Rahashymai Haweli book and story is written by गुमनाम शायर in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Rahashymai Haweli is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
रहस्यमई हवेली - उपन्यास
गुमनाम शायर
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
एक परिवार छुट्टियां बनाने की प्लानिंग करता है.. रोहन उसकी बीवी शगुन और दो बच्चे आदित्य और आदि... शगुन कहती है के हम गांव के घर जाए और दोनो बच्चे आदित्य और आदि बोलते है के हिल स्टेशन जाए। बहुत देर तक बात चीत करने के बाद ये लोग ये फैसला करते है के हम अपनी पुश्तैनी हवेली जाएंगे। रोहन शगुन हवेली जाने के लिए तैयारियां शुरू कर देते है.. दूसरे दिन उन्हें सुबह 6 बजे हवेली के लिए निकलना है । रोहन शगुन से कहता है के तुम सब के समान की पैकिंग कर लो अभी से.... शगुन सब के कपड़े पैक करती है.. खाने पीने का सामा
एक परिवार छुट्टियां बनाने की प्लानिंग करता है.. रोहन उसकी बीवी शगुन और दो बच्चे आदित्य और आदि...शगुन कहती है के हम गांव के घर जाएऔर दोनो बच्चे आदित्य और आदि बोलते है के हिल स्टेशन जाए।बहुत देर तक ...और पढ़ेचीत करने के बाद ये लोग ये फैसला करते है के हम अपनी पुश्तैनी हवेली जाएंगे।रोहन शगुन हवेली जाने के लिए तैयारियां शुरू कर देते है.. दूसरे दिन उन्हें सुबह 6 बजे हवेली के लिए निकलना है ।रोहन शगुन से कहता है के तुम सब के समान की पैकिंग कर लो अभी से....शगुन सब के कपड़े पैक करती है.. खाने
रोहन उस पागल को गुस्सा करके भगा देता है.लेकिन शगुन डर जाती है,और घबरा जाती है बच्चो को अपने सीने से लगा लेती है..रोहन शगुन को कहता है के वो पागल था डरो मत और ढाबा चलते है फ्रेश ...और पढ़ेजाते है और कुछ खा लेते है।वो लोग जाते है और टेबल पर बैठ जाते है खाने का ऑर्डर देते है...एक आदमी लगड़ाते हुए खाना ले कर आता है और टेबल पर रख देता है और वो घूर घूर कर रोहन शगुन और बच्चो की तरफ देखने लगत है।शगुन उस व्यक्ति को देख कर थोड़ा सहम जाती है.और खाना खाने
शगुन रोहन से कहती है शायद थकान की वजह से और नींद भी आ रही होगी आपको,...रोहन सोचता है और सर हिला कर कहता है शायद हा,ऐसा ही हुआ होगा,...रोहन पानी से अपना मुंह धोता है और फिर से ...और पढ़ेस्टार्ट कर के हवेली की और बढ़ने लगता है।कुछ दूर ही पहुंचता है के अचानक कार खराब हो जाती है.रोहन बार बार स्टार्ट करने की कोशिश करता है कार स्टार्ट नही होती। रोहन परेशान हो जाता है।रोहन कार से बाहर आ जाता है और बोनेट खोल कर देखता है उसके पीछे शगुन भी उसके साथ आ जाती है और मोबाइल
तूफानी हवाएं और गहरा सन्नाटा हमने कार हवेली के गेट के पास रोक दी..रोहन कार से निकले और हवेली का गेट खोला और हम हवेली के अंदर चले गए.. हवेली मैं बिजली नही थी.हमने अपने मोबाइल की लाइट ऑन ...और पढ़ेऔर कमरे की और जाने लगे।ये सब थक गए थे सोचा के आज एक कमरे मैं रह लेते है कल सुबह देखेंगे, मेरी नजर अचानक दीवारों पर लगी तस्वीरों पर गई.और उन तस्वीरों को देख कर लग रहा था के ये तस्वीरे कुछ कहना चाह रही है।शगुन बच्चो को ले कर कमरे के और बढ़ती है...और कमरे का दरवाजा खोलने
आदित्य और आदि बाहर गार्डन में क्रिकेट मैच खेल रहे होते हैं..आदि बोलिंग करता है और आदित्य बैटिंग।आदि की एक बोल पर आदिया शॉट मरता है और बोल झाड़ियों मैं चली जाती है। आदित्य और आदि बोल लेने के ...और पढ़ेझाड़ियों की तरफ जाते है। झाड़ियों मैं पेड़ के सूखे पत्तों का अंबार होता है और बॉल उसमे कही पढ़ी होती है...दोनो बच्चेबॉल ढूंढते है अचानक आदित्य को ऐसा लगता है के उसका पैर किसी ने पकड़ लिया हो वो हिलने की कोशिश करता है.लेकिन हिल नही पाता..फिर वो जोर जोर से शोर मचाने लगता हैं और अपने पापा रोहन