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चांद की छाया में दहाड़ राजस्थान की रहस्यमयी कहानी - उपन्यास
HDR Creations
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
राजस्थान की रेतीली धरती पर, जहां इतिहास के किस्से हवा में घूमते हैं, एक ऐसा रहस्य छुपा है जो सदियों से लोगों को खौफ में डाले हुए है। ये कहानी है एक ऐसे वेयरवूल्फ की, जो चांद की रोशनी में अपना असली रूप धारण कर निर्दोषों को अपना शिकार बनाता है।
कहानी शुरू होती है जैसलमेर के सुनहरे रेगिस्तान में बसे, मरुधर गांव से। गाँव के बुजुर्गों की मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा की रात को जब चांद रेत के टीलों पर अपना जादू बिखेरता है, तो अंधेरी पहाड़ियों से एक दहाड़ गूंज उठती है। यही दहाड़ वेयरवूल्फ की दहाड़ होती है, जिसे स्थानीय लोग "रक्त पिशाच" कहते हैं।
गाँव वालों के मुताबिक, कई साल पहले गाँव के राजा ने जंगल के संरक्षक देवता का अपमान किया था। इससे नाराज होकर देवता ने राजा को श्राप दिया कि हर पूर्णिमा की रात वह वेयरवूल्फ बन जाएगा और ग्रामीणों को अपना शिकार बनाएगा। राजा की मौत के बाद भी यह श्राप हर पीढ़ी में राजवंश के किसी एक वंशज को लगता रहा।
राजस्थान की रेतीली धरती पर, जहां इतिहास के किस्से हवा में घूमते हैं, एक ऐसा रहस्य छुपा है जो सदियों से लोगों को खौफ में डाले हुए है। ये कहानी है एक ऐसे वेयरवूल्फ की, जो चांद की रोशनी ...और पढ़ेअपना असली रूप धारण कर निर्दोषों को अपना शिकार बनाता है। कहानी शुरू होती है जैसलमेर के सुनहरे रेगिस्तान में बसे, मरुधर गांव से। गाँव के बुजुर्गों की मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा की रात को जब चांद रेत के टीलों पर अपना जादू बिखेरता है, तो अंधेरी पहाड़ियों से एक दहाड़ गूंज उठती है। यही दहाड़ वेयरवूल्फ की दहाड़ होती
*अध्याय 2: अतीत के पन्नों को पलटना**जयंत अपने चाचा रविंद्र के साथ गुफा में लौटा, उसके दिमाग में सवालों का जाल घूम रहा था। रविंद्र मशाल जलाकर गुफा की दीवारों पर बने चित्रों की ओर इशारा किया। ये चित्र ...और पढ़ेराजवंश के शासनकाल के दृश्यों को दर्शाते थे, साथ ही कुछ विचित्र प्रतीकों को भी दिखाते थे।"ये प्रतीक पीढ़ियों से चले आ रहे हैं," रविंद्र ने समझाया। "वे उस शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसे राजवंश ने हासिल करने की कोशिश की थी, वही शक्ति जिसने श्राप को जन्म दिया।"जयंत ने सोचा, "तो श्राप असली था?""हाँ," रविंद्र ने पुष्टि की।