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कौन हो तुम - उपन्यास
rubA
द्वारा
हिंदी लघुकथा
राधिका ,राधिका वापस आओ।।
बारिश होने वाली है, हमें घर चलना चाहिए ।देखो मौसम कितना खराब हो रहा है और तुम हो कि भीगने जा रही हो।
आशी ने अपने बैग से छाता निकालते हुए राधिका की ओर देखते हुए कहा ।
राधिका- तुम्हें तो सिर्फ बोरिंग कामों में ही मजा आता है, देखो न कितना अच्छा मौसम हो रहा है ।ठंडी-ठंडी हवा, आसमान में काले-काले बादल, हल्की-सी बारिश और साथ में चाय ।।।।।।वाह चाय ! मजा आ जाएगा ।अरे वो देखो चाय की दुकान, चलो न चाय पीते हैं और फिर घर चलेंगे आशी ।वैसे भी कौन सा पहाड़ तोड़ना है हमें घर पर।।
(राधिका और आशी दोनों दोस्त हैं ।दोनों एक साथ ही काम करती हैं और दोनों ने साथ ही अपनी पढ़ाई भी पूरी की है ।।।)
राधिका की बात सुनते ही आशी ने कहा-तुम्हें तो पता है न मैं इस वक़्त बाहर नहीं रह सकती ।मुझे बारिश पसंद नहीं, मुझे डर लगता है............इस बारिश से । ये कहते हुए आशी राधिका का हाथ पकड़ लेती है और कहती है, "चलो घर चलते हैं ।अगर बारिश शुरू हो गई तो फिर हम घर कैसे पहुंचेगे ।
राधिका ,राधिका वापस आओ।। बारिश होने वाली है, हमें घर चलना चाहिए ।देखो मौसम कितना खराब हो रहा है और तुम हो कि भीगने जा रही हो। आशी ने अपने बैग से छाता निकालते हुए राधिका की ओर देखते ...और पढ़ेकहा । राधिका- तुम्हें तो सिर्फ बोरिंग कामों में ही मजा आता है, देखो न कितना अच्छा मौसम हो रहा है ।ठंडी-ठंडी हवा, आसमान में काले-काले बादल, हल्की-सी बारिश और साथ में चाय ।।।।।।वाह चाय ! मजा आ जाएगा ।अरे वो देखो चाय की दुकान, चलो न चाय पीते हैं और फिर घर चलेंगे आशी ।वैसे भी कौन सा पहाड़
भाग -2 ( जोरों की बारिश शुरू हो गई थी।बारिश इतनी तेज थी कि उसने आशी और राधिका को वही रूकने को मजबूर कर दिया ।।।) अब आगे ......... राधिका ने आशी को एक शेड के निचे खड़ा किया ...और पढ़ेउसे अपना जैकेट देते हुए कहा ...... आशी तुम यहीं रुको मैं किसी से लिफ्ट मांगती हूँ । आशी-तुम्हें इस वक़्त कौनलिफ्ट देगा, सड़क सुनसान है कोई भी नहीं है यहाँ । यहीं रुको और बारिश रुकने का इंतजार करते हैं।। तभी गाड़ी की लाइट्स जलती है ।।।राधिका खुशी से- लगता है कोई आ रहा है, मैं मदद मांगती
भाग-3 ( राधिका और आशी बारिश में फंस जाते हैं, दोनों किसी अजनबी से लिफ्ट मांगकर किसी तरह अपने घर पहूँचते हैं । लेकिनलिफ्ट देने वाले इंसान का आशी को यूं देखना राधिका को अजीब लगता है, लेकिन राधिका ...और पढ़ेभी नहीं कहती और आशी को लेकर किसी तरह घर पहूँचती है ।) अब आगे ......... राधिका की माँ दरवाजे पर ही राधिका और आशी का इंतजार कर रहीं थीं । राधिका और आशी को देखते ही वह जल्दी से बाहर आती हैं ।और दोनों को