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पलायन - उपन्यास
राज कुमार कांदु
द्वारा
हिंदी क्लासिक कहानियां
वह युवा सोशल मीडिया पर एक जाना पहचाना नाम बन गया था। लोगों तक पहुँचकर जन समस्याओं की पड़ताल करना और सरकार के बारे में उनकी राय सोशल मीडिया पर ज्यों की त्यों दिखाना उसका कार्य था।आज वह लोगों की नहीं अपनी खुद की राय लोगों से साझा करनेवाला था और शायद इसीलिए बड़ा दुःखी नजर आ रहा था। माइक थामकर उसने सबका अभिवादन किया और बोलना शुरू किया, " साथियों, नमस्कार ! स्वागत है आप सभी का मेरे और आपके अपने पसंदीदा चैनल 'जन की बात' पर ! लोगों से जुड़े मुद्दे, उनकी परेशानियाँ, उनके विचार उनकी ही जुबानी
वह युवा सोशल मीडिया पर एक जाना पहचाना नाम बन गया था। लोगों तक पहुँचकर जन समस्याओं की पड़ताल करना और सरकार के बारे में उनकी राय सोशल मीडिया पर ज्यों की त्यों दिखाना उसका कार्य था।आज वह लोगों ...और पढ़ेनहीं अपनी खुद की राय लोगों से साझा करनेवाला था और शायद इसीलिए बड़ा दुःखी नजर आ रहा था। माइक थामकर उसने सबका अभिवादन किया और बोलना शुरू किया, " साथियों, नमस्कार ! स्वागत है आप सभी का मेरे और आपके अपने पसंदीदा चैनल 'जन की बात' पर ! लोगों से जुड़े मुद्दे, उनकी परेशानियाँ, उनके विचार उनकी ही जुबानी
कोरोना की पहली लहर से सबक न लेते हुए सरकार ने इस बीमारी से लड़ने का कोई कारगर उपाय नहीं किया जिसका नतीजा यह निकला कि गंगा का पानी लाशों से पट गया। गंगा किनारे रेत में गड़े इंसानी ...और पढ़ेको कुत्तों द्वारा नोचने का शर्मनाक दृश्य पूरी दुनिया ने देखा। सभ्यता, संस्कृति व धर्म की दुहाई देनेवाली यह सरकार जीते जी अपने नागरिकों को इलाज की सुविधा तो नहीं ही उपलब्ध करा पाई, मरने के बाद कइयों को चिता की अग्नि भी नसीब ना हुई। सब कुछ ठीक होने जा ही रहा था कि कोरोना का नया दौर फिर