।फिर से एक सभा बुलाई गई और सबसे उनके विचार मांगे गए।लेकिन किसी के दिमाग में ये नही...