31 March - Wo Din book and story is written by Amar Dayma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. 31 March - Wo Din is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
31 मार्च - वो दिन - उपन्यास
Amar Dayma
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
मै रोज की तरहां घंटी लगने पर ही स्कूल के लिए कमरे से निकलता था क्योकि मेरा कमरा स्कूल के बिल्कुल सामने ही था, उस दिन मै निकला और रोज़ की तरहां ही दौड़कर स्कूल की दुसरी मंजिल पर बैंग रखकर वापस निचे प्रार्थना सभा में आना था।(हमारी कक्षा दुसरी मंजिल पर लगती थी)
उस दिन को मेरी जिंदगी का ऐतिहासिक दिन बनना था यह मेरे को तनिक भी ज्ञात नहीं था।
मै दौड कर जैसे ही एक हाथ से सिढ्ढीयो की रेलिंग को पकड़ कर दो-दो, तीन -तीन सिढ्ढया चढ रहा था, मेरी नजरें दौड़ने के कारण निचे पांवों की तरफ़ थी अचानक मेरी किसी मलमल के गद्दे जैसी किसी चीज से टक्कर हुए, मैंने देखा कि मेरी टक्कर से कोई गिर गया है और अचानक ऊपर देखने से मै भी फिसल कर गिर गया।
अध्याय -1मै रोज की तरहां घंटी लगने पर ही स्कूल के लिए कमरे से निकलता था क्योकि मेरा कमरा स्कूल के बिल्कुल सामने ही था, उस दिन मै निकला और रोज़ की तरहां ही दौड़कर स्कूल की दुसरी मंजिल ...और पढ़ेबैंग रखकर वापस निचे प्रार्थना सभा में आना था।(हमारी कक्षा दुसरी मंजिल पर लगती थी) उस दिन को मेरी जिंदगी का ऐतिहासिक दिन बनना था यह मेरे को तनिक भी ज्ञात नहीं था। मै दौड कर जैसे ही एक हाथ से सिढ्ढीयो की रेलिंग को पकड़ कर दो-दो, तीन -तीन सिढ्ढया चढ रहा था, मेरी नजरें दौड़ने के कारण निचे